नई दिल्ली : देशभर में पुरानी गाड़ियों की जेब कटनी अब तय है! सड़क परिवहन मंत्रालय (MoRTH) ने गाड़ियों के फिटनेस टेस्ट की फीस में बंपर बढ़ोतरी कर दी है। कुछ कैटेगरी में 10 गुना तक का झटका मिला है। सरकार का दावा है कि पुरानी गाड़ियां सड़कों पर सुरक्षा जोखिम और हवा में जहर बढ़ा रही है अब इन्हें सख्ती से टेस्ट किया जाएगा। मगर हकीकत यह है कि सबसे बड़ा बोझ आम वाहन मालिकों और ट्रांसपोर्टरों पर पड़ेगा।
कितनी बढ़ी फिटनेस फीस? नई दरें चौंकाने वाली हैं :
आपको बता दें कि अब गाड़ियों को उम्र के आधार पर 3 कैटेगिरी में बांट दिया गया है:
1. 10–15 साल पुरानी गाड़ियां :
●बाइक: ₹400
●कार/LMV: ₹600
●मीडियम–हैवी व्हीकल: ₹1,000
2. 15–20 साल पुरानी गाड़ियां :
●बाइक: ₹600
●थ्री-व्हीलर: ₹400–600
●कार/LMV: ₹1,000
●MGV/MPV: ₹1,800
●ट्रक/बस: ₹2,500
3. 20 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियां; सबसे बड़ा झटका!
●बाइक: ₹2,000
●कार: ₹15,000
●ट्रक/बस: ₹25,000
यानी अगर आपकी कार 20 साल पुरानी है तो फिटनेस कराने में 15,000 रुपये देने होंगे। पहले के मुकाबले 10 गुना ज्यादा देना होगा।
सरकार ने क्यों बढ़ाई फिटनेस फीस?
MoRTH के अनुसार पुरानी गाड़ियां सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं, इंजन खराब होने से सड़क हादसों की संभावना बढ़ती है। स्क्रैपिंग पॉलिसी को बढ़ावा देना और लोग नई टेक्नोलॉजी वाली EV/BS6 गाड़ियां खरीदें यह भी सरकार का लक्ष्य है। सरकार की मंशा पर्यावरण बचाने की है, मगर इससे लाखों वाहन मालिकों पर सीधा आर्थिक बोझ पड़ेगा।
पुरानी गाड़ियों वालों के लिए डबल झटका :
गौरतलब है कि सबसे बड़ा झटका पुरानी गाड़ियों वालों के लिए लगा है:
●फिटनेस फीस महंगी
●फेल हो जाए तो री-टेस्ट की फीस भी बढ़ी
●पुरानी गाड़ी की रिसेल वैल्यू और गिरेगी
●मेंटेनेंस नहीं किया तो गाड़ी सीधा स्क्रैप में जाएगी
ट्रांसपोर्ट सेक्टर का दावा है कि “छोटे व्यापारी, ट्रक मालिक और ऑटो चालक सबसे ज्यादा बर्बाद होंगे।”
फिटनेस सर्टिफिकेट अब 10 साल में अनिवार्य :
पहले फिटनेस 15 साल बाद जरूरी था। अब हर 10 साल पर फिटनेस टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। इससे RTO टेस्टिंग सेंटरों में आने वाले महीनों में लंबी लाइनें लगनी तय हैं।
स्क्रैपिंग पॉलिसी को सरकार का बड़ा धक्का :
आपको बता दें कि सरकार का स्पष्ट संकेत है कि पुरानी गाड़ियां चलाना महंगा बनाओ, लोग उन्हें स्क्रैप करें, नई गाड़ी लें जिससे प्रदूषण भी कम होगा और अर्थव्यवस्था भी चलेगी।
क्या करें वाहन मालिक? ज़रूरी सलाह :
●फिटनेस से पहले इंजन, ब्रेक, लाइट, एमिशन सही करा लें
●नियमित सर्विसिंग शुरू कर दें
●RC और इंश्योरेंस वैध रखें
अगर गाड़ी 20 साल के पास है तो अभी से प्लान बना लें। नई/सेकंड हैंड गाड़ी खरीदना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
यह फैसला पर्यावरण और सड़क सुरक्षा के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन इसने लाखों वाहन मालिकों को बड़ी आर्थिक चोट दे दी है। आने वाले महीनों में फिटनेस और स्क्रैपिंग, दोनों पर भगदड़ देखने को मिलेगी। अगर आप भी पुरानी कार/बाइक चलाते हैं तो अब संभल जाएं क्योंकि सरकार की नई फिटनेस पॉलिसी आपकी जेब हल्की करने वाली है।