हरियाणा में दंगे-हिंसा संभालने को, 106 लॉ एंड ऑर्डर कंपनियां तैनात!: 53 SWAT टीमें हर वक्त तैयार, जानें क्या है SWAT टीम और इनका कार्य
हरियाणा में दंगे-हिंसा संभालने को, 106 लॉ एंड ऑर्डर कंपनियां तैनात!

हरियाणा/दिल्ली : हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस ने राज्य में बिगड़ी कानून-व्यवस्था पर जोरदार हंगामा किया। विपक्ष की मांग थी कि अपराध और अपराधियों पर काबू पाने में नाकाम सरकार पर चर्चा हो। नतीजा यह हुआ कि विधानसभा की कार्यवाही दिनभर में 6 बार स्थगित करनी पड़ी। लेकिन इस शोरगुल के बीच सरकार ने बड़ा खुलासा किया कि प्रदेश में 106 लॉ एंड ऑर्डर कंपनियां तैनात की गई हैं, जिन्हें दंगों, हिंसा और किसी भी कानून-व्यवस्था की चुनौती से निपटने के लिए खास ट्रेनिंग दी गई है।

हाइटेक इक्विपमेंट से लैस कंपनियां, हर जिले में SWAT टीम :

आपको बता दें कि सरकार ने बताया कि ये कंपनियां दंगा-रोधी आधुनिक उपकरणों से लैस हैं और किसी भी हालात से निपटने में सक्षम हैं। इसके अलावा, राज्य के सभी जिलों में कुल 53 स्वाट (स्पेशल वेपंस एंड टैक्टिक्स) टीमें तैनात हैं, जो आतंकवाद, गैंगवार और हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन तक को संभालने के लिए तैयार हैं। यानी हरियाणा को अपराध मुक्त करने की जिम्मेदारी SWAT टीम पर है।

112 "आपतकालीन नम्बर" भी सक्रिय :

गौरतलब है कि प्रदेश में 2021 से आपातकालीन रिस्पॉन्स सिस्टम 112 (ERSS) काम कर रहा है, जिससे अपराध पर रिस्पॉन्स टाइम घटा है। भीड़ प्रबंधन के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। सोशल मीडिया पर लगातार निगरानी रखी जा रही है ताकि कानून-व्यवस्था बिगड़ने से पहले ही अलर्ट मिल सके।

अपराध के आंकड़े भी सामने आए; हत्या, अपहरण और रेप के केस बढ़े :

विदित है कि विधानसभा में भले ही प्रश्नकाल न हुआ हो, लेकिन सरकार ने अपने जवाब वेबसाइट पर अपलोड कर दिए। गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्वीकार किया कि साल 2025 में 31 जुलाई तक प्रदेश में 530 हत्या, 2,316 अपहरण और 12 फिरौती के केस दर्ज हुए हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़े और चौंकाने वाले हैं:

  • 779 रेप केस,

  • 771 अपहरण,

  • 662 छेड़छाड़,

  • 80 दहेज हत्या।

अनुसूचित जातियों पर अत्याचार के 557 मामले, जबकि बच्चों के खिलाफ 1,106 POCSO केस दर्ज किए गए हैं।

नशे की लत पर सरकार की रिपोर्ट ने खोली हकीकत :

गौरतलब है कि सीएम सैनी ने विधानसभा में माना कि हरियाणा में 18,847 नशेड़ी चिन्हित किए जा चुके हैं। इनमें से 11,558 इलाज के लिए नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती हैं।

फोन पर धमकी और वसूली; 168 केस, 114 में गिरफ्तारी

आपको बता दें कि सिर्फ सड़क का अपराध ही नहीं, बल्कि फोन कॉल से धमकी और जबरन वसूली के 168 मामले भी दर्ज हुए हैं। इनमें से 114 केसों में आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। सरकार ने बताया कि दूरसंचार अधिनियम, 2023 और IT एक्ट 2008 के तहत कॉल इंटरसेप्शन और साइबर निगरानी की व्यवस्था है।

हरियाणा सरकार का दावा है कि इतने बड़े स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद विपक्ष का आरोप है कि अपराधियों में खौफ कम और जनता में डर ज्यादा है। अब बड़ा सवाल ये है कि क्या 106 कंपनियां और 53 स्वाट टीमें जनता का भरोसा जीत पाएंगी? या फिर ये आंकड़े महज विधानसभा के फाइलों में दबकर रह जाएंगें।

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