ग्रेटर नोएडा : दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) के तहत ग्रेटर नोएडा में एक विशाल मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब (MMLH) विकसित किया जाएगा। DMIC IITGNL ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 5,881 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाला ग्लोबल टेंडर जारी किया है।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह परियोजना दादरी ब्लॉक, गौतम बुद्ध नगर में 311 हेक्टेयर भूमि पर बनाया जाएगा। जिसकी कनेक्टिविटी पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोडर (DFC) के जंक्शन के पास रहेगा। साथ ही दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन और एनएच-91 के नजदीक है अतः ट्रांसपोर्टेशन की यहां कोई दिक्कत नहीं होने वाली है
कितने चरणों में पूरी होगी विकास योजना:
परियोजना को DBFOT (डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) मॉडल पर विकसित किया जाएगा। निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा:
● पहला चरण: 2,374 करोड़ रुपये का निवेश
● दूसरा चरण: 1,412 करोड़ रुपये का निवेश
● तीसरा चरण: 2,095 करोड़ रुपये का निवेश
दादरी बनेगा ‘इंडिया का फ्रेट कैपिटल’:
इस हब की सबसे बड़ी ताकत यह होगी कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह का माल सीधे DFC नेटवर्क से कनेक्ट होगा। नतीजतन ट्रांसपोर्ट टाइम में भारी कटौती के साथ लॉजिस्टिक कॉस्ट 30–40% तक कम रहेगा। साथ ही एयरपोर्ट + रेल + हाईवे; तीनों की सबसे तेज कनेक्टिविटी बनी रहेगी। साथ ही रेल साइडिंग, वेयरहाउसिंग, कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग, बैंकिंग, बीमा, शिपिंग सब एक ही कैंपस में मौजूद रहेंगे।
सुविधाएं और क्षमता:
आपको बता दें कि प्रथम चरण में परियोजना में 30 लाख वर्गफुट का आधुनिक वेयरहाउस, 3 लाख वर्गफुट का कोल्ड स्टोरेज, 0.74 मिलियन टन कंटेनराइज्ड कार्गो प्रबंधन क्षमता के साथ ही 6.7 मिलियन टन नॉन-कंटेनराइज्ड कार्गो प्रबंधन क्षमता का निर्माण किया जाएगा।
समयसीमा और प्रक्रिया:
● बोलीदाताओं से प्रश्न स्वीकार करने की अंतिम तिथि: 28 नवंबर 2025
● प्री-बिड बैठक: 8 दिसंबर 2025
● बिड जमा करने की अंतिम तिथि: 6 फरवरी 2026
● तकनीकी बिड खोलने की तिथि: 9 फरवरी 2026
NCR और UP को क्या होगा फायदा?
इस परियोजना से दिल्ली NCR के लोगो को निम्नलिखित फायदे होंगे -
● यह परियोजना ग्रेटर नोएडा–यमुना एक्सप्रेसवे–जेवर एयरपोर्ट—तीनों के बीच इंडिया की सबसे मजबूत लॉजिस्टिक ट्रायएंगल बन जाएगी।
● इस परियोजना से UP में करोड़ों का निवेश आएगा, जिससे हजारों नौकरियाँ पैदा होंगी
● इस परियोजना के बाद जमीन, उद्योग और व्यापार का मूल्य कई गुना बढ़ेगा।
● यूपी को एशिया का सबसे आधुनिक मल्टी-मॉडल हब मिलेगा।
5,881 करोड़ की यह परियोजना सिर्फ एक निर्माण नहीं, बल्कि ग्रेटर नोएडा को भारत का लॉजिस्टिक गेटवे बनाने का सबसे बड़ा कदम है। DFC, जेवर एयरपोर्ट, इंडस्ट्रियल टाउनशिप और अब MMLH ये सब मिलकर यूपी को राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन के पर शीर्ष पर पहुंचा देंगे।