गाजियाबाद : गाजियाबाद पुलिस ने नकली पनीर बनाने की अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। ये सोयाबीन, चावल और मिलावटी पदार्थों से तैयार किया जा रहा था, पनीर फैक्ट्री में चूहे और छिपकलियों का आतंक, गंदगी से भरा माहौल था। नकली पनीर की सप्लाई दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में की जा रही थी।
गाजियाबाद पुलिस ने किया खुलासा :
आपको बता दें कि गाजियाबाद पुलिस ने रिपब्लिक क्रॉसिंग थाना क्षेत्र में एक नकली पनीर फैक्ट्री पर छापा मारा। यह फैक्ट्री गांव डूंडाहेडा, शांतिनगर जल प्लांट के पास चल रही थी। पुलिस ने स्वेतांक त्यागी नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो इस अवैध धंधे को चला रहा था।
कैसे बनाया जा रहा था नकली पनीर?
गौरतलब है कि 10 किलो सोयाबीन से 40 किलो पनीर तैयार किया जाता था। सोयाबीन को भिगोकर पीसा जाता था, फिर कच्चा दूध और चावल का मिश्रण मिलाया जाता था। इस मिश्रण को पैक करके दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और बुलंदशहर के बाजारों में बेचा जाता था
फैक्ट्री की हालत देखकर पुलिस भी रह गई दंग :
विदित है कि फैक्ट्री में गंदगी का अंबार लगा था, फर्श पर कचरा फैला था, चूहे और छिपकलियां खुलेआम घूम रही थीं, प्लास्टिक के ड्रमों में सोयाबीन रखा हुआ था, जिसमें कीड़े मौजूद थे
लाइसेंस का भी था घपला :
विदित है कि आरोपी ने नोएडा का लाइसेंस दिखाया, जबकि फैक्ट्री गाजियाबाद में चल रही थी। फूड सेफ्टी टीम ने सैंपल लेकर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई :
आपको बता दें कि एसीपी प्रियांशी पाल ने मौके पर पहुँचकर जांच की, उसके बाद फूड सेफ्टी विभाग ने फैक्ट्री को सील कर दिया। आरोपियों के खिलाफ मिलावटखोरी और धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए
असली पनीर कैसे पहचानें :
गौरतलब है कि पुलिस ने लोगों से सचेत रहने की अपील की है। असली पनीर की पहचान करने के लिए पुलिस ने बताया कि असली पनीर नरम और दूध जैसी गंध वाला होता है, वहीं नकली पनीर सख्त और बेस्वाद होता है। साथ ही हमेशा एगमार्क या FSSAI लाइसेंस वाले उत्पाद ही खरीदें, जिससे आपको ओरिजिनल उत्पाद प्राप्त हो सके।