जोधपुर में ऐतिहासिक एलीवेटेड रोड को मिली मंजूरी: 1243 करोड़ की लागत, महामंदिर जंक्शन से अखलिया चौराहा तक होगा निर्माण, कई सालों...
जोधपुर में ऐतिहासिक एलीवेटेड रोड को मिली मंजूरी

जोधपुर : राजस्थान के जोधपुर को आखिरकार वो सौगात मिल ही गई जिसका इंतज़ार इस शहर को वर्षों से था। केंद्र सरकार ने 1243.19 करोड़ रुपए की ऐतिहासिक स्वीकृति देकर जोधपुर शहर की तस्वीर ही बदलने की दिशा में बड़ा कदम उठा लिया है। 7.633 किलोमीटर लंबा चार लेन एलिवेटेड रोड अब सपना नहीं, हकीकत बनने जा रहा है। लेकिन इस विकास की रफ्तार के साथ ही शहर की सियासी गलियों में श्रेय लेनें की सियासत भी परवान चढ़ गई है। कांग्रेस इसे अपनी पहल बता रही है, तो भाजपा इसे मोदी सरकार की दूरदृष्टि और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मेहनत का नतीजा बता रही है।

महामंदिर से अखलिया तक... आसमान छूती सड़क :

आपको बता दें कि इस एलिवेटेड रोड की शुरुआत महामंदिर जंक्शन से होगी और इसका समापन अखलिया चौराहा पर। शहर के सबसे व्यस्त और जाम से ग्रस्त क्षेत्रों को जोड़ता यह कॉरिडोर 8 बड़े और 20 छोटे जंक्शनों को एलिवेटेड क्रॉस करेगा। 13 एक्सेस रैंप और दोनों ओर सर्विस रोड स्थानीय और हाईवे ट्रैफिक दोनों के लिए एक बड़े समाधान के रूप में कार्य करेंगें।

एनएच 62, 25 और 125 से सीधा कनेक्शन, अब ट्रैफिक नहीं करेगा तंग :

आपको बता दें कि यह एलिवेटेड रोड सिर्फ शहर की ट्रैफिक की दशा को ही नही सुधारेगा, बल्कि राष्ट्रीय राजमार्गों से जोधपुर को हाईस्पीड कनेक्टिविटी देगा। रिंग रोड से इसका जुड़ाव शहर के चारों तरफ ट्रैफिक को समान रूप से बांटेगा इससे फ्यूल वेस्टेज में भारी कटौती होगी।

DPR से लेकर मंज़ूरी तक का 6 साल लंबा राजनीतिक रोमांच :

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2019 में    तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने बजट में इस प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। 2020    शहरी विकास मंत्री ने इसे "भौतिक रूप से असंभव" बता दिया, 2022 में    सीएम गहलोत ने फिर गडकरी से मिलकर इस परियोजना को NHAI को सौंपने की सिफारिश की। 2024    में टेंडर प्रक्रिया शुरू हुई जिसमें 7.633 किमी लंबाई और नई लागत 938.59 करोड़ आयी। अंत मे 2025 में     केंद्र ने अंतिम रूप से 1243.19 करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृत किए।

श्रेय लेने में जुटी पार्टियाँ :

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ज़ोर देकर कहा कि "इस परियोजना की जड़ें कांग्रेस के शासन में ही पड़ी थीं। DPR हमने बनाई, NHAI को ट्रांसफर भी हमने करवाया।" मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसे मोदी सरकार की ‘विकसित राजस्थान’ योजना का अंग बताते हुए "भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर लिया गया दूरदर्शी फैसला" करार दिया। वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रधानमंत्री मोदी और गडकरी का धन्यवाद देते हुए कहा, "यह मेरी वर्षों की मेहनत और जोधपुर की जनता की दुआओं का फल है।"

क्या कहती है जनता?

आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट से पावटा सर्किल से राइकाबाग बस स्टैंड जाने वाले सैकड़ों वाहन चालकों को मिलेगी राहत। रेलवे स्टेशन, कलेक्ट्रेट, पुरी तिराहा सभी भीड़भाड़ वाले इलाकों में वैकल्पिक और त्वरित मार्ग मिलेगा।

अब आगे क्या?

2025 की अंतिम स्वीकृति के बाद अब NHAI द्वारा निर्माण कार्य जल्द ही प्रारंभ किए जाने की संभावना है। 2-3 वर्षों के भीतर यह कॉरिडोर यदि पूर्ण हुआ तो यह जोधपुर के ट्रैफिक को पूरी तरह से बदल देगा।

यह सड़क सिर्फ कंक्रीट का ढांचा नहीं, बल्कि एक शहर की उम्मीदों और वर्षों की सियासी रस्साकशी का प्रतीक है। अब देखना यह है कि विकास की यह राह कितनी तेजी से आगे बढ़ती है।

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