न्यू दिल्ली: दिल्ली के हज़ारों अभिभावकों के लिए राहत की खबर आयी है, अब प्राइवेट स्कूल मनमाने ढंग से फीस नहीं वसूल सकेंगे। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने स्कूलों की बेलगाम लूट पर सीधा वार करते हुए 'दिल्ली स्कूल एजुकेशन (फीस रेगुलेशन) एक्ट-2025' को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। ये कानून लागू होते ही राजधानी के 1677 निजी स्कूलों की फीस प्रणाली पूरी तरह सरकार के शिकंजे में होगी।
10 लाख तक जुर्माना, स्कूल की मान्यता होगी रद्द!
आपको बता दे कि अगर कोई स्कूल इस कानून की अवहेलना करता है, तो उस पर 1 से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी और सरकार उसका प्रशासन अपने अधीन ले सकती है।
अभिभावकों के लिए राहत की खबर
सीएम रेखा गुप्ता ने प्रेसवार्ता में कहा कि पिछली सरकारों ने 27 साल तक आंखें मूंदी रहीं, हमने सिर्फ 65 दिन में अभिभावकों को राहत देने का ऐतिहासिक कदम उठाया है।” अब तक 970 स्कूलों का निरीक्षण हो चुका है, 150 स्कूलों को नोटिस, 42 स्कूलों पर कार्रवाई, और 300 से अधिक शिकायतें सुलझाई जा चुकी हैं।
तीन-स्तरीय सिस्टम: फीस बढ़ाने से पहले देना होगा हिसाब
गौरतलब है कि अब कोई भी निजी स्कूल फीस बढ़ाने से पहले तीन स्तरों से होकर गुजरेगा:
1. स्कूल लेवल फीस कमेटी: हर स्कूल में प्रिंसिपल, प्रबंधन, शिक्षक, पांच अभिभावकों और शिक्षा निदेशक की मौजूदगी में एक कमेटी बनेगी, जो स्कूल की वित्तीय स्थिति, आधारभूत सुविधाएं और पे-स्केल देखकर फीस प्रस्ताव तैयार करेगी।
2. जिला अपीलीय समिति:
अगर किसी अभिभावक को फीस में बढ़ोतरी पर आपत्ति हो, तो वह जिले की समिति में अपील कर सकेगा। इसमें जिला शिक्षा अधिकारी अध्यक्ष होंगे।
3. राज्य स्तरीय समिति: यदि जिला समिति से भी समाधान न मिले, तो मामला जाएगा राज्य समिति में, जिसकी अगुवाई शिक्षा निदेशक करेंगे। इसमें चार्टर्ड अकाउंटेंट, शिक्षा विशेषज्ञ और अभिभावक भी शामिल होंगे।
अक्टूबर में ही साफ हो जाएगा अगली साल की फीस का भविष्य!
आपको बता दे कि अब स्कूल फीस का प्रस्ताव 31 जुलाई तक तैयार कर लिया जाएगा और 30 सितंबर तक फाइनल फैसला हो जाएगा, ताकि अक्टूबर से ही अभिभावकों को साफ पता हो कि अगले साल फीस बढ़ेगी या नहीं। इससे उन्हें स्कूल बदलने या बनाए रखने का निर्णय समय रहते लेने में मदद मिलेगी।
किताबें-यूनिफॉर्म पर भी सरकार की नजर
गौरतलब है कि शिकायतें मिली थीं कि कई स्कूल मंहगी किताबें और यूनिफॉर्म जबरन थोप रहे हैं। अब इन पर भी सख्ती होगी। 300 से अधिक शिकायतों पर कार्रवाई हो चुकी है।
अब आगे क्या
आपको बता दे कि विधानसभा की विशेष बैठक में इस बिल को पेश किया जाएगा वहीं 15 जुलाई तक सभी स्कूलों में समितियां गठित होंगी। दिल्ली सरकार का यह कदम निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाकर शिक्षा को सभी के लिए सुलभ और न्यायसंगत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब अभिभावकों को महंगी फीस के बोझ से राहत मिलने की उम्मीद है।