नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा अब सिर्फ देश की राजनीति का केंद्र नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी और लोकतंत्र के संगम का गवाह बनने जा रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार और विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में विधानसभा की कार्यप्रणाली को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस किया I
जानें क्या होगा बदलाव :
आपको बता दें कि AI से लैस होने से विधानसभा के कार्य करने की पद्धति पूरी तरह से बदल जाएगी। इससे विधानसभा की प्रक्रिया में निम्नलिखित बदलाव होंगे-
●सवाल पूछने की प्रक्रिया में बदलाव होगा।
●मंत्रियों के जवाब देने की पद्धति में सुधार होगा।
●रिकॉर्ड रखने और बहस को व्यवस्थित करने में नई क्रांति देखने को मिलेगी।
लोकतंत्र के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से नई क्रांति का होगा आगाज:
गौरतलब है कि दुनिया भर में एआई को लेकर बहस जारी है कि यह कितना सहायक और कितना खतरनाक हो सकता है। लेकिन दिल्ली विधानसभा इसे लोकतंत्र मजबूत करने के औज़ार के रूप में अपनाने की तैयारी में है। देशभर के विधानसभा अध्यक्षों की बैठक में होने वाली है, जिसमें यह मुद्दा मुख्य एजेंडे पर रहेगा।
किस बात पर होगी बहस :
विदित है कि चर्चा इस बात पर होगी कि एआई किस तरह संसदीय-प्रणाली को और जवाबदेह, समय के अनुकूल, और पारदर्शी बना सकता है। यदि सब कुछ प्लान के अनुसार रहा, तो यह पहल दिल्ली से शुरू होकर अन्य विधानसभाओं और संभवतः संसद तक पहुंच सकती है।
पहले डिजिटल, अब एआई :
आपकी जानकारी को बता दें कि दिल्ली विधानसभा को पहले ही पूरी तरह डिजिटल और सौर ऊर्जा आधारित प्रणाली से लैस किया जा चुका है। अब अगला कदम AI है। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि नई पीढ़ी की सोच और काम करने के तरीके के साथ तालमेल बिठाना ही भविष्य है। इसी दिशा में विधानसभा में एक बड़ी बहस आयोजित की जाएगी, जिसमें एआई के उपयोग को लेकर स्पष्ट दिशा तय की जाएगी।
इतिहास से जोड़ने वाला पल; अमित शाह करेंगे डाक टिकट जारी :
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा अध्यक्षों के सम्मेलन में सिर्फ भविष्य ही नहीं, बल्कि इतिहास का सम्मान भी होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस दौरान भारत के पहले निर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष विट्ठल भाई पटेल की जन्म शताब्दी पर एक विशेष डाक टिकट जारी करेंगे। विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि : “संसदीय पुरोधाओं का सम्मान सिर्फ इतिहास को याद करना नहीं है, बल्कि भविष्य की राह में प्रेरणा लेना है।”
क्यों अहम है यह कदम?
विदित है कि इस प्रणाली से विधानसभा का हर सवाल-जवाब और बहस अब और अधिक डेटा-आधारित व पारदर्शी होगी। एआई के जरिए न केवल काम तेज होगा बल्कि निर्णय प्रक्रिया में भी सटीकता आएगी। यह भारत की लोकतांत्रिक परंपरा को 21वीं सदी की तकनीक से जोड़ने वाला ऐतिहासिक पल साबित हो सकता है।
दिल्ली विधानसभा जल्द ही भारत की पहली एआई-सक्षम विधानसभा बनने की ओर कदम बढ़ा रही है।
जहां इतिहास को सम्मान और भविष्य को दिशा मिलेगा।