दिल्ली-हरियाणा-पंजाब में बारिश का अलर्ट!: पहाड़ों की बर्फबारी ने बढ़ाई मैदानी इलाकों में ठंड, 10 राज्यों में मौसम का मिजाज बदला और...
दिल्ली-हरियाणा-पंजाब में बारिश का अलर्ट!

मौसम: नवंबर की शुरुआत में ही मौसम ने अपना मिजाज बदल लिया है। उत्तरी भारत के पहाड़ी इलाकों में चल रही लगातार बर्फबारी ने ठंड को मैदानों तक पहुँचा दिया है वहीं मैदानी इलाकों में बारिश-कोहरे और गरज-चमक के संकेत मिल रहे हैं। राज्य-विभाजनवार येलो अलर्ट जारी हुआ है और इस बदलाव के पीछे हैं कई पृष्ठभूमि कारक आइए पूरी कहानी विस्तार से जानें।

पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और ठंड की गंभीरता

India Meteorological Department (IMD) की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 3 नवंबर 2025 को एक नया सक्रिय Western Disturbance उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित कर रहा है। 

इस विक्षोभ के कारण ग्लेशियर्स सहित ऊँचे पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी तेज़ हो गई है उदाहरण के लिए हिमाचल-प्रदेश और उत्तराखंड के ऊँचे क्षेत्रों में बर्फ की मोटी परत जम चुकी है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि पश्चिमी विक्षोभ से लगभग 30 % से भी अधिक वर्षा-स्वरूप नार्थ-वेस्ट भारत को शीतकालीन महीनों में प्राप्त होती है, जो ग्लेशियर्स, हिमजल एवं कृषि पर असर डालती है। 

परिणामस्वरूप, पहाड़ों से उतरती ठंडी हवाएँ मैदानी इलाकों तक पहुँच रही हैं, जिससे दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान में गिरावट आ रही है लोग सुबह-शाम ठिठुरन महसूस कर रहे हैं।

मैदानी इलाकों में बारिश और अलर्ट की स्थिति

IMD ने आज के लिए दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पंजाब में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। इसके साथ-साथ 10 राज्यों में मौसम अलर्ट जारी किये गए हैं जिसमें दक्षिण भारत व पूर्वोत्तर-क्षेत्र भी शामिल हैं।

उदाहरण के लिए दिल्ली-गुरुग्राम-नोएडा क्षेत्र में आज सुबह-शाम बादल छाए रहने व बूंदाबांदी का अनुमान है। 

और सिर्फ यह नहीं महाराष्ट्र, कोंकण तट, कर्नाटक, आंध्र-प्रदेश, तमिलनाडु, मिजोरम, नागालैंड आदि राज्यों में भी बारिश और तूफानी हवाओं का येलो या उससे ऊपर का अलर्ट जारी हुआ है। 

इस तरह मैदानों में बारिश-ठंड-कोहरा का मिक्सचर बन रहा है जो सामान्य सर्दी की तुलना में अधिक अलग अनुभव होगा।

क्यों हुआ यह मिजाज-बदलाव?

उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण झड़ी-बंदी की तरह बर्फ-बारिश हो रही है, जिससे तापमान गिर रहा है, इसके साथ-साथ, दक्षिणी व पूर्वोत्तर राज्यों में मानसूनी अवशेष या समुद्री आर्द्रता की स्थिति बारिश को बढ़ावा दे रही है।

उदाहरण: IMD ने बताया है कि अगले कुछ दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत में हल्की बारिश/बर्फबारी तथा पंजाब-हरियाणा-मैदानों में कोहरे व बारिश की संभावना है। 

मौसमविद् मानते हैं कि इस तरह का बदलाव “स्थानांतरणीय ठंड” (translating cold air/vapour from mountains to plains) और “विषम मौसम प्रणाली” (diverging systems) का संकेत हो सकता है।

प्रभाव-क्षेत्र और सुझाव

यात्री-पर्यटक: पहाड़ी इलाकों में यात्रा कर रहे लोग बर्फबारी व फिसलन का सामना कर सकते हैं, ऊँचाई पर विजिबिलिटी कम हो सकती है, तो वाहन-यात्रा में अतिरिक्त सतर्कता जरूरी है।

कृषि व ग्रामीण इलाकों: मैदानी इलाकों में ठंड और बारिश से फसल, बाग-बगीचे व पशुपालन प्रभावित हो सकते हैं, खेतों को आइने मौसम के अनुसार तैयार करना होगा।

शहरी-नागरिक: दिल्ली-एनसीआर व आसपास के क्षेत्रों में सुबह-शाम ठंड व कोहरा बढ़ सकता है वाहन चलाते समय खिड़कियाँ बंद रखें, कम विजिबिलिटी में धीमी गति अपनाएँ।

स्वास्थ्य विभाग: सर्द हवाओं व बारिश के कारण श्वसन संबंधी रोगों का जोखिम बढ़ सकता है बुजुर्ग, बच्चों व विशेष रूप से अस्थमा व एलर्जी के मरीजों को सावधानी बरतनी होगी।

वैज्ञानिक पृष्ठभूमि

पश्चिमी विक्षोभ झोंके-झोंके में उत्तरी भारत में बर्फबारी या बारिश लाते हैं, और इस दौरान तापमान में विशेष गिरावट आ सकती है। 

मैदानों में ठंड बढ़ने का कारण है पहाड़ों की बर्फ और ठंडी हवाएँ नीचे की ओर आकर तापमान नीचे ले जाती हैं।

बारिश-कोहरा की स्थिति तब बनती है जब ठंडी हवाओं के बाद आसमान में नमी बनी हुई हो जो मैदानों में विजिबिलिटी व तापमान दोनों को प्रभावित करती है।

निष्कर्ष

आज का मौसम हमें यह याद दिला रहा है कि एक ठंड-बारिश-कोहरा का कॉम्बिनेशन कितनी जल्दी बदल सकता है। पहाड़ों पर बर्फबारी ने मैदानों में ठंड को बढ़ावा दिया है, और मैदानी राज्यों में बारिश-हवा की स्थिति मनुष्य-प्रकृति दोनों को झकझोर रही है।

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