नोएडा में बनेगी पहली ऑटोमैटेड पज़ल पार्किंग!: 100 वाहनों की क्षमता, सिर्फ 3-6 मिनट में होगी पार्किंग, इतने करोड़ होंगे खर्च
नोएडा में बनेगी पहली ऑटोमैटेड पज़ल पार्किंग!

नोएडा : नोएडा प्राधिकरण शहर की पार्किंग समस्या को हल करने के लिए 23 करोड़ रुपये की लागत से ऑटोमैटेड पज़ल पार्किंग बनाने जा रहा है। इस पार्किंग के बनने से शहर की सबसे बड़ी समस्या जो कि वाहनों की पार्किंग की है वह खतम हो जाएगी। यह पार्किंग सेक्टर-62 में बनेगी, जहां एक साथ 100 वाहन खड़े किए जा सकेंगे।

क्या है पज़ल पार्किंग की खासियत :
आपको बता दें कि यह पजल पार्किंग 4 मंजिला संरचना में होगी, प्रत्येक मंजिल पर 25 वाहन रहेंगे। वाहन पार्क में सेंसर-बेस्ड सिस्टम लागू होगा जिससे कार को पार्क करने में मात्र तीन से छह मिनट लगेगा जो कि सामान्य पार्किंग से 5 गुना तेज होता है।

कम जगह में अधिक क्षमता :
आपको बता दें की इस पजल पार्किंग में पारंपरिक पार्किंग की तुलना में 70% कम स्पेस की आवश्यकता होगी यानी कम जगह में अधिक क्षमता का पार्किंग सिस्टम तैयार किया जाएगा। चार फ्लोर तक की पज़ल पार्किंग आसानी से कम एरिया में बनाई जा सकती है। इसकी सुरक्षा में भी विशेष ध्यान दिया गया है यानी अगर कोई व्यक्ति या जानवर अंदर घुस जाए, तो सिस्टम ऑटोमैटिक रुक जाएगा। ऑपरेशन के लिए बहुत कम मैनपावर चाहिए। चोरी, स्क्रैच या गाड़ी के टूटने का जोखिम ना के बराबर रहेगा।

यह कैसे काम करेगी यह पार्किंग सिस्टम?
विदित है कि ये कोई आम मल्टीलेवल पार्किंग नहीं है। यह है एक ऐसा सिस्टम, जो एक पज़ल गेम की तरह काम करता है, जहां स्टैंड ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं मूव करता है और कार को उस स्लॉट तक पहुंचा देता है जो खाली है। पार्किंग एरिया में पीली लाइन जैसी इंडिकेटर लगे होंगे उसे पार करते ही सिस्टम स्टॉप हो जाएगा।

  1. ड्राइवर कार को ग्राउंड फ्लोर पर लाता है।

  2. सिस्टम कार को हाइड्रोलिक लिफ्ट से ऊपर ले जाकर खाली स्लॉट में पार्क कर देता है।

  3. जब कार निकालनी हो, तो स्मार्ट कार्ड/एप के जरिए ऑर्डर देने पर कार नीचे आ जाती है।

अन्य प्रस्तावित स्थान
विदित है कि पर्किंग के लिये भविष्य के लिए और भी स्थानों का चयन किया जा रहा है जिसमें सेक्टर-62 (पहला चरण, फोर्टिस अस्पताल के पास) के साथ-साथ सेक्टर-18 और सेक्टर-104 (भविष्य में बन सकती हैं) पर विचार किया जा सकता है।

कब तक बनेगी?
आपको बता दें कि इसका आरएफपी (RFP) प्राधिकरण जल्द जारी होगा। इसके निर्माण के बाद प्राइवेट कंपनी इसका संचालन करेगी। कंपनी वही चुनी जाएगी जिसे इस तरह की ऑटोमेटेड पार्किंग का अनुभव हो।

नोएडा की यह पहली ऑटोमैटेड पार्किंग होगी, जो ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या को कम करेगी। अगर यह सफल रही, तो शहर के अन्य व्यस्त इलाकों में भी ऐसी पार्किंग बनाई जा सकती है।

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