दिल्ली: दिल्ली NCR एक बार फिर दमघोंटू धुंध की गिरफ्त में है। राजधानी की हवा जहरीली हो चुकी है और सांस लेना मुश्किल बन गया है। सोमवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 427 तक पहुंच गया, जो “Severe” श्रेणी में आता है। यानी हवा इतनी खराब कि यह न सिर्फ बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों बल्कि स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी गंभीर खतरा है।
इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने GRAP-3 (Graded Response Action Plan- Stage 3) लागू कर दिया है। इसका मतलब है, अब राजधानी में कई तरह की पाबंदियां लगेंगी, निर्माण कार्य रुकेंगे, ट्रक एंट्री पर रोक होगी और स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेज शुरू की जाएंगी।
आखिर क्या है GRAP?
GRAP (Graded Response Action Plan) एक ऐसा आपातकालीन कदम है, जो दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए लागू किया जाता है। इसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और CAQM (Commission for Air Quality Management) की सिफारिश पर लागू किया जाता है। इसका उद्देश्य है कि जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़े, वैसे-वैसे उससे निपटने के लिए तय स्टेज के तहत सख्त कदम उठाए जाएं।
GRAP को 2017 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लागू किया गया था। इसमें चार स्टेज होती हैं-
पहली स्टेज (Poor):
जब AQI 201 से 300 के बीच होता है, तो इसे “Poor” श्रेणी में रखा जाता है। इस दौरान सड़क की धूल पर पानी का छिड़काव, कूड़ा जलाने पर रोक और निर्माण सामग्री को ढंककर रखने के आदेश जारी होते हैं।
दूसरी स्टेज (Very Poor):
जब AQI 301 से 400 के बीच होता है, तो यह “Very Poor” श्रेणी में आता है। इस दौरान डीजल जेनरेटर पर रोक लगाई जाती है, सड़क सफाई बढ़ाई जाती है और धूल फैलाने वाले कार्यों पर नियंत्रण किया जाता है।
तीसरी स्टेज (Severe):
जब AQI 401 से 450 तक पहुंच जाता है, तो “Severe” स्थिति मानी जाती है। यही स्थिति फिलहाल दिल्ली में है। इस स्टेज में निर्माण कार्यों पर रोक, ट्रकों की एंट्री बंद, स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस, और सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम जैसी सख्तियां लागू होती हैं।
चौथी स्टेज (Severe+ or Emergency):
जब AQI 450 से ऊपर चला जाता है, तो यह स्वास्थ्य आपातकाल मानी जाती है। इस दौरान ऑड-ईवन स्कीम लागू की जाती है, डीजल वाहनों की आवाजाही बंद कर दी जाती है और सभी निर्माण कार्य पूरी तरह रोक दिए जाते हैं।
अब दिल्ली में क्या-क्या बंद रहेगा? (GRAP-3 के तहत लागू पाबंदियां)
GRAP-3 लागू होने के साथ ही दिल्ली सरकार ने सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं। अब राजधानी में निम्नलिखित नियम लागू होंगे:
सभी निर्माण कार्यों पर रोक:
बड़े बिल्डिंग प्रोजेक्ट, फ्लाईओवर, सड़क खुदाई, मॉल निर्माण जैसे सभी कार्य फिलहाल बंद रहेंगे। सिर्फ अस्पताल, रेलवे, मेट्रो और जरूरी सरकारी प्रोजेक्ट्स को छूट दी गई है।
ट्रकों और भारी वाहनों की एंट्री पर रोक:
दिल्ली में बाहर से आने वाले ट्रकों की एंट्री पूरी तरह बंद रहेगी। सिर्फ ज़रूरी वस्तुएं जैसे दूध, सब्जियां, ईंधन और चिकित्सा से जुड़ी सामग्रियों के ट्रक ही आ-जा सकेंगे।
स्कूलों में हाइब्रिड या ऑनलाइन क्लासेज:
प्रदूषण के असर से बच्चों की सेहत को बचाने के लिए स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में कक्षाएं चलाएं।
सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम:
सरकारी कर्मचारियों को जहां संभव हो, घर से काम करने की सलाह दी गई है। निजी दफ्तरों को भी यही सुझाव दिया गया है ताकि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो।
डीजल जनरेटर और धूल फैलाने वाली गतिविधियों पर रोक:
डीजल जेनरेटर, निर्माण स्थल पर मिक्सर मशीनें या खुली धूल उड़ाने वाली मशीनों के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध है।
खुले में कचरा जलाने पर भारी जुर्माना:
यदि कोई व्यक्ति खुले में कचरा जलाते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता:
सिर्फ CNG, इलेक्ट्रिक और BS-VI वाहनों को ही सड़क पर अनुमति दी गई है। डीजल वाहनों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
दिल्ली की हवा कितनी खराब हो चुकी है?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार दिल्ली का औसत AQI 427 दर्ज किया गया।
•आनंद विहार- AQI 454
•नरेला- AQI 451
•बवाना- AQI 446
•मुंडका- AQI 442
इन इलाकों में हवा इतनी खराब है कि सुबह और रात के समय धुंध के साथ ज़हरीली गैस की परत छा गई है। दृश्यता घटने लगी है, और सांस लेने में जलन महसूस की जा रही है।
दिल्लीवासियों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
इस प्रदूषण के समय में हर व्यक्ति को अपनी सेहत के लिए अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:
•घर से बाहर निकलते समय हमेशा N95 या N99 मास्क पहनें।
•सुबह-सुबह या देर शाम बाहर टहलने से बचें, क्योंकि इस समय प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा होता है।
•घर में एयर प्यूरिफायर का प्रयोग करें। अगर नहीं है तो कमरे में पौधे लगाएं जैसे मनी प्लांट, स्नेक प्लांट, एलोवेरा, जो हवा को शुद्ध करते हैं।
•ज्यादा पानी पिएं, स्टीम लें और विटामिन-C युक्त आहार लें ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।
•बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को बाहर जाने से बचाएं।
•सड़कों पर धूल उड़ाने या कूड़ा जलाने जैसी गतिविधियों से दूर रहें।
विशेषज्ञों की चेतावनी “हवा में ज़हर घुल चुका है”
पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि दिल्ली की हवा में अब PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कणों की मात्रा बेहद बढ़ गई है। ये कण फेफड़ों के अंदर जाकर रक्त प्रवाह तक पहुंच सकते हैं, जिससे सांस, दिल और त्वचा से जुड़ी बीमारियां तेज़ी से बढ़ सकती हैं।
AIIMS के डॉक्टरों के मुताबिक “लोगों में सांस फूलना, आंखों में जलन, खांसी और गले में दर्द जैसे लक्षण बढ़ रहे हैं। अगर हवा इसी तरह खराब रही तो अस्पतालों में मरीजों की संख्या दोगुनी हो सकती है।”
दिल्ली कैसे बचे इस जहरीली हवा से?
•सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे भी इस संकट से निपटने में अपनी भूमिका निभाएं।
•अपनी गाड़ियों का कम उपयोग करें, कारपूल या सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें।
•घर की छतों पर पौधे लगाएं, क्योंकि हर पौधा प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।
•कचरा जलाने या खुले में धूल उड़ाने से परहेज करें।
•ऊर्जा बचाएं और ज्यादा से ज्यादा हरित विकल्प अपनाएं।
अगर स्थिति नहीं सुधरी तो क्या होगा?
CAQM ने चेतावनी दी है कि अगर प्रदूषण का स्तर ऐसे ही बना रहा तो GRAP की चौथी स्टेज (Severe+) लागू करनी पड़ सकती है। इसका मतलब होगा सभी स्कूल-कॉलेज बंद, सभी निर्माण कार्य पूरी तरह रुक जाएंगे, सिर्फ ज़रूरी सेवाओं से जुड़े वाहन ही चलेंगे और डीजल-पेट्रोल गाड़ियों की सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह बंद हो जाएगी।
निष्कर्ष:
दिल्ली एक बार फिर प्रदूषण की गिरफ्त में है। GRAP-3 का लागू होना इस बात का संकेत है कि अब हालात सामान्य नहीं रहे। सरकार, प्रशासन और नागरिक तीनों को मिलकर कदम उठाने होंगे। अगर अब भी चेत नहीं हुए तो हवा में घुला ज़हर आने वाले हफ्तों में और घातक हो सकता है।
क्योंकि अगर हमने अभी कदम नहीं उठाए, तो दिल्ली की सांसें आने वाले दिनों में और भी भारी हो जाएंगी।