रूसी राष्ट्रपति पुतिन का साल के अंत में भारत दौरा!: अमेरिकी टैरिफ के बीच भारत-रूस संबंधों को मिलेगी नई धार, इन मुद्दों पर होगी चर्चा
रूसी राष्ट्रपति पुतिन का साल के अंत में भारत दौरा!

नई दिल्ली : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2025 के अंत में भारत की आधिकारिक यात्रा पर आएंगे। यह यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन का पहला भारत दौरा होगा, जिसकी पुष्टि NSA अजित डोभाल ने मास्को में की। यात्रा ऐसे समय में होगी जब अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है, जिसका कारण रूस से तेल खरीद बताया गया है। पुतिन की यात्रा में रक्षा, ऊर्जा और व्यापार समझौतों पर चर्चा होगी।

डोभाल ने की पुतिन की यात्रा की पुष्टि :

आपको बता दें कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने मास्को में रूसी अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा, "राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा की तारीखें लगभग तय हो चुकी हैं। हम इसके लिए उत्साहित हैं।" यह यात्रा दिसंबर 2021 के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी।

अमेरिकी टैरिफ का मुद्दा :

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाकर विवाद खड़ा कर दिया है। ट्रंप का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दे रहा है। इससे पहले, अमेरिका ने 25% टैरिफ लगाया था, जो 7 अगस्त से लागू हो चुका है।

भारत-रूस संबंधों पर फोकस :

विदित है कि पुतिन की यात्रा में रक्षा के सौदों (जैसे S-400 मिसाइल सिस्टम का दूसरा बैच), ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग (तेल और गैस व्यापार), और वैकल्पिक व्यापार के बारें में (रुपये-रूबल व्यापार) पर चर्चा होगी। भारत ने हाल ही में रूसी तेल आयात बढ़ाया है, जिससे अमेरिका नाराज है।

पुतिन-ट्रंप शिखर वार्ता भी होगी :

आपको बता दें कि क्रेमलिन ने बताया कि पुतिन ट्रंप से भी मुलाकात करेंगे, जिसकी तैयारी चल रही है। यह बैठक यूक्रेन युद्ध को लेकर महत्वपूर्ण हो सकती है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं :

गौरतलब है कि इस मुद्दे पर भारत सरकार ने कहा कि "हम रूस के साथ अपने विशेष संबंधों को बनाए रखेंगे। टैरिफ का जवाब कूटनीतिक तरीके से दिया जाएगा।"
वहीं अमेरिका के व्हाइट हाउस ने चेतावनी दी कि भारत को रूसी तेल खरीदने की कीमत चुकानी पड़ सकती है।
इस सम्बंध में रूस ने कहा कि "भारत के साथ हमारे संबंध वैश्विक स्थिरता के लिए अहम हैं।"

आगे क्या हो सकती रणनीति :

आपको बता दें कि अब आगे भारत अमेरिका और रूस के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करेगा। साथ ही भारत यूरोपीय देशों से भी व्यापारिक विकल्प तलाश सकता है। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऊर्जा सुरक्षा के लिए रूसी तेल आयात जारी रखा जाएगा।

पुतिन की यात्रा भारत-रूस संबंधों को नई गति देगी, लेकिन अमेरिका के साथ तनाव बढ़ने की आशंका भी है। ट्रंप के टैरिफ और यूक्रेन युद्ध के बीच भारत की कूटनीतिक चुनौतियां बढ़ गई हैं।

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