दिल्ली-क्लासरूम घोटाले में सिसोदिया-सत्येंद्र जैन पर ईडी का शिकंजा!: 37 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी, शौचालय को बना दिया था क्लासरूम, जानें क्या है पूरा मामला?
दिल्ली-क्लासरूम घोटाले में सिसोदिया-सत्येंद्र जैन पर ईडी का शिकंजा!

नई दिल्ली : दिल्ली की सियासत में एक बार फिर भूचाल आ गया है बुधवार को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दिल्ली में 37 ठिकानों पर छापेमारी कर "आप सरकार" की कथित ‘शिक्षा क्रांति’ का पर्दाफाश कर दिया है।

क्या है पूरा मामला? :

आपको बता दें दिल्ली की आप सरकार के कार्यकाल में 12,000 से अधिक क्लासरूम बनाने के नाम पर 2,000 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया। CVC की रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि स्कूलों के कायाकल्प के नाम पर गुणवत्ता से समझौता किया गया। बिना टेंडर के 500 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी। जानकारी के अनुसार शौचालयों को कक्षा बताकर खर्च का खेल किया गया। 160 शौचालय बनाने थे, 1214 बनाये गए। और उन्हें कक्षा घोषित कर दिया गया।

ईडी का 37 ठिकानों पर दबिश :

आपको बता दें कि ईडी ने दिल्ली भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की FIR के आधार पर PMLA के तहत मामला दर्ज किया। दिल्ली, नोएडा और अन्य शहरों मे कॉन्ट्रैक्टर्स, ठेकेदारों और निजी संस्थाओं के 37 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। जिनके नाम सामने आए हैं, उनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन भी शामिल हैं।

कैसे खेला गया 2000 करोड़ का खेल? :

गौरतलब है कि CVC की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार निर्माण में जीएफआर (General Financial Rules), CPWD मैनुअल का खुला उल्लंघन किया गया। बिना टेंडर 500 करोड़ रुपये की अप्रूवल दिया गया। 90% तक कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ाई गई, लेकिन काम घटिया निकला। सरकारी स्कूलों में सिर्फ 4027 कक्षाएं बनीं, लेकिन रिपोर्ट में 12,000 से ज्यादा दिखाया गया।

सवालों के घेरे में 'शिक्षा मॉडल' :

आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया, जो आम आदमी पार्टी के शिक्षा के ब्रांड एम्बेसडर के रूप में पेश किए जाते रहे, अब ED के निशाने पर हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सालों तक मामले को दबाया गया। फरवरी 2020 में CVC ने रिपोर्ट दी थी, लेकिन AAP सरकार ने ढाई साल तक मामले को दबाकर रखा। आखिरकार, 2022 में उपराज्यपाल के निर्देश पर जांच को आगे बढ़ाया गया।

शिक्षा के नाम पर देश से धोखा? :

विदित है कि स्कूल में क्लासरूम बनने चाहिए थे, लेकिन वहां बना शौचालय। और फिर सरकार ने उसी को क्लास बता दिया। इस कृत्य ने न केवल शिक्षा विभाग की कार्यशैली, बल्कि 'आप' सरकार के पूरे शासन मॉडल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिन स्कूलों को उदाहरण बनाकर देशभर में मॉडल बताया गया अब वहीं पर 2,000 करोड़ के घोटाले की जांच हो रही है।

अब क्या होगा? :

जानकारी के अनुसार ईडी की छापेमारी अभी जारी है। मनी लॉन्ड्रिंग केस में संपत्तियों की जब्ती, बैंक खातों की जांच, और हो सकता है कुछ हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी भी जल्द हो। विपक्ष इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार को घेरने में जुटा है, वहीं आप पार्टी राजनीतिक साजिश बता रही है।

दिल्ली क्लासरूम घोटाले में ईडी की छापेमारी शिक्षा मॉडल की पारदर्शिता पर सवाल उठाती है। यदि घोटाला हुआ है तो दोषियों पर कार्रवाई जरूरी है, चाहे वे किसी भी दल से हों। लेकिन जांच राजनीतिक प्रतिशोध नहीं, बल्कि निष्पक्ष और तथ्य आधारित होनी चाहिए। लोकतंत्र की मजबूती पारदर्शिता और जवाबदेही में ही है।

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