8200 करोड़ की सोलर फैक्ट्री से बदलेगा, यमुना प्राधिकरण के इस सेक्टर का नक्शा!: यीडा के इतिहास का सबसे बड़ा निवेश? इतने एकड़ में लगेगा मेगा प्लांट
8200 करोड़ की सोलर फैक्ट्री से बदलेगा, यमुना प्राधिकरण के इस  सेक्टर का नक्शा!

नोएडा/ग्रेटर नोएडा: यमुना एक्सप्रेसवे पर 200 एकड़ में को देश की अब तक की सबसे बड़ी सोलर निर्माण परियोजना का निर्माण होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने SEAL Solar P6 प्राइवेट लिमिटेड को हरी झंडी दे दी है। SEAL Solar P6 Pvt. Ltd., जो SEAL Industries की सहायक इकाई है और पूरे भारत में 6.7 गीगावाट से अधिक की सोलर परियोजनाएं पहले ही विकसित कर चुकी है। और अब यीडा के सेक्टर-8 में 8200 करोड़ रुपये की लागत से ग्रीनफील्ड सोलर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का निर्माण करेगी। यह परियोजना सिर्फ एक फैक्ट्री नहीं, बल्कि ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत का स्वदेशी सौर मिशन बनकर उभरेगी।

क्या है पूरा प्रोजेक्ट?

आपको बता दें कि यह यूनिट 200 एकड़ में फैली होगी। यहां हर साल 5 गीगावॉट सोलर सेल और 5 गीगावॉट सोलर मॉड्यूल का उत्पादन होगा।कंपनी की कुल मॉड्यूल निर्माण क्षमता 8.5 गीगावॉट तक बढ़ जाएगी। यह पूरे उत्तर भारत में अपनी तरह की सबसे बड़ी संयंत्र होगी।

YEIDA इतिहास का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट :

YEIDA के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इस निवेश प्रस्ताव को Ultra Mega Project की श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि इसकी लागत 3,000 करोड़ से ज्यादा है। लेकिन यहां तो बात 8,200 करोड़ की हो रही है जो YEIDA के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा निवेश प्रस्ताव है।

2500 युवाओं को मिलेगा रोजगार :

विदित है कि यह परियोजना केवल तकनीकी क्रांति नहीं लाएगी, बल्कि 2,500 प्रत्यक्ष नौकरियों के दरवाजे खोलेगी। साथ ही इससे जुड़े हजारों अप्रत्यक्ष अवसर स्थानीय MSMEs, लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, होटलिंग और मेंटेनेंस इंडस्ट्री को मिलेंगे।

सिर्फ सोलर नहीं, पूरी इकोनॉमी बदलेगी

आपको बता दें कि इस यूनिट में सिर्फ मॉड्यूल और सोलर-सेल नहीं बनेंगे, बल्कि उनके साथ लगने वाले तमाम सहायक उपकरण का भी यहीं पर निर्माण होगा। इसका मतलब है कि पूरी सप्लाई चेन यहीं तैयार होगी, जिससे मैन्युफैक्चरिंग के साथ लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, पैकेजिंग और अन्य सेक्टरों को भी बूस्ट मिलेगा।

तेजी से शुरू हुई निर्माण प्रक्रिया :

गौरतलब है कि यीडा अधिकारियों ने बताया कि कंपनी को 24 फरवरी 2025 को Letter of Intent (LOI) जारी किया गया था। इसके बाद 10 जुलाई को Invest UP ने भी परियोजना को मंजूरी देकर Letter of Comfort जारी किया।
अब यीडा ने भूमि आवंटन की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया है और जुलाई के अंत तक 200 एकड़ ज़मीन सौंप दी जाएगी।

क्या बोले अधिकारी?

विदित है कि यीडा के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक - "यह हमारी अब तक की सबसे बड़ी सौर परियोजनाओं में से एक है। यह केवल निवेश नहीं, बल्कि क्षेत्र में हरित औद्योगिक क्रांति का संकेत है। यह प्लांट आने वाले वर्षों में नोएडा-ग्रेटर नोएडा बेल्ट को भारत का सोलर हब बना सकता है।” वहीं एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि, "यह ग्रीनफील्ड इंडस्ट्रियल विकास को नई गति देगा। अब यह इलाका न केवल इलेक्ट्रॉनिक्स डिफेंस और ऑटो का प्रमुझ क्षेत्र बनेगा, बल्कि स्वच्छ-ऊर्जा का भी पावर सेंटर बनकर उभरेगा।" 

Make in India को मिलेगी रफ्तार :

गौरतलब है कि एसईएएल इंडस्ट्रीज लिमिटेड की यह सहायक कंपनी देशभर में पहले से ही 6.7 गीगावॉट से अधिक की सौर परियोजनाएं चला रही है। यह नया प्लांट भारत की ऊर्जा के क्षेत्र में आत्म-निर्भरता की ओर एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

8200 करोड़ का निवेश, 200 एकड़ जमीन, 2500 रोजगार और देश की सौर क्रांति वाली YEIDA का यह प्रोजेक्ट केवल एक फैक्ट्री नहीं, बल्कि भारत को सोलर पावर हब में बदलने की नींव है। इससे न केवल उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई मिलेगी, बल्कि देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।

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