हरिद्वार : 2027 का हरिद्वार कुंभ केवल आस्था का नहीं, तकनीक का भी महाकुंभ बनने जा रहा है उत्तराखंड सरकार और आईटीडीए (ITDA) ने कुंभ को “डिजिटल अवतार” देने की पूरी तैयारी कर ली है। तीर्थयात्रियों को डिजिटल आईडी मिलेगी, सवालों के जवाब के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट होगा, और जो खो जाए वह अब “डिजिटल पोर्टल” से मिल जाएगा। सरकार ने इसके लिए 45 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है, ताकि दुनिया को दिखाया जा सके कि कैसे भारत अपनी परंपरा को तकनीक से जोड़ रहा है।
तीर्थयात्री होंगे डिजिटल - हाथ में होगी “स्मार्ट पहचान” :
आपको बता दें कि आईटीडीए ने इस बार हर यात्री को डिजिटल आईडी देने की योजना बनाई है। यह ई-पास श्रद्धालुओं की पहचान, उनकी सुरक्षा और सुविधाओं से जुड़े डेटा को जोड़कर रखेगा। प्रवेश, आवास और टेंट व्यवस्था सब कुछ आईडी के ज़रिए डिजिटल ट्रैक होगा। किसी यात्री के खो जाने पर तुरंत डिजिटल लोस्ट एंड फाउंड पोर्टल से उसकी खोज संभव होगी।
सवाल पूछिए, जवाब देगा AI चैटबॉट :
गौरतलब है कि श्रद्धालुओं को अब लंबी लाइनों या सूचना केंद्रों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। कुंभ 2027 के लिए बनने वाले वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर एआई चैटबॉट मौजूद रहेगा। जहां तीर्थयात्री “कौन-सा स्नान कब है?”, “घाट पर कैसे पहुंचें?” या “ट्रैफिक किधर से डायवर्ट है?” जैसे सवाल पूछ सकेंगे, और सेकंडों में जवाब मिलेगा।
ड्रोन, सेंसर और डिजिटल नक्शे से होगा पूरा कुंभ हाईटेक :
विदित है कि डिजिटल प्लानिंग और जियोस्पेशियल मैपिंग के ज़रिए हर कोना ड्रोन से मॉनिटर होगा। घाटों, टेंट सिटी, सड़कों और बफर जोन की ड्रोन आधारित 10 किमी तक की मैपिंग की जाएगी। भीड़ प्रबंधन के लिए ब्लूटूथ सेंसर और हीटमैप टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा। संवेदनशील इलाकों की जियो-फेंसिंग और AI कैमरों से निगरानी की जाएगी।
“भीड़ नहीं, डेटा संभालेगा कुंभ” :
आपको बता दें कि आईटी सचिव नितेश झा के मुताबिक “डिजिटल कुंभ के ज़रिए भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा को पूरी तरह डेटा-ड्रिवन बनाया जाएगा। हर गतिविधि रीयल टाइम ट्रैक होगी।”
पर्यावरण और स्वच्छता पर भी हाईटेक निगरानी :
विदित है कि गंगा घाटों पर लगे सेंसर पानी की गुणवत्ता रीयल टाइम मापेंगे।
स्मार्ट शौचालयों में ऑटोमैटिक वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम होगा। हर मुख्य इलाके में पब्लिक वाईफाई जोन और EV चार्जिंग लोकेटर की सुविधा होगी।
“डिजिटल कुंभ एक्सपीरियंस सेंटर” और रोबोटिक म्यूजियम :
यात्रियों को इतिहास और आस्था का आधुनिक अनुभव देने के लिए
डिजिटल कुंभ एक्सपीरियंस सेंटर बनाया जाएगा। जहां रोबोटिक डिस्प्ले, 3D विजुअल्स और QR कोड साइनेज के ज़रिए घाटों, शाही स्नानों और अखाड़ों की ऐतिहासिक जानकारी मिलेगी।
45 करोड़ का डिजिटल रोडमैप :
श्रेणी - प्रस्तावित राशि (₹करोड़)
डिजिटल प्लेटफॉर्म व सिटीजन सर्विस - 5.00
प्लानिंग एवं जियोस्पेशियल मैपिंग - 6.50
क्राउड मैनेजमेंट एवं सेफ्टी - 8.50
श्रद्धालु वेलफेयर - 1.00
पर्यावरण व आपदा न्यूनीकरण - 5.00
कुल योग - 45.00 करोड़
कुंभ जैसे विशाल आयोजन में सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती है। इसीलिए इस बार सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर, सेंसर आधारित स्मार्ट पार्किंग सिस्टम और हीटमैप डैशबोर्ड के ज़रिए भीड़ की हर हरकत पर नज़र रखी जाएगी।