नई दिल्ली/तकनीकी: भारत अब 5G के बाद अगली डिजिटल छलांग के लिए पूरी तरह तैयार है। सरकार ने आधिकारिक तौर पर अपना 'भारत 6जी विजन' डॉक्यूमेंट जारी कर देश को अगले दशक की टेक्नोलॉजी रेवोल्यूशन का रोडमैप दे दिया है। हैरतअंगेज बात यह है कि 6G की स्पीड मौजूदा 5G से लगभग 1000 गुना ज्यादा होगी, जो देश की डिजिटल तस्वीर को ही बदल कर रख देगी।
क्या है 6G का जादू? स्पीड का मतलब समझें
अगर आपको लगता है कि 5G फास्ट है, तो 6G आपको चौंका देगा। आसान भाषा में समझें कि 5G की स्पीड लगभग 1 Gbps (1 Gigabit per second) होती है यानी एक हाई-डेफिनिशन मूवी कुछ सेकंड में डाउनलोड होगी वहीं 6G की अनुमानित स्पीड 1000 Gbps (1 Terabit per second) होगा, यानी 5G के मुकाबले 1000 गुना तेज। इस स्पीड में आपकी पलक झपकते ही पूरी की पूरी लाइब्रेरी का डेटा डाउनलोड हो सकता है।
2030 तक लक्ष्य, लेकिन तैयारी शुरू: क्या है 'भारत 6जी विजन' मिशन?
गौरतलब है कि 5G को रिकॉर्ड तेजी से रोल आउट करने के बाद, सरकार ने 6G की दौड़ में अगली चाल चल दी है। 'भारत 6जी विजन' मिशन का मुख्य उद्देश्य है:
●स्वदेशी तकनीक पर जोर: 6G टेक्नोलॉजी के रिसर्च, डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग में भारत को आत्मनिर्भर बनाना।
● ग्लोबल लीडर बनना: भारत को उन चुनिंदा देशों में शामिल करना जहां सबसे पहले 6G सर्विस लॉन्च होगी।
●सबको कनेक्टिविटी: 'यूनिवर्सल एक्सेस' के सिद्धांत पर काम करते हुए देश के हर नागरिक तक अल्ट्रा-हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाना।
सिर्फ स्पीड ही नहीं, ये 4 क्षेत्र बदल जाएंगे: देखें भविष्य
6G सिर्फ इंटरनेट की रफ्तार नहीं बढ़ाएगा, बल्कि यह इन चार क्षेत्रों में क्रांति ला देगा:
रिमोट सर्जरी और हेल्थकेयर: डॉक्टर हज़ारों किलोमीटर दूर बैठकर रोबोटिक आर्म्स के जरिए बेहद सटीक सर्जरी कर पाएंगे। 6G की अत्यंत कम 'लेटेंसी' (विलंबता) इसकी अनुमति देगी।
स्मार्ट सिटीज़ का सपना साकार: सेल्फ-ड्राइविंग कारें, स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और ऊर्जा वितरण पूरी तरह ऑटोमेटेड हो जाएंगे, जहां हर डिवाइस बिना किसी देरी के एक-दूसरे से कम्युनिकेट करेगी।
इमर्सिव एक्सपीरियंस: मेटावर्स और वर्चुअल रियलिटी का अनुभव इतना यथार्थवादी होगा कि आप वास्तविक और डिजिटल दुनिया के बीच का फर्क नहीं कर पाएंगे।
एडवांस्ड रोबोटिक्स और AI: फैक्ट्रियों और खेतों में रोबोट्स और AI सिस्टम बिना किसी इंसानी हस्तक्षेप के, रीयल-टाइम डेटा के आधार पर जटिल काम करने लगेंगे।
GDP में जोड़ेगा 1.2 ट्रिलियन डॉलर, आत्मनिर्भर भारत को मिलेगी मजबूती
सरकार का अनुमान है कि 6G टेक्नोलॉजी के इकोसिस्टम से अगले कुछ सालों में भारत की GDP में 1.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 100 लाख करोड़ रुपये) की बढ़ोतरी हो सकती है। यह 'आत्मनिर्भर भारत' और 'विकसित भारत @2047' के लक्ष्यों को हासिल करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह एक भारत की तकदीर बदलने वाला मिशन है। साफ है कि भारत अब टेक्नोलॉजी के मामले में सिर्फ फॉलोवर नहीं, बल्कि एक ग्लोबल लीडर बनने का सपना देख रहा है। 6G पर फोकस सिर्फ तेज इंटरनेट के बारे में नहीं है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के हर पहलू को बदलने वाला एक रणनीतिक कदम है। 2030 का दशक आते-आते भारत दुनिया को दिखा सकता है कि कैसे एक डिजिटल सुपरपावर की तरह उभरता है।