दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से हालात खतरनाक स्तर पर पहुँच चुके हैं। राजधानी की हवा “Very Poor” श्रेणी में दर्ज की गई है और इसी के चलते दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है।
1 नवंबर 2025 से दिल्ली में सिर्फ BS-6 मानक वाली गाड़ियों को ही एंट्री मिलेगी जबकि पुराने (गैर-BS-6) बाहरी वाणिज्यिक मालवाहक वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
नया नियम क्या है?
दिल्ली परिवहन विभाग और पर्यावरण विभाग ने घोषणा की है कि 1 नवंबर से BS-6 से नीचे वाले सभी डीजल और पेट्रोल वाणिज्यिक वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय प्रदूषण नियंत्रण अभियान के तहत GRAP (Graded Response Action Plan) के तीसरे चरण में लिया गया है।
दिल्ली सीमा पर सख्त निगरानी
दिल्ली सरकार ने सख्ती से अमल सुनिश्चित करने के लिए 48 विशेष टीमें तैनात की हैं, जो सिंघु, गाज़ीपुर, बदरपुर, आनंद विहार, टिकरी बॉर्डर समेत सभी प्रवेश बिंदुओं पर चौकसी करेंगी। इन टीमों को निर्देश दिया गया है कि गैर-BS-6 वाहनों को तुरंत वापस भेजा जाए या चालान किया जाए।
वाहन मालिकों को चेतावनी
दिल्ली परिवहन विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है “जो वाहन मालिक नियमों की अनदेखी करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, वाहन जब्त किया जा सकता है, भारी जुर्माना लगाया जाएगा, और बार-बार उल्लंघन करने वालों की आरसी (RC) तक निलंबित की जा सकती है।”
किन वाहनों को नहीं मिलेगी एंट्री?
• BS-6 मानक से नीचे वाले डीजल/पेट्रोल वाणिज्यिक वाहन
• दूसरे राज्यों के पुराने ट्रक, डंपर और मिनी ट्रक
• डीजल टेंपो और पुरानी लॉजिस्टिक गाड़ियां
किन वाहनों को छूट मिलेगी?
BS-6 श्रेणी के सभी निजी वाहन, आपातकालीन सेवाओं की गाड़ियां (एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, पुलिस आदि), आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति वाले वाहन, यदि वे BS-6 मानक के हों।
क्यों लिया गया यह कदम?
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी में PM2.5 और PM10 कणों का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ रहा है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में दिल्ली का औसत AQI 320 तक पहुंच गया जो “Very Poor” श्रेणी में है। पिछले साल इसी अवधि में AQI 280 था। हर साल पराली जलाने, ट्रैफिक और औद्योगिक उत्सर्जन से दिल्ली की हवा “Severe” स्तर तक चली जाती है, ऐसे में यह प्रतिबंध एहतियाती कदम है।
पिछले साल के आंकड़े
2024 में जब ट्रकों पर अस्थायी रोक लगाई गई थी, तो प्रदूषण स्तर में 18% की गिरावट दर्ज की गई थी। इस बार सरकार का मानना है कि BS-6 नियम लागू करने से 70% तक उत्सर्जन में कमी आ सकती है।
जनता और ट्रांसपोर्ट यूनियन की राय
जहां पर्यावरण विशेषज्ञों ने इस फैसले का स्वागत किया है, वहीं ट्रक चालकों और यूनियनों ने राहत की मांग की है।
“हम नियमों का समर्थन करते हैं लेकिन पुराने वाहनों को बदलने में समय और आर्थिक मदद मिलनी चाहिए” दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता ने कहा। दूसरी ओर कई नागरिकों का कहना है कि दिल्ली की हवा पहले से ज़्यादा जहरीली हो चुकी है इसलिए सरकार का सख्त कदम स्वागत योग्य है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
AIIMS के पल्मोनरी एक्सपर्ट डॉ. विवेक कुमार ने कहा “सर्दियों में प्रदूषण से अस्थमा, एलर्जी, और दिल की बीमारियों के मामले 30% तक बढ़ जाते हैं। BS-6 वाहनों की अनिवार्यता से हवा में कार्बन और सल्फर उत्सर्जन में बड़ी गिरावट आएगी।”
जनता के लिए सलाह और हेल्पलाइन
• दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे:
• गाड़ी का PUC सर्टिफिकेट और BS-6 स्टिकर साथ रखें।
• नियमों की जानकारी या शिकायत के लिए हेल्पलाइन 1800-11-0018 पर संपर्क करें।
• गैर-अनुपालन पर ₹10,000 तक का जुर्माना या वाहन जब्ती की कार्रवाई हो सकती है।
पर्यावरणीय असर
विशेषज्ञों के अनुसार, BS-6 इंजन से कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन में 70% तक कमी आती है। इससे दिल्ली के वायु गुणवत्ता स्तर में वास्तविक सुधार की संभावना है।
आगे क्या हो सकता है?
अगर प्रदूषण में सुधार नहीं हुआ तो दिल्ली सरकार 15 नवंबर से निजी डीजल कारों पर भी सीमित रोक लगाने पर विचार कर सकती है। पर्यावरण विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना नवंबर के मध्य में जारी की जा सकती है।
अंतिम अपील:
“दिल्ली की हवा हम सबकी जिम्मेदारी है। कृपया नियमों का पालन करें, प्रदूषण कम करने में सहयोग दें, और अपने शहर को सांस लेने लायक बनाएं।” - दिल्ली परिवहन विभाग