लखनऊ : यूपी के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अब आवारा कुत्तों का घूमना महंगा पड़ेगा; कुत्तों को नहीं, बल्कि अधिकारियों को। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूजीसी ने देशभर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में ‘डॉग कंट्रोल प्रोटोकॉल’ लागू कर दिया है। यूपी में इसकी शुरुआत हो चुकी है। लखनऊ के AKTU सहित कई विश्वविद्यालयों ने नोडल अधिकारी तैनात कर दिए हैं। ये अधिकारी कैंपस की सुरक्षा, स्वच्छता और आवारा कुत्तों की एंट्री पर कड़ी निगरानी रखेंगे।
कैंपस में एक भी कुत्ता मिला तो कार्रवाई :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नगर विकास विभाग ने सभी विभागों PWD, NHAI, पशुपालन, स्वास्थ्य, परिवहन, खेल, गृह को सख्त निर्देश दिए हैं कि अब कैंपस, कॉलेज, अस्पताल, स्टेडियम; सब जगह 24 घंटे निगरानी होगी। हर तीन महीने में सर्वे किये जायेंगे कि कहीं कुत्तों का आवास न बन जाए। मिले तो तुरंत पकड़कर नसबंदी और टीकाकरण के बाद आश्रय स्थल में शिफ्ट करना होगा। सबसे बड़ी सख्ती तो यह है कि इन कुत्तों को वापस उसी जगह नहीं छोड़ा जाएगा।
नोडल अधिकारी के तौर पर अब हर कॉलेज में एक ‘डॉग कंट्रोल कमांडर’ :
गौरतलब है कि यूजीसी के आदेश के अनुसार:
●हर विश्वविद्यालय और कॉलेज को एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करना होगा।
●उसका नाम और मोबाइल नंबर कैंपस के मुख्य गेट पर बोर्ड पर लिखना अनिवार्य होगा।
●उसकी सूचना स्थानीय नगर निगम, विकास प्राधिकरण और यूजीसी को भेजी जाएगी।
●खेल परिसर/स्टेडियम में 24×7 निगरानी स्टाफ तैनात होगा।
इन अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि कुत्ते कैंपस में न घुसें, कुत्तों का झुंड, आवास, प्रजनन या ठिकाना न बने जिससे छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
राजमार्गों पर भी सख्ती; आवारा पशु हटाए जाएंगे, अफसर होंगे जिम्मेदार
आपको बता दें कि राजमार्गों पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए NHAI और PWD 24 घंटे पेट्रोलिंग टीमें बनाएंगे। हाईवे पर हेल्पलाइन नंबर जगह–जगह लगेगा। आवारा पशुओं को गऊशालाओं में भेजना अनिवार्य। चूक या हादसे पर संबंधित अधिकारी पर व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय होगी।
छात्र–कर्मचारी भी होंगे प्रशिक्षित: कुत्ता काटे तो क्या करें? कैसे बचें?
यूजीसी ने आदेश दिया है कि कॉलेज कुत्तों से निपटने के व्यवहार पर ट्रेनिंग देंगे। साथ ही काटने की स्थिति में प्राथमिक उपचार सिखाएंगे और रेबीज वैक्सीन और इम्यूनोग्लोबिन की उपलब्धता सुनिश्चित करें। इसके साथ ही कुत्तों की गतिविधि की ‘तुरंत रिपोर्टिंग प्रणाली’ तैयार करें।
सीसीएसयू में कुत्तों का आतंक; अब लगेगी नकेल :
विदित है कि मेरठ के सीसीएसयू कैंपस में सैकड़ों आवारा कुत्ते टहलते रहते हैं। कई बार पशुओं का भी प्रवेश होता रहता है। खुले क्षेत्रों से तो कुत्तों की अंधाधुंध आवाजाही चालू है। अब ऐसे कैंपसों को नोडल ऑफिसर, गश्ती स्टाफ के नियुक्ति के साथ बाड़ेबंदी अनिवार्य रूप से करनी होगी।
यूपी के कॉलेज अब ‘आवारा कुत्ता फ्री कैंपस’ की ओर बढ़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और यूजीसी की गाइडलाइन मिलकर अब यूपी के शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा, निगरानी और प्रशासनिक जवाबदेही को बिल्कुल नए स्तर पर ले आए हैं। अब कैंपस में कुत्तों की एंट्री रोकी जाएगी, सुरक्षा बढ़ेगी औऱ हाईवे सुरक्षित होंगे इसके साथ ही अफसरों पर तात्कालिक जिम्मेदारी तय होगी। यह कदम छात्रों की सुरक्षा और संस्थानों की व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है।