महोबा (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां दो भाइयों का ऐसा अटूट रिश्ता देखने को मिला जिसने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। बड़ा भाई बीमारी से जूझते-जूझते मौत की आगोश में चला गया और जैसे ही यह खबर छोटे भाई तक पहुँची, उसने सदमे में दम तोड़ दिया। दोनों भाइयों की अर्थियां जब एक साथ उठीं तो गांव में ऐसा माहौल बना कि हर किसी की आंखें नम हो गईं।
कहां की है घटना?
आपको बता दें कि यह दर्दनाक घटना महोबा जिले की कुलपहाड़ तहसील के सुंगिरा गांव की है। यहां रहने वाले कल्लू कुशवाहा लंबे समय से बीमार थे। परिवार वालों ने उनका इलाज झांसी, ग्वालियर और सैफई मेडिकल कॉलेज तक करवाया, लेकिन आखिरकार कल्लू ने बीती शाम इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
छोटे भाई ने नहीं झेला सदमा :
गौरतलब है कि बड़े भाई कल्लू की मौत की खबर जैसे ही गांव और घर पहुँची, उनका छोटा भाई प्यारे लाल कुशवाहा यह खबर सुनते ही बुरी तरह टूट गया। परिजनों के मुताबिक, प्यारे लाल अपने बड़े भाई से बेहद लगाव रखते थे। वे उनसे बेहद स्नेह करते थे। जब बड़े भाई की तबियत खराब थी तो वह लगातार उनकी तबीयत और इलाज की जानकारी लेते रहते थे। लेकिन जब उन्हें यह खबर मिली कि उनके बड़े भाई कल्लू अब नहीं रहे, तो वह गहरा सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके और उसी समय उनकी भी दर्दनाक मौत हो गई।
परिवार में मातम, बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस घटना ने पूरे परिवार को हिलाकर रख दिया है। पूरा परिवार इस घटना से गमगीन है। बताया जा रहा है कि प्यारे लाल के तीन बेटे हैं और दोनों भाइयों के परिवार आपस में मिलकर ही खेती-बाड़ी करते थे। गांव के लोग कहते हैं कि दोनों भाई हमेशा साथ रहते थे और एक-दूसरे के बिना अधूरे थे। अब दोनों की मौत से पूरा परिवार ही टूट गया है।
दो भाइयों की साथ उठीं अर्थियां :
गौरतलब है कि गांव में जब दोनों भाइयों की अर्थियां एक साथ उठीं तो हर कोई फूट-फूटकर रो पड़ा। लोगों का कहना था कि यह घटना इंसानी रिश्तों और भाईचारे का सबसे बड़ा उदाहरण है। पूरा गांव गमगीन हो गया और हर तरफ सन्नाटा फैल गया।
सामाजिक संदेश :
आपको बता दें कि यह घटना सिर्फ एक परिवार की निजी त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए भावुक करने वाली कहानी है। भाइयों के बीच अटूट प्यार और रिश्तों की गहराई ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है।
इस पूरे मामले ने सिर्फ महोबा ही नहीं बल्कि पूरे बुंदेलखंड में लोगों को भावुक कर दिया है। दो भाइयों के बीच का यह “जन्म-जन्म का साथ” आखिरकार “मौत” में भी कायम रहा।