जानें कैसे चढ़ी पुलिस के हत्थे, यूपी की लुटेरी दुल्हन!: कारनामे ऐसे, जानकर हो जाएंगे आप भी हैरान; शादी के बाद सुहागरात?
जानें कैसे चढ़ी पुलिस के हत्थे, यूपी की लुटेरी दुल्हन!

जयपुर / गुरुग्राम / अलीगढ़: हाथों में मेहंदी, जींस-टीशर्ट में मुस्कुराती हुई... और पुलिस कस्टडी में भी बेशर्म कॉन्फिडेंस! यह है उत्तर प्रदेश की ‘लुटेरी दुल्हन’ काजल सिंह जो पिछले एक साल से पुलिस को चकमा देकर फरार थी। आख़िरकार राजस्थान पुलिस ने उसे गुरुग्राम के सरस्वती एन्क्लेव से गिरफ्तार कर लिया है।

कौन है ‘लुटेरी दुल्हन’ काजल?

काजल मूल रूप से अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) की रहने वाली है। मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, वह 25 से 28 साल की है और खुद को “संस्कारी” और “घर-गृहस्थी में निपुण” बताकर कुंवारे युवकों के परिवारों को फंसाती थी।

शादी का झांसा देकर वह लाखों रुपये की ठगी करती थी। शादी की रस्में पूरी करने के बाद गहने, नकदी और कपड़े लेकर फरार हो जाना उसका तरीका था।

परिवार का पूरा involvement, एक संगठित गिरोह

काजल अकेली नहीं थी, उसका पूरा परिवार इस गैंग में शामिल था पिता भगत सिंह, मां सरोज देवी बहन तमन्ना और भाई सूरज, ये सभी पहले ही पकड़े जा चुके थे, लेकिन काजल एक साल से फरार थी। शादी और ठगी, दोनों का पूरा स्क्रिप्ट परिवार मिलकर तैयार करता था।

केस की शुरुआत कैसे हुई?

ताराचंद जाट नामक व्यक्ति ने 26 नवंबर 2024 को दातारामगढ़ थाने (राजस्थान) में FIR दर्ज कराई थी। उसने बताया कि भगत सिंह ने उसकी दोनों बेटियों (काजल और तमन्ना) की शादी उसके दो बेटों से कराने का झांसा दिया।

शादी खर्चों के नाम पर ₹11 लाख नकद लिए गए। 21 मई 2024 को खाचरियावास के गोविंद हॉस्पिटल गेस्ट हाउस में शादी हुई पूरी रस्में, मेहंदी, हल्दी, और विदाई तक सब कुछ किया गया लेकिन शादी के कुछ ही दिनों में काजल और तमन्ना नकदी, गहने और कपड़े लेकर फरार हो गईं।

फरारी के दौरान बदलती रही ठिकाने:

पुलिस के अनुसार, काजल ने पिछले एक साल में अपने ठिकाने लगातार बदले, पहले जयपुर में फिर मथुरा में और अंत में गुरुग्राम के सरस्वती एन्क्लेव में छिपकर रह रही थी। वह किराए के मकान में रहकर खुद को “कॉर्पोरेट जॉब” करने वाली बताती थी ताकि किसी को शक न हो।

कैसे हुई गिरफ्तारी?

पुलिस ने मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल्स और डिजिटल सर्विलांस की मदद से काजल को ट्रैक किया। वह बार-बार सिम और ठिकाने बदल रही थी जिससे गिरफ्तारी में समय लगा।

आख़िरकार राजस्थान पुलिस की विशेष टीम ने गुरुग्राम के सरस्वती एन्क्लेव स्थित मकान (जहाँ वह घर मालिक अंकित के किराए के मकान में रह रही थी) पर छापा मारा और काजल को गिरफ्तार कर लिया।

कैसे करती थी ठगी की ‘पर्फेक्ट स्क्रिप्ट’?

पहले सोशल मीडिया या रिश्तेदारों के ज़रिए कुंवारे युवकों के परिवारों से संपर्क किया जाता था। शादी का प्रस्ताव रखा जाता, फोटो भेजी जातीं, परिवार की सादगी और ईमानदारी का दिखावा किया जाता।

शादी के नाम पर नकद, सोना, कपड़े और तोहफे लिए जाते। शादी के कुछ दिन बाद ही दुल्हनें घर से गायब हो जातीं, शादी की रस्में और दिखावा इतना असली होता था कि कोई शक भी नहीं कर पाता था।

काजल की गिरफ्तारी के वक्त का व्यवहार:

जब पुलिस ने काजल को पकड़ा, तब उसके हाथों में मेहंदी लगी हुई थी। वह जींस और टीशर्ट पहने थी और कस्टडी में भी मुस्कुराती रही।

उसके चेहरे पर किसी अपराधबोध का भाव नहीं था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार “काजल इतनी आत्मविश्वास से पेश आई जैसे उसे पूरा भरोसा था कि वो फिर भी बच जाएगी।”

पुलिस जांच में अब तक क्या सामने आया:

काजल की उम्र लगभग 25-28 वर्ष बताई जा रही है, उसका पूरा नाम काजल सिंह है। अब तक तीन राज्यों में कई युवक उसके झांसे में आ चुके हैं। कुछ मामलों में तो वह शादी के 24 घंटे के भीतर ही भाग गई थी।

अब पुलिस कर रही है क्या?

पुलिस अब काजल और उसके परिवार की बैंक डिटेल्स, प्रॉपर्टी रिकॉर्ड्स और कॉल हिस्ट्री की जांच कर रही है। कई और पीड़ित सामने आने की संभावना है।

राजस्थान और उत्तर प्रदेश पुलिस मिलकर केस को इंटरस्टेट फ्रॉड केस के रूप में आगे बढ़ा रही है।

ऐसे और मामले भी सामने आए:

यह पहली बार नहीं है जब “लुटेरी दुल्हन” ने मीडिया की सुर्खियाँ बटोरी हों। महाराष्ट्र में एक महिला ने 8 शादियाँ कीं और लाखों रुपये लेकर भाग गई।

इसी साल बिहार में “अनुराधा पासवान” नाम की महिला को 25 दूल्हों को ठगने के आरोप में पकड़ा गया था।

ऐसे मामले दिखाते हैं कि शादी अब सिर्फ भरोसे का बंधन नहीं, बल्कि अपराधियों के लिए एक नया हथियार बन चुका है।

लोगों के लिए चेतावनी:

•शादी के प्रस्तावों में जल्दबाजी से बचें।
•रिश्ता तय करने से पहले परिवार और दस्तावेज़ों की सच्चाई की पुष्टि करें।
•किसी भी संदिग्ध व्यवहार पर पुलिस को तुरंत सूचित करें।

संवेदनशील लेकिन सटीक निचोड़:

काजल की कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की धोखाधड़ी नहीं बल्कि आधुनिक समाज के उस अंधे विश्वास की कहानी है जहां भरोसे को भी लूट का जरिया बना लिया गया है।

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