गुरुग्राम : गुरुग्राम के प्रसिद्ध इलाके सुशांत-लोक-2 में 25 साल की इंटरनेशनल टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की दिनदहाड़े उसके अपने ही पिता ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के पीछे वजहें जो सामने आ रही हैं, वो न सिर्फ चौंकाने वाली हैं, बल्कि आधुनिक समाज में पिता-पुत्री के रिश्ते की सबसे भयावह कहानी को उजागर करती हैं।
लाइसेंसी रिवॉल्वर से 4 गोलियां, एक बेटी की हत्या और ढेरों सवाल :
आपको बता दें कि गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे जब राधिका रसोई में थी, तभी पिता दीपक यादव ने अपनी पॉइंट 32 कैलिबर की लाइसेंसी रिवॉल्वर से लगातार 4 गोलियां दाग दीं। पहली गोली राधिका के कंधे में लगी। दूसरी और तीसरी गोली ने उसकी आंतें छलनी हो गयी। चौथी गोली ने सीधा उसके दिल को छलनी कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक, राधिका करीब 30 मिनट तक रसोई में तड़पती रही, लेकिन पिता चुपचाप खून बहते देखता रहा।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मौत की पूरी कहानी :
गौरतलब है कि के रिपोर्ट में राधिका का दिल बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त था, दोनो आंतें फट चुकी थी, साथ शरीर से बहुत ज्यादा रक्त बहा जिससे उसकी मृत्यु दस मिनट से आधे घण्टे में हो गई। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर समय रहते अस्पताल ले जाया जाता, तो शायद राधिका की जान बच सकती थी।
"घर से निकलना है, विदेश जाना है..." – राधिका की चैट ने खोले कई राज़ :
विदित है कि पुलिस को बेंगलुरु के एक टेनिस कोच के साथ राधिका की चैट्स मिली हैं। इनमें वह घर छोड़ने और विदेश जाने की बात कर रही है। वह कहती है – "मैं अब यहां नहीं रह सकती, मुझे निकलना है।"
ऐसे में सवाल उठता क्या राधिका को अपने पिता से खतरे का एहसास हो चुका था?
क्या म्यूजिक वीडियो बना मौत की वजह?
सूत्रों के अनुसार, राधिका ने एक कलाकार 'इनाम' के साथ 'कारवां' नाम का म्यूजिक वीडियो किया था। पिता को यह वीडियो बिल्कुल पसंद नहीं आया। उन्होंने राधिका से वीडियो हटाने को कहा। राधिका ने मना कर दिया। इसके कुछ ही दिन बाद हत्या हो गई। ऐसे में सवाल उठता कि क्या एक म्यूजिक वीडियो से भड़ककर कोई बाप अपनी बेटी की जान ले सकता है?
एक पिता जिसने बेटी को खिलाड़ी बनाया, वही बना उसका कातिल :
राधिका को बचपन से टेनिस सिखाने वाला, उसकी हर सफलता में साथ खड़ा पिता, कैसे बना उसकी मौत का कारण बना? कहीं समाज की बातें तो नहीं। पुलिस का दावा है कि दीपक यादव लोगों के ताने से परेशान था – "बेटी की कमाई खा रहा है..." राधिका के फैसले से वह नाराज़ था। घर में रोजाना इसी बात पर झगड़ा होता था।
क्या मां सब जानती थीं? या बनीं रही चुप?
मां मंजू यादव ने पुलिस से कहा कि "उन्हें बुखार था, वह कमरे में थीं, कुछ नहीं पता।" लेकिन चाचा कुलदीप की FIR और पुलिस जांच कहती है कि वह वहीं मौजूद थीं। अब सवाल उठता है कि क्या मां सब जानती थीं?
पुलिस की जांच अब किस दिशा में?
आपको बता दें कि आरोपी पिता गिरफ्तार हो चुका है साथ ही लाइसेंसी रिवॉल्वर बरामद है एवं FSL जांच जारी है। अदालत ने आरोपी को एक दिन की पुलिस रिमांड में भेजा है।
अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका आरोपी पिता :
गौरतलब है कि राधिका का अंतिम क्रियाकर्म वजीराबाद में हुआ। राधिका के भाई ने मुखाग्नि दी। वहां परिवार के लगभग सभी लोग मौजूद थे। हत्यारे पिता दीपक को वहाँ नहीं लाया गया। कोई भी नहीं चाहता था कि राधिका की चिता में उसका कातिल शामिल हो।
राधिका – एक होनहार टेनिस खिलाड़ी :
विदित है कि राधिका कई राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं की विजेता रही पर कंधे की चोट के बाद खेलना छोड़ा। बच्चों को सिखाने के लिए खुद की टेनिस अकादमी शुरू की। एक ऐसी बेटी, जो खुद को आत्मनिर्भर बनाना चाहती थी, आज अपने ही पिता के हाथों मार दी गई।
राधिका की हत्या एक अपराध नहीं, एक विचारधारा का मर्डर है जहाँ बेटियाँ आगे बढ़ें, यह कुछ लोगों को बर्दाश्त नहीं। जहाँ लड़की की आज़ादी बाप को अपमान लगती है।जहाँ ऑनर के नाम पर जीवन खत्म कर दी जाती है। आज सिर्फ राधिका नहीं मरी साथ मे एक बेटी का भरोसा और स्वतंत्रता मरा है।