गाजियाबाद : शहर की सड़कों पर दौड़ रहे ई-रिक्शा अब तकनीक की पकड़ में आ गए हैं। मनमर्जी से रूट बदलने वाले, मनमाने किराए वसूलने वाले और सवारियों से बदसलूकी करने वाले चालकों पर अब QR कोड की डिजिटल लगाम कसी जाएगी। गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने सोमवार से इसकी शुरुआत कर दी है।
क्या है यह नई व्यवस्था?
आपको बता दें कि शहर के 26 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा को QR कोड से जोड़ा जाएगा। फिलहाल 200 ई-रिक्शा पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है। हर QR कोड में चालक और मालिक का नाम, मोबाइल नंबर, पता और पंजीकरण की जानकारी रहेगी। किसी भी यात्री या पुलिसकर्मी को केवल अपने मोबाइल से QR कोड स्कैन करना होगा और सारी जानकारी सामने आ जाएगी।
क्यों उठाना पड़ा यह कदम?
गौरतलब है कि पिछले दिनों ऐसी शिकायतें आईं कि कुछ ई-रिक्शा चालक सवारियों से लूटपाट या अभद्रता कर रहे थे। साथ ही मनमाने रूट और किराए वसूल रहे थे। एवं ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे। इसी को रोकने के लिए अब QR कोड व्यवस्था लागू की गई है।
रंगों से तय होगा रूट :
विदित है कि गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने शहर को 5 जोन में बांटा है। हर जोन के ई-रिक्शा पर अलग-अलग रंग के QR कोड स्टिकर होंगे। इससे यह तुरंत पता चल जाएगा कि कौन सा रिक्शा किस रूट पर चलना चाहिए। यानी अब कोई चालक अपनी मनमर्जी से दूसरे रूट पर जाकर सवारी नहीं उठा पाएगा।
सवारियों के लिए बड़ी राहत :
आपको बता दें कि QR कोड सिर्फ पहचान का जरिया नहीं होगा, बल्कि यह यात्रियों के लिए भी सुरक्षा कवच बनेगा। सवारी सीधे QR कोड स्कैन कर चालक का नाम और मोबाइल नंबर देख सकेगी। किसी तरह की बदसलूकी या ओवरचार्जिंग पर यात्री वहीं से फीडबैक या शिकायत दर्ज करा सकेगा। पुलिस तुरंत उस ई-रिक्शा और चालक तक पहुंच जाएगी।
पुलिस अधिकारियों ने क्या कहा?
गौरतलब है कि अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं यातायात आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि - “QR कोड लगने से न सिर्फ ट्रैफिक व्यवस्था सुधरेगी बल्कि अपराधियों पर भी अंकुश लगेगा। हर सवारी सुरक्षित महसूस करेगी और चालकों की मनमानी बंद होगी।”
वहीं एडीसीपी ट्रैफिक सच्चिदानंद का कहना है कि - “अब किसी भी ई-रिक्शा की पहचान सफर के दौरान भी की जा सकेगी। आगे और पीछे लगाए गए स्टिकर सवारियों को भी आसानी से दिखाई देंगे।”
सवारी को क्या करना होगा?
आपको बता दें कि सवारी को केवल ई-रिक्शा पर लगे स्टिकर का नंबर या QR कोड याद रखना होगा। किसी भी समस्या पर वह तुरंत पुलिस को जानकारी दे सकेगा। यह व्यवस्था जाम कम करने, अपराध रोकने और सफर को सुरक्षित बनाने में बड़ी मदद करेगी।
क्यों है यह पहल महत्वपूर्ण?
विदित है कि गाजियाबाद NCR का सबसे व्यस्त इलाका है। हर दिन लाखों लोग ई-रिक्शा से सफर करते हैं। मनमानी और अपराध की वजह से बार-बार शिकायतें मिल रही थीं। QR कोड सिस्टम से एक साथ ट्रैफिक नियंत्रण, अपराध पर अंकुश और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
अब सवाल ये है कि क्या यह प्रयोग सफल होकर पूरे उत्तर प्रदेश और NCR में लागू होगा? अगर ऐसा हुआ, तो ई-रिक्शा की दुनिया पूरी तरह डिजिटल हो जाएगी और ई-रिक्शा चालकों को बड़ा बदलाव से गुजरना होगा।