लखनऊ/बुंदेलखंड : उत्तर प्रदेश के दूर-दराज़ और पिछड़े इलाकों में पढ़ाई के लिए रोज़ाना लंबी दूरी तय कर रहे बच्चों को अब राहत मिलेगी। योगी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को ₹6000 का वार्षिक परिवहन भत्ता देने की घोषणा की है बशर्ते उनका स्कूल घर से 5 किलोमीटर से ज़्यादा दूरी पर हो। यह फैसला खासकर बुंदेलखंड के सात जिलों और सोनभद्र के छात्रों के लिए वरदान बनकर आया है, जहां बच्चों को आज भी विद्यालय पहुंचने के लिए पहाड़, जंगल और कच्चे रास्तों को पार करना पड़ता है।
किन छात्रों को मिलेगा लाभ? :
आपको बता दें कि इसमें कक्षा 9वीं से 12वीं तक के वे छात्र और छात्राएं योग्य माने जाएंगे जिनका राजकीय माध्यमिक विद्यालय घर से 5 किमी से अधिक दूर है। योजना बुंदेलखंड के 7 ज़िलों (जालौन, झांसी, हमीरपुर, ललितपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट) और सोनभद्र में लागू होगी।
पीएमश्री विद्यालयों में सिर्फ बेटियों को मिलेगा लाभ :
गौरतलब है कि 146 पीएमश्री स्कूलों में केवल छात्राओं को यह ₹6000 सालाना भत्ता दिया जाएगा। इसका उद्देश्य बेटियों को स्कूल तक लाने और ड्रॉपआउट दर को कम करने की पहल है।
योजना से क्या होगा फायदा?
आपको बता दें कि 24,000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं इस योजना से लाभांवित होंगे। 4,000 से अधिक छात्राएं पीएमश्री स्कूलों से जोड़ी जाएंगी। इससे छात्रों की उपस्थिति 10% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है इससे ड्रॉपआउट रेट में कमी आने की उम्मीद।
पैसा सीधे जाएगा खाते में :
गौरतलब है कि यह योजना DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए चलाई जाएगी। पैसा छात्रों या उनके अभिभावकों के खातों में दो किश्तों में भेजा जाएगा।
कैसे मिलेगा भत्ता?
वीदित है कि भत्ते के लिए छात्रों को एक प्रोफार्मा भरना होगा, जिसमें यह बताना होगा कि 5 किमी के अंदर कोई राजकीय स्कूल नहीं है। ग्राम प्रधान और प्रधानाचार्य से सत्यापन अनिवार्य है। शहरों में यह काम पार्षद करेंगे।
अधिकारियों ने क्या कहा?
आपको बता दें कि विष्णुकांत पांडेय, अपर राज्य परियोजना निदेशक (समग्र शिक्षा) ने बताया कि "यह योजना छात्रों की आर्थिक मदद के साथ-साथ उनकी पढ़ाई में निरंतरता सुनिश्चित करने का एक ठोस प्रयास है। यह ग्रामीण इलाकों में शिक्षा को नई दिशा देगी।”
क्यों है यह योजना जरूरी?
केंद्र की योजना के मुताबिक हर 5 किमी पर एक माध्यमिक स्कूल होना चाहिए, लेकिन इन 8 जिलों में स्कूलों की संख्या कम है।छात्रों को कड़ी मेहनत के साथ कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता है। नतीजतन स्कूल छोड़ने की घटनाएं बढ़ती हैं। यह योजना सीधे इस समस्या का समाधान करती है।
उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना शिक्षा में समानता, पहुँच और सुरक्षा की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। लंबे समय से उपेक्षित क्षेत्रों के छात्रों को अब पढ़ाई से दूरी नहीं, दूरी से पढ़ाई का भत्ता मिलेगा। बुंदेलखंड और सोनभद्र जैसे इलाकों में जहां शिक्षा का पहुंचना भी एक चुनौती रहा है, वहाँ ₹6000 का यह भत्ता सिर्फ रकम नहीं, बल्कि उम्मीदों का आधार बनेगी।