वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को एक और बड़ा तोहफ़ा मिलने जा रहा है। उत्तर प्रदेश का पहला नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) कैंपस वाराणसी के शहंशाहपुर में स्थापित होने जा रहा है। यह कैंपस 35 एकड़ में फैला होगा और यहां पढ़ाई, रिसर्च और आधुनिक फॉरेंसिक जांच की सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
यह सिर्फ़ एक विश्वविद्यालय नहीं बल्कि पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए हाई-टेक सपोर्ट सेंटर भी साबित होगा, क्योंकि यहां पर जघन्य अपराधों और पेचीदा मामलों में फॉरेंसिक जांच की मदद दी जाएगी।
यूपी में पहली शाखा, देशभर में बढ़ेगा दायरा :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की अब तक शाखाएं गुजरात, गोवा, त्रिपुरा, भोपाल, गुवाहाटी और मणिपुर में हैं। अब उत्तर प्रदेश की पहली ब्रांच वाराणसी में खुलने जा रही है। यहां लैब के साथ-साथ फॉरेंसिक साइंस, अपराध अन्वेषण और साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन से जुड़े कोर्स शुरू होंगे। यहां पर विशेषज्ञता और रिसर्च पर खास ज़ोर दिया जाएगा। इससे राज्य की पुलिस और जांच एजेंसियों को आधुनिक तकनीक की मदद मिलेगी और केस साल्व करने की रफ्तार तेज़ होगी।
शहंशाहपुर की ज़मीन फाइनल :
गौरतलब है कि काफी समय से इस यूनिवर्सिटी के लिए ज़मीन की तलाश चल रही थी। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रशासन ने तीन जगह प्रस्ताव भेजे, शहंशाहपुर, रमना और रिंग रोड किनारे। निरीक्षण के बाद शहंशाहपुर की 35 एकड़ ज़मीन फाइनल की गई। ज़मीन का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा गया है, क्योंकि NFSU सीधे गृह मंत्रालय के अधीन आता है।
शहंशाहपुर बनेगा बड़ा हब – इंडस्ट्रियल एरिया + बायोगैस प्लांट :
विदित है कि वाराणसी का शहंशाहपुर आने वाले वक्त में बड़ा औद्योगिक और वैज्ञानिक हब बनने जा रहा है। यहां 188 एकड़ ज़मीन पर नया इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने की योजना है। 7 एकड़ में पहले से ही अडानी ग्रुप का CBG (कंप्रेस्ड बायोगैस) प्लांट चल रहा है, जिसे पीएम मोदी ने 2021 में उद्घाटित किया था। यह रोज़ाना 3150 किलो बायोगैस उत्पादन करता है।
क्यों खास है यह यूनिवर्सिटी? :
गौरतलब है कि अपराध जांच में फॉरेंसिक विज्ञान की सीधी मदद ली जाती है। इससे यूपी के छात्रों को मिलेगा इंटरनेशनल लेवल की पढ़ाई का मौका मिलेगा। इसके साथ ही इससे पुलिस और एजेंसियों की क्षमता कई गुना बढ़ेगी। वाराणसी का महत्व एक शिक्षा और टेक्नोलॉजी हब के तौर पर और बढ़ेगा
कुल मिलाकर, यह कैंपस वाराणसी को शिक्षा, उद्योग और विज्ञान; तीनों क्षेत्रों में नई ऊंचाई देगा। औऱ वाराणसी को धार्मिक के साथ तकनीकी नगर के रूप में भी स्थापित करेगा।