स्वास्थ्य/नई दिल्ली : सर्दी की शुरुआत होते ही दिल्ली-NCR की हवा ज़हर बन चुकी है।
AQI लगातार “खराब” से “बेहद ख़राब” श्रेणी में जा रहा है। सुबह की धुंध अब धुएं का मिश्रण बन चुकी है, सांस लेना जैसे चुनौती हो गया है। लेकिन इसी बीच एक वैज्ञानिक उम्मीद की किरण सामने आई है विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप रोज़ कुछ खास 8 फलों को अपने खानपान में शामिल कर लें, तो पॉल्यूशन का असर आपके फेफड़ों पर लगभग न के बराबर रह जाएगा।
सर्दी में दोधारी तलवार; ठंड भी दुश्मन, धुआं भी :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ठंडी हवा फेफड़ों की क्षमता को पहले ही कम कर देती है, और ऊपर से प्रदूषण का ज़हर इसे और कमजोर बना देता है। लेकिन एनवायरमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव में छपी एक रिसर्च बताती है कि जो लोग रोज़ फल और सब्जियां खाते हैं, उनके फेफड़े PM2.5 और AQI के ज़हर में भी मजबूत बने रहते हैं। न्यूट्रिशनिस्ट लीमा महाजन कहती हैं “पॉल्यूशन से शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है, जिससे फ्री रेडिकल्स फेफड़ों की सेल्स पर हमला करते हैं। लेकिन फल और सब्जियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इनका सफाया कर देते हैं।”
जानें फेफड़ों को मज़बूत करने वाले 8 सुपरफ्रूट्स :
गौरतलब है कि एक नहीं, पूरे आठ फल ऐसे हैं जो आपके फेफड़ों की ढाल बन सकते हैं। ये शरीर से ज़हरीले कण निकालते हैं, सूजन घटाते हैं और इम्यूनिटी को कई गुना बढ़ा देते हैं।
सेब (Apple)
सेब रोज़ खाने से फेफड़ों की सूजन कम होती है और यह उनके ऊतकों को रिपेयर करता है। “An apple a day keeps pollution away,” यह अब विज्ञान से साबित है।
अमरूद (Guava)
विदित है कि अमरूद में विटामिन C और लाइकोपीन होता है, जो फ्री रेडिकल्स को खत्म करता है। यह पॉल्यूशन से होने वाली सेल डैमेज को रोकता है।
संतरा और कीनू (Orange / Kinnow)
आपको बता दें कि इनमें मौजूद विटामिन C सांस की नली को सुरक्षा देता है। यह फेफड़ों की झिल्ली को मजबूत करता है और बलगम को साफ करता है।
अनार (Pomegranate)
अनार फेफड़ों में ऑक्सीजन फ्लो को बेहतर बनाता है। यह प्रदूषण से डैमेज हुए टिश्यू की मरम्मत करता है और खून को शुद्ध रखता है।
आंवला (Indian Gooseberry)
आंवला को रोज़ाना खाना चाहिए।
यह सर्दी और प्रदूषण दोनों के असर को खत्म करता है। आंवला शरीर की डिटॉक्स मशीन है, फेफड़ों को प्राकृतिक सुरक्षा देता है।
बेरीज (Berries)
ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, या ब्लैकबेरी सभी में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।
यह फेफड़ों की इंफ्लेमेशन और एलर्जी दोनों को कम करते हैं।
पपीता (Papaya)
पपीता शरीर से टॉक्सिन निकालता है और गट-लंग कनेक्शन को मजबूत बनाता है। यह फेफड़ों की सफाई करता है और खतरनाक तत्वों को बाहर निकाल देता है।
कीवी (Kiwi)
कीवी इम्यूनिटी बढ़ाता है और रेस्पिरेटरी हेल्थ को बेहतर रखता है। ठंड और पॉल्यूशन के संयुक्त हमले से फेफड़ों को बचाने में कीवी बेहद असरदार है।
डॉक्टरों की चेतावनी – अगर मुमकिन हो, तो दिल्ली छोड़ दें :
दिल्ली-NCR की हवा अब इंसानों के फेफड़ों पर जंग लगा रही है। कैलाश अस्पताल नोएडा की वरिष्ठ पल्मोनरी विशेषज्ञ डॉ. ए.एस. संध्या का कहना है – “वायु प्रदूषण सिर्फ फेफड़ों को नहीं, बल्कि दिल, दिमाग, किडनी, और इम्यून सिस्टम तक को नुकसान पहुंचा रहा है।” वहीं पीएसआरआई अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. गोपी चंद खिलनानी का सुझाव है – “अगर आप सक्षम हैं, तो 6 से 8 हफ्तों के लिए दिल्ली से बाहर चले जाएं। दिसंबर के मध्य तक यह प्रदूषण का स्तर बना रहेगा।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी – “जो मरीज ऑक्सीजन पर हैं या पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें यह हवा और खतरनाक हो सकती है।”
पॉल्यूशन का शरीर पर असर :
● बच्चों में फेफड़ों की ग्रोथ रुक जाती है
● अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के केस तेजी से बढ़ते हैं
● वयस्कों में फेफड़ों का कैंसर और COPD (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) के मामले दोगुने
● दिल और मस्तिष्क पर भी प्रदूषण का सीधा प्रभाव
डॉ. खिलनानी के मुताबिक, “पहले 90% COPD के मरीज स्मोकिंग के कारण होते थे, अब आधे केस सिर्फ प्रदूषण से आ रहे हैं।”
सर्दी और पॉल्यूशन के इस खतरनाक मेल में आपके फेफड़ों का सबसे बड़ा हथियार है आपकी खानपान।
अगर उसमें रोज़ ये 8 फल शामिल हैं, तो AQI चाहे जितना खराब क्यों न हो, आपके लंग्स साफ, मजबूत और डडिटॉक्सिफाइड रहेंगे। कभी-कभी इलाज डॉक्टर नहीं, प्रकृति करती है और ये फल उसी प्रकृति की सबसे बड़ी दवा हैं।
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट चिकित्सा शोध, जनरल जानकारी और विशेषज्ञों की सलाह पर आधारित है। किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के लिए योग्य चिकित्सक से परामर्श ज़रूर करें। NCR पत्रिका इसकी सटीकता या व्यक्तिगत असर की जिम्मेदारी नहीं लेता।