UP के इन 12,492 गांवों की बदलेगी किस्मत, मिलेंगी शहरों जैसी सुविधाएं!: सरकार का अब तक का सबसे बड़ा ग्रामीण विकास मिशन; डिजिटल लाइब्रेरी, शवदाह गृह, सोलर स्ट्रीट लाइट से लेकर...
UP के इन 12,492 गांवों की बदलेगी किस्मत, मिलेंगी शहरों जैसी सुविधाएं!

लखनऊ : यूपी सरकार ने ग्रामीण विकास में अब तक का सबसे बड़ा मास्टर प्लान लॉन्च कर दिया है। राज्यभर के 12,492 गांव चुने गए हैं, जहां अगले कुछ महीनों में ऐसी सुविधाएं मिलेंगी जो अभी तक सिर्फ शहरों में देखी जाती थीं। डिजिटल लाइब्रेरी, आधुनिक शवदाह गृह, सोलर स्ट्रीट लाइट, बोरवेल, मोटर शेड, शौचालय, पेयजल व्यवस्था और हर सरकारी योजना का 100% लाभ। यह गांव इसलिए चुने गए हैं क्योंकि यहां 40% से ज्यादा आबादी अनुसूचित जाति समुदाय की है। सरकार का लक्ष्य है कि “SC अधिक गांव पूर्णतः विकसित गाँव बनेंगे।”।

क्या होगा इन 12,492 गांवों में? पहली बार इतनी सुविधाएँ एक साथ :

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने इन गांवों को मॉडल ग्राम बनाने का फैसला किया है। इनमें मिलेगी -

●डिजिटल लाइब्रेरी
●आधुनिक शवदाह गृह
●सोलर स्ट्रीट लाइटें
●पेयजल की पूरी व्यवस्था
●बोरवेल और मोटर शेड
●विद्यालय-आंगनबाड़ी में नए शौचालय
●हर सरकारी योजना की 100% कवरेज
●गांव का सम्पूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड

सरकार का मानना है कि इन सुविधाओं से ग्रामीणों का जीवन “शहरी स्तर” के बराबर पहुंचेगा।

कितने गांवों में काम शुरू? कितने पूरे?

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के एमडी शिव प्रसाद ने बताया कि 2562 गांवों में विकास कार्यों को मंजूरी दी गयी है। 910 गांवों में काम पूरा शुरू किया गया है। बाकी में निर्माण तेजी से जारी है। यह रिपोर्ट दिखाती है कि योजना सिर्फ कागज पर नहीं, जमीन पर तेज रफ्तार से चल रही है।

गांवों में ऐसे बदलेगी ज़िंदगी; बड़ा असर :

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रात में अंधेरा खत्म करने के लिए सोलर स्ट्रीट लाइट से सुरक्षा और सुविधा बढ़ेगी। शालीन विदाई के लिए आधुनिक शवदाह गृह बनाये जाएंगे। आंगनबाड़ी-स्कूलों में साफ शौचालय और महिलाओं और बच्चों के लिए बड़ी राहत मिलेगी। दूर-दराज के बच्चों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी बनेगी जिससे गांव में ही स्मार्ट पढ़ाई जारी रहेगी। हर घर तक सरकार की योजनाएं सीधे पहुँचेंगी। पेयजल की समस्या खत्म, बोरवेल और पाइपलाइन सिस्टम मजबूत होगा। यह मॉडल भविष्य में पूरे राज्य में लागू किया जा सकता है।

क्यों चुने गए सिर्फ SC बहुल गांव?

सरकार का तर्क जिन गांवों में मूलभूत सुविधाएं सबसे कम हैं और जहां दशकों से विकास की रफ्तार धीमी रही और जहां सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन ज्यादा वैसे गांव को ही चुना गया है। वहीं, विपक्ष का आरोप है कि “सरकार वोटबैंक साधने के लिए SC गांव चुन रही है।"

यूपी का सबसे बड़ा ‘ग्राम पुनर्निर्माण मिशन’ शुरू हो चुकी है। यह योजना सफल हुई तो अगले दो वर्षों में उत्तर प्रदेश के 12,492 गांव पूरी तरह बदले हुए दिखाई देंगे। गांव में इंटरनेट, स्ट्रीट लाइट, लाइब्रेरी, जल सुविधा और स्वच्छता के साथ यह प्रोजेक्ट अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल बन सकता है।

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