नई दिल्ली : भारत एक बार फिर चंद्रमा की तरफ छलांग लगाने वाला है, लेकिन इस बार खेल अलग है बड़ा है और दुनिया के सिर्फ तीन देश अब तक कर पाए हैं। इसरो ने आधिकारिक तौर पर ऐलान कर दिया है कि चंद्रयान-4 वर्ष 2028 में लॉन्च होगा। और यह कोई साधारण चंद्र मिशन नहीं, बल्कि भारत का पहला “सैंपल रिटर्न मिशन” होगा, यानी चांद की मिट्टी और पत्थर धरती पर लाए जाएंगे। जिस मिशन में जरा सी गलती भी पूरा प्रोजेक्ट बर्बाद कर देती है!
क्यों सबसे खतरनाक और खास है चंद्रयान-4?
आपको बता दें कि इसरो चीफ वी. नारायणन ने साफ कहा कि “यह अब तक का हमारा सबसे जटिल मिशन होगा।” जिसमें चांद पर लैंडर जाएगा, मिट्टी के नमूने जुटाएगा, रोवर उसे कैप्सूल में पैक करेगा और एक मिनी-रॉकेट चांद की कक्षा से उड़ान भरेगा और धरती तक सुरक्षित लाकर गिराएगा यानि वही मिशन, जिसे अमेरिका, रूस और चीन ही कर पाए हैं। अब भारत इस ‘एलीट क्लब’ में एंट्री लेने जा रहा है।
LOPEX मिशन भी साथ; चांद के साउथ पोल की जांच में भारत-जापान की जोड़ी :
गौरतलब है कि भारत और जापान मिलकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की जमीन, बर्फ और पानी का अध्ययन करेंगे। यानी चांद पर पानी की खोज अब नए फेज में प्रवेश करेगी।
भारत का मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान:
आपको बता दें कि इसरो चीफ ने खुलासा किया कि मानव मिशन 2027 में ही लॉन्च होगा उससे पहले 3 बिना-मानव वाले टेस्ट मिशन होंगे यानी अंतरिक्ष में जाने वाले अगला भारतीयों का चयन हो चुका है। मोदी सरकार ने इसरो को नया टारगेट भी दिया है कि 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को चांद पर भेजकर वापस लाना। यानी भारत का अपना चाँद पर चलना आने वाले सालों में तय है।
भारत का अपना स्पेस स्टेशन भी आ रहा है; 2035 तक अंतरिक्ष में दौड़ेगा ‘भारतीय स्टेशन’ :
विदित है कि ISRO चीफ ने कहा कि भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च होगा। 2035 तक पूरा स्टेशन तैयार हो जाएगा। अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरा देश बन जाएगा जिसके पास अपना स्पेस स्टेशन होगा। यह भारत की स्पेस ताकत को दुनिया में अलग लेवल पर खड़ा कर देगा।
44 अरब डॉलर की स्पेस इकॉनमी; भारत बनेगा अंतरिक्ष महाशक्ति :
भारत की अंतरिक्ष इकोनॉमी 8.2 अरब डॉलर से 2033 तक 44 अरब डॉलर होने जा रही है। भारत का लक्ष्य ग्लोबल स्पेस मार्केट में हिस्सा 2% से बढ़ाकर 8% करना है। आज देश में 450+ स्पेस इंडस्ट्री, 330+ स्पेस स्टार्टअप सक्रिय हैं, जबकि कुछ साल पहले सिर्फ 3 थे।
भारत अगले 4 साल भारत को स्पेस सुपरपावर बनाने वाले हैं। चंद्रयान-4 सिर्फ एक मिशन नहीं, भारत की अंतरिक्ष क्रांति का नया अध्याय है जहां चांद से नमूने लाना अब सिर्फ सपना नहीं, बल्कि 2028 का टारगेट है। भारत अब चांद को सिर्फ छूने नहीं, बल्कि सैंपल लेकर धरती पर लाने जा रहा है।