नोएडा : पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक ऐतिहासिक तोहफा सामने आया है। अब उनके उगाए फल-सब्जियां सीधे विदेशी बाजारों तक पहुंच सकेंगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास बनने जा रहे एग्री एक्सपोर्ट हब को उत्तर प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दे दी है।साथ ही कई बड़ी रियायतें भी दी गई हैं।
क्या है एग्री एक्सपोर्ट हब?
आपको बता दें कि यह हब एक आधुनिक प्रोसेसिंग और पैकेजिंग केंद्र होगा, जहां किसानों के फल, सब्जियां और अन्य कृषि उत्पादों की ग्रेडिंग, साफ-सफाई, पैकिंग और प्रोसेसिंग की जाएगी। इसके बाद इन्हें सीधे विदेशी बाजारों में भेजा जाएगा।
किसानों के लिए क्यों खास है यह योजना?
गौरतलब है कि इस योजना से यहाँ की किसानों को सीधी पहुंच विदेशी बाजारों तक मिल जाएगी इसके साथ ही फसलों का वाजिब दाम मिलेगा। किसानों की आमदनी बढ़ेगी और स्थानीय रोजगार के अवसर भी खुलेंगे।
एयरपोर्ट से होगा तगड़ा कनेक्शन :
आपको बता दें कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को केवल पैसेंजर नहीं, बल्कि कार्गो हवाई अड्डे के तौर पर भी विकसित किया जा रहा है। इसका मतलब है कि फल, सब्जी, दुग्ध उत्पाद जैसे तेज़ खराब होने वाले उत्पादों को जल्दी और सीधे विदेश भेजा जा सकेगा।
आम, अमरूद और सब्जी विदेश रवाना :
गौरतलब है कि इस हब में आम, अमरूद, टमाटर, मिर्च और अन्य फसलों की प्रोसेसिंग की जाएगी। खास बात यह है कि गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़ जैसे जिलों के उत्पादक किसान इससे सीधा फायदा उठा सकेंगे।
PPP मॉडल पर बनेगा प्रोजेक्ट :
आपको बता दें कि इस हब को Public-Private Partnership (PPP) मॉडल पर विकसित किया जाएगा, ताकि इसमें निजी निवेशकों की भागीदारी भी सुनिश्चित हो सके और तकनीक से लैस एक वर्ल्ड क्लास एग्री प्रोसेसिंग सेंटर खड़ा हो सके।
सरकार की ओर से क्या रियायतें मिलेंगी?
गौरतलब है कि सरकार की ओर से कई रियायतें दी गयी है जिसमे शामिल है :
●75% भूमि सब्सिडी
●100% स्टांप शुल्क में छूट
●दो वर्षों तक बिजली दरों में छूट
क्यों था यह ज़रूरी?
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश हर साल 40 मिलियन टन से ज़्यादा फल-सब्जी पैदा करता है। लेकिन इनका ज़्यादा हिस्सा देश के भीतर ही खप जाता है, और कीमतें गिर जाती हैं। इस वजह से किसानों को उचित दाम नहीं मिल पाते। अब एक्सपोर्ट हब से उनके उत्पाद अंतरराष्ट्रीय मंडियों में बेहतर कीमत पर बिक सकेंगे।
क्या बोले अधिकारी?
विदित है कि ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि सरकार से जमीन आवंटन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब शासन के निर्देशानुसार इस प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।
पश्चिम यूपी के किसानों के लिए यह सुनहरा मौका है। अब खेतों की उपज सीधे विदेशों में छाएगी और किसानों की आमदनी में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। यह योजना न सिर्फ किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि भारत को कृषि निर्यात में भी वैश्विक मंच पर मजबूत करेगी।