उत्तर प्रदेश: आपरेशन सिंदूर के अंतर्गत पाकिस्तान में आतंकी हुए ठिकानों पर हमले के पश्चात आंतरिक सुरक्षा को लेकर खास पूरे देश में लगातार मुस्तैदी बरती जा रही है। वहीं पुलिस नेपाल सीमा से लेकर सभी 9 पड़ोसी राज्यों की सरहद पर भी संदिग्धों की लगातार चेकिंग कर रही है।
इसके साथ ही इस तनाव की स्थिति में मेडिकल कॉलेज सहित उत्तर प्रदेश में कई जनपद के सभी सरकारी तथा निजी चिकित्सालयों में इमरजेंसी चिकित्सीय सेवाएं भी दुरुस्त रखी जा रही हैं। ताकि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति से निपटने के लिए हॉस्पिटल के बेड आरक्षित रहेंगे।
24 घंटे बनी रहेगी इमरजेंसी सेवाएं:
वहीं 24 घंटे इमरजेंसी में भी डॉक्टरों एवं स्टाफ की मौजूदगी बनी रहेगी। किसी भी प्रकार की छुट्टी अब देय नहीं होगी। सरकारी एवं निजी अस्पतालों में सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के लिए 4 नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं। दरअसल बीते बुधवार को सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया के द्वारा इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है।
मेरठ जिले के सभी अस्पतालों में डॉक्टरों एवं स्टाफ की छुट्टियां कैंसिल:
आपको बता दें कि जिले में लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज तथा जिला अस्पताल सहित जनपद के सभी चिकित्सालयों के डॉक्टरों एवं अन्य स्टाफ की छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं। अब किसी भी प्रकार की छुट्टी देय नहीं होगी। सभी चिकित्सा अधीक्षक तथा प्रभारी चिकित्साधिकारी समेत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक भी अपने-अपने मुख्यालय पर रहेंगे।
इसके अतिरिक्त ट्रामा के मरीजों को अलग से बेड भी आरक्षित कर दिए गए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 4 तथा जिला अस्पताल में 20 एवं मेडिकल कॉलेज में 50 बेड आरक्षित किए गए हैं। वहीं दवाओं की उपलब्धता अधिक मात्रा में रखी गई है। इलाज से संबंधित उपकरणों एवं वाहन की व्यवस्थाएं भी की जा रही हैंं।
गंभीर मरीजों को किया जाएगा हायर सेंटर रेफर:
सीएमओ के द्वारा यह कहा गया है कि यदि गंभीर मरीजों को हायर सेंटर रेफर करना पड़ता है तो उन्हें तत्काल रेफर किया जाएगा। वहीं ब्लड बैंक में प्रत्येक ग्रुप के ब्लड की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर रक्तदान शिविर लगाने के लिए भी तैयार रहने को कहा गया है।
बता दें कि आपदा की स्थिति में जनपद स्तर पर सीएमओ के द्वारा सरकारी अस्पतालों के लिए एसीएमओ डॉ. प्रवीण कुमार गौतम एवं आपदा प्रबंधक अधिकारी डा. अंकुर त्यागी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारियों से किसी भी आपदा की स्थिति में 9897224391 तथा 7060706023 पर संपर्क कर सकते हैं।
निजी अस्पतालों में भी 10 प्रतिशत बेड रहेंगे आरक्षित:
सीएमओ के द्वारा निजी अस्पतालों में भी सभी तरह की व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के लिए उपमुख्य चिकित्साधिकारी डा. महेश चंद्रा एवं आइएमए मेरठ शाखा के सचिव डा. सुमित उपाध्याय को भी नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
इनसे 9411970288 तथा 9012555999 पर संपर्क किया जा सकेगा। वहीं सभी निजी अस्पतालों के 10 प्रतिशत तक बेड आरक्षित रहेंगे। सभी प्रकार की दवाओं एवं उपकरणों की उपलब्धता रखेंगे। साथ ही अस्पतालों मेंं डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ भी 24 घंटे मौजूद रहेंगे।
प्रयागराज में भी चिकित्सा व्यवस्था को देखते हुए रद्द की गई छुट्टियां:
इसी प्रकार प्रयागराज प्रशासन भी आपात स्थिति में लोगों के उपचार एवं आपरेशन के लिए अस्पताल तैयार करने लगा है। आपको बता इन की मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय 'काल्विन' तथा स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय समेत टीबी सप्रू चिकित्सालय 'बेली अस्पताल' में भी व्यवस्थाएं चाकचौबंद कर ली गईं हैं।
इसके साथ ही वार्डों को भी आरक्षित कर लिया गया है, वहीं जरूरी दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है। बेड पर आक्सीजन की आपूर्ति का भी परीक्षण किया गया है। वहीं काल्विन अस्पताल में तो अग्रिम आदेश तक वहां के सभी डाक्टरों के अवकाश रद्द कर दिए गए हैं।
स्वैच्छिक रूप से रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं की बनाई गई सूची:
आपको बता दें कि काल्विन अस्पताल में भी 25 बेड का एक वार्ड आरक्षित किया गया है। वहीं ब्लड सेंटर में 100 यूनिट रक्त भंडार रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त जो भी रक्तदाता स्वैच्छिक रूप से रक्तदान करते रहते हैं उनकी सूची भी बनाई गई है ताकि आकस्मिक स्थिति में उनका भी सहयोग लिया जा सके।
गौरतलब है कि प्रमुख चिकित्साधीक्षक डा. एसके चौधरी के द्वारा व्हील चेयर, स्ट्रेचर की मरम्मत कराकर तत्काल रूप से उन्हें ठीक हालत में रखने के लिए कहा गया है। वहीं बताया गया है कि बुधवार रात को 'ब्लैक आउट' के अभ्यास के दौरान भी इमरजेंसी सेवा में तमाम सीनियर डाक्टरों की उपस्थिति बनी रही।
उतर प्रदेश के इन जिलों से मिलती है नेपाल की सीमा:
आपको बता दें कि नेपाल से उत्तर प्रदेश राज्य की करीब 570 किलोमीटर की सीमा जुड़ी है। इनमें सर्वाधिक सीमा 120 किलोमीटर की सीमा लखीमपुर खीरी जिले से जुड़ी हुई है। नेपाल सीमा से सटे प्रदेश के 7 जिलों महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर तथा श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी एवं पीलीभीत के 30 थाने बार्डर पर ही हैं।
इन सभी जिलों में नेपाल से करीब 10 किलोमीटर के क्षेत्र में कुल 980 गांव बसे हैं तथा यहां करीब 970 ग्राम सुरक्षा समितियां गठित हैं। वहीं सीमावर्ती क्षेत्र में पुलिस एवं एसएसबी की संयुक्त टीमों के द्वारा चेकिंग बढ़ाई गई है तथा हर आने-जाने पर लगातार कड़ी नजर रखी जा रही है, क्योंकि नेपाल के रास्ते पूर्व में भी आतंकी देश में घुस चुके हैं।
यही मुख्य वजह है कि नेपाल सीमा पर स्थापित सभी 110 चेक पोस्ट पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती करके सघन चेकिंग के निर्देश भी दिए गए हैं। यहां पर कुल 78 संयुक्त चेक पोस्टों पर पुलिस के अतिरिक्त एसएसबी, कस्टम एवं आइबी के अधिकारी भी निगरानी में लगाए गए हैं। साथ ही ग्राम सुरक्षा समितियों को भी तत्काल रूप से सक्रिय कर दिया गया है।