हरिद्वार : आने वाला कुंभ 2027 सिर्फ आस्था का महासंगम नहीं, बल्कि प्रशासनिक तैयारी की कड़ी परीक्षा भी होगा।
भीड़ प्रबंधन से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं तक सरकार ने एक मिनी सिटी प्लान तैयार कर लिया है, जिसमें नया जिला अस्पताल, 8 बेस हॉस्पिटल, 11 छोटे अस्पताल, और 2547 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती प्रस्तावित है।
कुंभ में बनेगा 300 बेड का नया जिला अस्पताल :
आपको बता दें कि वर्तमान में कुंभ क्षेत्र में 19 छोटे-बड़े अस्पताल हैं, जिनमें कुल 2834 बेड उपलब्ध हैं। लेकिन अनुमानित भीड़ को देखते हुए यह संख्या नाकाफी मानी जा रही है। इसलिए 80 करोड़ रुपये की लागत से 300 बेड का नया जिला अस्पताल और ड्रग वेयरहाउस प्रस्तावित किया गया है।
इसके साथ ही अस्थायी निर्माण के तहत —
● 8 बेस हॉस्पिटल (50, 40 और 20 बेड वाले)
● 11 छोटे हॉस्पिटल (4 से 10 बेड वाले)
● 9 मेडिकल रिलीफ प्वाइंट
— तैयार किए जाएंगे।
इन अस्पतालों में करीब 322 डॉक्टरों (272 मेडिकल ऑफिसर और 50 विशेषज्ञ) की टीम तैनात रहेगी।
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल
गौरतलब है कि कुंभ 2027 में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती होगी। इसीलिए प्रशासन ने 9592 पुलिसकर्मियों की आवश्यकता जताई है। वर्तमान में राज्य के पास 14090 पुलिसकर्मी हैं, जिनमें से 7045 कुंभ में तैनात किए जाएंगे, लेकिन 2547 अतिरिक्त जवानों की भी जरूरत पड़ेगी।
इसके अलावा प्रस्ताव में शामिल हैं —
● 268 इंटेलिजेंस अधिकारी
● 9 कंपनी पीएसी
● 39 जल पुलिस टीमें (20 कंपनी)
● 212 फायर यूनिट
● 110 CAPF टीमें
● 13 BDS (बम निष्क्रिय दस्ता) टीमें
कुंभ बनेगा ‘सुरक्षा का किला’
गौरतलब है कि कुंभ क्षेत्र को सुरक्षा की दृष्टि से कई सेक्टरों में बांटा जाएगा —
● 36 पुलिस स्टेशन
● 10 जीआरपी स्टेशन
● 1 साइबर पुलिस स्टेशन
● 21 पुलिस आउटपोस्ट
● 36 फायर स्टेशन
● 10 पुलिस लाइन
● 32 सेक्टर
हर सेक्टर में सुरक्षा, ट्रैफिक और इमरजेंसी टीमों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी।
अधिकारियों ने क्या कहा :
सचिव कुंभ मेला नितेश झा ने बताया कि — “केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में स्वास्थ्य, सुरक्षा और यातायात प्रबंधन से जुड़ी सभी जरूरतें शामिल की गई हैं। केंद्र से अतिरिक्त फोर्स और संसाधन की मांग भी की गई है।”
कुंभ 2027 सिर्फ आस्था नहीं, आधुनिक प्रबंधन का भी संगम होगा।
हरिद्वार कुंभ 2027 में लाखों श्रद्धालु जुटेंगे। भीड़ नियंत्रण, स्वास्थ्य सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था के लिए यह अब तक का सबसे हाई-टेक कुंभ साबित हो सकता है। जहां श्रद्धा के साथ प्रशासनिक कुशलता का भी मेल देखने को मिलेगा।