स्वास्थ्य : यूपी के मुजफ्फरनगर की एक शादी में बज रहे तेज DJ ने 14 साल की बच्ची की जान ले ली।
शोर इतना अधिक था कि बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ी और अस्पताल पहुँचते ही डॉक्टरों ने हार्ट अटैक बताया। यह सिर्फ एक हादसा नहीं यह चेतावनी है, क्योंकि तेज आवाज़ सिर्फ कान नहीं फाड़ती, दिल, दिमाग और मानसिक स्थिरता तक तोड़ देती है।
DJ की आवाज़ पर नियम और कानून_एक नज़र
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय ध्वनि प्रदूषण (नियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 के तहत रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक DJ/लाउडस्पीकर पर पूरी तरह रोक है। DJ चलाने के लिए प्रशासन से अनुमति अनिवार्य है। उल्लंघन पर DJ जब्त के साथ चालान / FIR और आर्थिक जुर्माना लगाया जा सकता है। फिर भी शादियों, बारातों, जागरण और पार्टियों में नियमों की धज्जियाँ उड़ती हैं और इसका खामियाज़ा लोगों की सेहत को चुकाना पड़ता है।
कितनी आवाज़ सेहत के लिए खतरनाक है?
गौरतलब है कि एक्सपर्ट बताते हैं कि :
0–180 dB - मानव सुनने की सीमा
85 dB से अधिक - स्वास्थ्य के लिए खतरनाक
70 dB+ - लंबे समय तक रहने पर मानसिक तनाव
120 dB - प्रेग्नेंट महिला के लिए घातक, बच्चा बहरा पैदा हो सकता है
80 dB 20 मिनट - सुनने की क्षमता स्थायी रूप से घट सकती है
शादियों में DJ की सामान्य आवाज़ ही 110–125 dB होती है। यानी हार्ट, ब्रेन और कान तीनों पर सीधा असर होता है।
तेज आवाज़ किन-किन बीमारियों की जड़ है?
गौरतलब है कि CDC और ENT विशेषज्ञों के अनुसार तेज आवाज से निम्नलिखित खतरें बढ़ सकते हैं:
हार्ट अटैक
आपको बता दें कि तेज आवाज़ एड्रेनालिन बढ़ाती है। दिल की धड़कन अनियमित होती है, जिससे हार्ट अटैक की आशंका बढ़ती है।
ब्रेन हेमरेज का खतरा
विदित है कि उच्च dB प्रेशर वेव्स दिमाग की नसों पर असामान्य दबाव डालती हैं।
बहरेपन की शुरुआत (Hearing Loss)
गौरतलब है कि 80 dB से ऊपर की आवाज़ कान के सेंसेटिव सेल्स को स्थायी रूप से नुकसान पहुँचाती है।
मानसिक तनाव और चिड़चिड़ापन
आपको बता दें कि अत्यधिक शोर कोर्टिसोल (Stress Hormone) बढ़ाता है। नतीजतन इससे गुस्सा, बेचैनी, डिप्रेशन बढ़ता है।
नींद न आना (Insomnia)
विदित है कि शोर नींद के चक्र को बिगाड़ देता है। यह बीमारी अब युवा पीढ़ी में तेजी से बढ़ रही है।
हाई BP और हृदय संबंधी समस्याएं
लगातार शोर BP को खतरनाक स्तर तक बढ़ाता है।
किसे सबसे ज्यादा खतरा?
आपको बता दें कि सबसे ज्यादा खतरा निम्नलिखित लोगों को होता है:
गर्भवती महिलाएँ
शिशु और छोटे बच्चे
60+ आयु वर्ग
हार्ट मरीज
हाई BP वाले लोग
नींद न आने की समस्या वाले लोग
पुरानी बीमारियों से जूझ रहे मरीज
भारत में आवाज़ की कानूनी लिमिट क्या है?
| क्षेत्र | दिन (dB) | रात (dB) |
|---|---|---|
| औद्योगिक | 75 | 70 |
| व्यावसायिक | 65 | 55 |
| रिहायशी | 55 | 45 |
| साइलेंट ज़ोन | 50 | 40 |
शादियों में DJ की आवाज़ 110 से 125 dB होती है यानी कानून से दोगुनी–तीन गुनी अधिक होती है।
तेज DJ क्यों जानलेवा है?
विदित है कि तेज DJ से शरीर में दिल की धड़कन सेकंडों में तेज हो जाती है। ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाता है। दिमाग में दबाव बढ़ता है और हार्ट-नर्वस सिस्टम ओवरलोड हो जाता है परिणामतः हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। यही मुजफ्फरनगर की छात्रा के साथ हुआ।
शोर से बचने के आसान उपाय
तेज आवाज़ वाले कार्यक्रमों से दूरी रखें
लाउडस्पीकर के पास कभी न खड़े हों
नॉइज़ कैंसिलेशन इयरप्लग/हेडफोन का इस्तेमाल करें
शोरगुल में कुछ देर बाद ब्रेक लें
शरीर में चक्कर, सिरदर्द या अनइजीनेस लगे तुरंत वहाँ से हटें।
मुजफ्फरनगर की 14 साल की बच्ची की मौत ने साफ कर दिया है कि DJ का तेज शोर सिर्फ कान नहीं फाड़ता यह दिल की धड़कन रोक सकता है, दिमाग हिला सकता है और मानसिक संतुलन तोड़ सकता है। कानून मौजूद हैं, लिमिट तय है, लेकिन सच्चाई यह है कि शादियों का शोर लोगों की जिंदगी से बड़ा होता जा रहा है।
तेज आवाज़ कोई मनोरंजन नहीं बल्कि धीमी, अदृश्य और खतरनाक मौत है, जो हर उम्र, हर व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती है। इसलिए इससे सावधान रहने की जरूरत है।