नई दिल्ली/तकनीकी : देश में एक ऐप ने राजनीतिक गलियारों से लेकर टेक एक्सपर्ट्स तक में तूफान मचा दिया है। दूरसंचार विभाग के आदेश के बाद अब हर नया मोबाइल फोन ‘संचार साथी’ ऐप के साथ ही आएगा और यही बात विपक्ष से जनता तक, सबको बेचैन कर रही है। सरकार कह रही है कि “यह ऐप आपकी निजता नहीं हनन करेगी बल्कि आपका सुरक्षा कवच है।” वहीं विपक्ष आरोप लगा रहा कि “यह जनता की जेब में घुसा सरकारी जासूस है।” आखिर हकीकत क्या है?
क्या सरकार आपके फोन पर नजर रखेगी? क्या यह ऐप आपके कॉल्स सुन सकता है? क्या ये अनिवार्य है या आपकी मर्जी से हटाया जा सकता है? आइये विवाद को सरल भाषा में समझते हैं
क्या है ‘संचार साथी’ ऐप? और सरकार क्यों चाहती है कि यह हर फोन में हो?
आपको बता दें कि संचार साथी वह ऐप है, जिसकी मदद से -
● चोरी हुआ फोन मिनटों में ब्लॉक
● नकली मोबाइल की पहचान
● आपके नाम पर चल रहे फर्जी मोबाइल सिम का पता
● स्पैम और फ्रॉड कॉल की रिपोर्ट
● साइबर धोखेबाजों की लोकेशन ट्रेस हो सकती है।
सरकार दावा करती है कि -
● 37 लाख चोरी/गुम हुए फोन ब्लॉक किए
● 22.7 लाख फोन का लोकेशन ट्रैक। 7.5 लाख फोन मालिकों को वापस मिले 1.75 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन बंद हुए।
यानी सरकार इसे सबसे बड़ा साइबर एंटी-फ्रॉड हथियार मान रही है।
बड़ा सवाल: क्या यह ऐप अनिवार्य है? – मंत्री सिंधिया ने तोड़ दी गलतफहमियां
गौरतलब हैं कि विपक्ष के बवाल के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सामने आए और साफ कहा कि “संचार साथी अनिवार्य नहीं है। यह ऑप्शनल ऐप है। चाहें तो तुरंत डिलीट कर दीजिए। यह न कॉल सुनता है, न आपकी जासूसी करता है। विपक्ष जनता को भ्रमित कर रहा है।” इससे पहले विपक्ष ने इसे “जासूसी ऐप”, “सरकारी निगरानी”, और “प्राइवेसी पर हमला” बताया था। लेकिन सरकार ने साफ कहा कि “जरूरत पड़े तो इंस्टॉल करें, नहीं तो डिलीट कर दें।”
विवाद क्यों भड़का? विपक्ष ने लगाए ये गंभीर आरोप -
यह नागरिकों की प्राइवेसी का उल्लंघन है।
सरकार फोन व कॉल्स पर नजर रखेगी।
यह सुप्रीम कोर्ट के निजता कानून का उल्लंघन है।
फोन कंपनियों पर ऐप थोपना असंवैधानिक है।
लेकिन तकनीकी विशेषज्ञों ने भी ऐप देखकर कहा कि “ऐप कोई डेटा स्टोर नहीं करता, न किसी थर्ड पार्टी से शेयर करता है। यह केवल फ्रॉड रोकने के लिए बना है।”
असली काम क्या है ऐप का? आपके फोन को मिलने वाली 5 शक्तियां
CHAKSHU फीचर – झट से रिपोर्ट करें फ्रॉड कॉल :
फर्जी कस्टमर केयर कॉल, डिजिटल अरेस्ट” वाला स्कैम, विदेश से फर्जी व्हाट्सऐप कॉल, इन सभी समस्याओं पर एक क्लिक में कॉल की कंप्लेन, तुरंत नंबर ब्लॉक और साइबर टीम को सीधी रिपोर्ट दी जा सकती है।
चोरी हुआ फोन 1 मिनट में ब्लॉक और ट्रैक
अगर फोन चोरी हो गया, बस IMEI डालिये। फोन ब्लॉक हो जाएगा। और ट्रेकिंग चालू हो जाएगी।
पता करें; आपके नाम पर कितने SIM चल रहे हैं?
कई मामलों में लोगों के नाम पर 8–10 फर्जी SIM चलते मिले हैं।
यह ऐप तुरंत बता देता है कि आपके नाम पर कितने मोबाइल नंबर जारी हैं।
फोन असली है या नकली? सेकेंड हैंड खरीदने वालों के लिए वरदान
फोन खरीदा और निकला चोरी का?
या नकली IMEI. ऐप तुरंत बता देता है।
इंटरनेशनल फ्रॉड कॉल की सूचना :
अब विदेश से होने वाले साइबर क्राइम कॉल भी ट्रैक होंगे।
कंपनियों को 90 दिन का समय; 120 दिन में रिपोर्ट अनिवार्य :
सरकार ने मोबाइल कंपनियों को आदेश दिया है कि 90 दिन में सभी नए फोन में ऐप प्री-इंस्टॉल हो जाये। पुराने फोन में अपडेट के जरिए लगाया जाएगा। नियम न मानने पर टेलीकॉम एक्ट 2023 के तहत सख्त कार्रवाई होगी। एप्पल पहले भी ऐसे कदमों का विरोध करता आया है, इसलिए इस बार भी टकराव की संभावना है।
सब मिलाकर यह ऐप अनिवार्य नहीं है, चाहें तो डिलीट कर सकते हैं
इस ऐप से जासूसी या कॉल मॉनिटरिंग नहीं होगी। यह ऐप साइबर सुरक्षा टूल है। सरकार के हिसाब से विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है। और कंपनियों को इसे प्री-इंस्टॉल करना होगा। यूजर चाहे तो हटाकर बाद में भी डाउनलोड कर सकता है।