हालिया हमले के मद्देनजर दिल्ली की सीएम को Z श्रेणी की सुरक्षा!: 20+ CRPF कमांडो का 24 घंटे कड़ा पहरा और...जानें Z और Z+ सुरक्षा में क्या हैं फर्क
हालिया हमले के मद्देनजर दिल्ली की सीएम को Z श्रेणी की सुरक्षा!

नई दिल्ली : दिल्ली की सियासत उस वक्त दहल गई जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान जानलेवा हमला हुआ। हमले के बाद केंद्र सरकार ने तुरंत बड़ा कदम उठाते हुए उन्हें Z कैटेगरी सिक्योरिटी देने का फैसला किया। अब 24 घंटे उनके साथ 22 से 25 हथियारबंद CRPF कमांडो तैनात रहेंगे।

जानें हमला कैसे हुआ?
आपको बता दें कि 20 अगस्त की सुबह करीब 8:15 बजे, CM गुप्ता अपने शालीमार बाग स्थित आवास पर जनता से मुलाकात कर रही थीं। गुजरात के राजकोट का रहने वाला राजेशभाई खीमजी शिकायतकर्ता बनकर पहुंचा। उसने कागज देने के बहाने अचानक सीएम पर हमला कर दिया। इस दौरान CM रेखा गुप्ता के हाथ, कंधे और सिर पर चोटें आईं। सुरक्षाकर्मियों ने हमलावर को तुरंत काबू में कर लिया। सूत्रों का दावा है कि आरोपी ने हमले से एक दिन पहले CM आवास की रेकी भी की थी। CCTV फुटेज में वह बाहर और अंदर लगातार वीडियो रिकॉर्ड करता नजर आया।

जानें आरोपी कौन है?
गौरतलब है कि आरोपी का नाम राजेशभाई खीमजी है वह मूल रूप से राजकोट, गुजरात का है। उस पर पहले से चाकूबाजी समेत 5 केस के मामले दर्ज है। दिल्ली पुलिस ने उस पर हत्या की कोशिश का केस दर्ज किया है और उसे 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।

Z कैटेगरी सिक्योरिटी क्या है?
गौरतलब है कि भारत में VI-P सुरक्षा को X, Y, Y+, Z और Z+ श्रेणियों में बांटा गया है।
Z सिक्योरिटी में कुल 22-25 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। इनमें 4-5 कमांडो (CRPF/NSG) और बाकी पुलिसकर्मी रहते हैं। इसमें एक एस्कॉर्ट कार भी साथ चलती है। यह सुरक्षा उन हस्तियों को दी जाती है जिन्हें मध्यम से ऊंचे स्तर का खतरा होता है।

Z+ कैटेगरी—सबसे खतरनाक हालात वालों के लिए :
आपकी जानकारी को बता दें कि Z+ सिक्योरिटी भारत में सबसे उच्चस्तरीय सुरक्षा (SPG छोड़कर) मानी जाती है। इसमें कुल 55 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इनमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो शामिल रहते हैं। बुलेटप्रूफ गाड़ियां, लगातार 3 शिफ्टों में एस्कॉर्ट, अत्याधुनिक हथियार और संचार सिस्टम इसमें शामिल होता है। यह सुरक्षा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और कुछ शीर्ष नेताओं को दी जाती है।

सुरक्षा कैसे तय होती है?
विदित है कि किसी भी VIP को कौन-सी सुरक्षा मिलेगी, यह फैसला इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और R&AW की थ्रेट असेसमेंट रिपोर्ट पर आधारित होता है। समय-समय पर समीक्षा होती है। खतरे के स्तर के हिसाब से सुरक्षा बढ़ाई, घटाई या वापस ली जा सकती है।

हमले के बाद राजनीतिक हलचल तेज :
गौरतलब है कि इस हमले के बाद दिल्ली की राजनीति में हलचल मच गई है। बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने CM से मुलाकात कर बताया कि वह बिल्कुल ठीक हैं। CM गुप्ता ने भी कहा कि : “मैं जनता की सेवा बिना किसी डर के जारी रखूंगी।”

हमला सुरक्षा इंतज़ामों की बड़ी चूक दिखाता है।
CM को अब CRPF का ज़ सिक्योरिटी घेरा मिल गया है, लेकिन यह सवाल बाकी है, जब मुख्यमंत्री तक सुरक्षित नहीं हैं, तो आम दिल्लीवासी कैसे महफूज़ रहेंगे? उम्मीद है फिर ऐसी चूक नहीं हो सकेगी।

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