जयपुर : राजस्थान सरकार ने लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर रोकथाम के लिए बड़ा और सख्त फैसला लिया है। अब प्रदेश में 45 साल से अधिक उम्र के सभी ड्राइवरों की आंखों की जांच अनिवार्य कर दी गई है। साथ ही, शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों का ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने का भी आदेश दिया गया है।
जानें क्या हैं नए नियम?
45 वर्षों के ऊपर सभी ड्राइवरों की आंखों की जांच:
गौरतलब है कि 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी ड्राइवरों का एक महीने तक चलने वाले विशेष अभियान के तहत आई टेस्ट किया जाएगा।
डॉक्टरों की जिम्मेदारी, होगी सख्त कार्रवाई:
अगर किसी डॉक्टर ने गलत आंखों का सर्टिफिकेट जारी किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शराब पीकर ड्राइविंग पर लाइसेंस निरस्त:
शराब के नशे में गाड़ी चलाने पर लाइसेंस सस्पेंड या निरस्त किया जाएगा।
लेन ड्राइविंग सिस्टम होगा लागू:
आपको बता दें कि सरकार ने कहा कि अब सभी छह लेन हाईवे पर लेन ड्राइविंग सिस्टम लागू किया जाएगा।
ओवरलोडिंग पर रोक:
ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों के लाइसेंस निलंबित या रद्द किए जाएंगे।
15 दिन का स्पेशल ड्राइव :
विदित है कि हरमाड़ा डंपर हादसे के बाद गृह विभाग ने 7 विभागों को मिलाकर 15 दिन का सड़क सुरक्षा अभियान चलाने के आदेश दिए हैं। पुलिस को नोडल एजेंसी बनाया गया है। बिना रिफ्लेक्टर और नंबर प्लेट वाले वाहनों पर कार्रवाई होगी। इसके साथ ही हाई स्पीड और गलत दिशा में वाहन चलाने वालों के खिलाफ खास अभियान चलेगा।
सड़कों का होगा कायाकल्प :
जानकारी के लिए बता दें कि सभी हाईवे के अनऑथराइज्ड कट 15 दिन में बंद करने होंगे। सभी सड़कों पर व्हाइट लाइनिंग का काम 15 दिन में पूरा करना होगा। हाईवे से अवैध ढाबों को हटाया जाएगा। इसके साथ ही डिवाइडर पर सुरक्षा जाल लगाए जाएंगे। घूमने वाले पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की योजना बनेगी।
ड्राइवरों के हक में भी फैसला :
गौरतलब है कि ड्राइवरों से ज्यादा समय तक काम लेने वाली ट्रांसपोर्ट कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ड्राइवर के काम के घंटे और आराम के समय का पालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
क्यों लिए गए ये कड़े कदम?
राजस्थान में पिछले कुछ समय में सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों ने प्रशासन को सख्त एक्शन लेने के लिए मजबूर कर दिया है। हरमाड़ा में हुए डंपर हादसे ने इसकी आखिरी चिंगारी का काम किया। सरकार का लक्ष्य सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाना और अनुशासन सुनिश्चित करना है।
इन नए नियमों के लागू होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और लोगों की जान बच सकेगी। साथ ही सरकार ने ड्राइवरों का भी हित के साथ समझौता न करके सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास किया है।