स्वास्थ्य : उत्तर भारत पर गर्मी का कहर अब कहर नहीं बल्कि आपदा बन चुका है। दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, भोपाल और अहमदाबाद जैसे शहरों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है, और भारतीय मौसम विभाग ने लंबी चलने वाली हीटवेव की चेतावनी जारी कर दी है। जुलाई तक यह संकट और बढ़ सकता है। गर्म हवाएं यानी 'लू' शरीर को अंदर से झुलसा सकती हैं। हीटस्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा समस्याओं का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में ज़रा सी लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस खतरनाक मौसम में कुछ सामान्य सी दिखने वाली गलतियां जानलेवा साबित हो सकती हैं। जानें चिकित्सकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से बातचीत के बाद तैयार की है वो 4 बड़ी गलतियां, जो इस भीषण गर्मी में भूलकर भी नहीं करनी चाहिए।
1. पानी कम पीना: डिहाइड्रेशन से हो सकती है किडनी फेल!
आपको बता दें कि पसीना निकलने से शरीर के जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी तेजी से खत्म होते हैं। लेकिन लोग गर्मी में भी पर्याप्त पानी नहीं पीते, जिससे डिहाइड्रेशन, उल्टी, चक्कर और यहां तक कि किडनी पर असर पड़ता है। ऐसे में दिन में कम से लें 9 से 10 गिलास पानी पिएं। साथ ही लस्सी, नारियल-पानी, नींबू-पानी, तरबूज, खरबूज, ककड़ी इत्यादि को डाइट में शामिल करें।
2. गहरे और टाइट कपड़े पहनना :
गौरतलब है कि गर्मी में काले, नीले जैसे गहरे रंग के कपड़े धूप की गर्मी सोखकर शरीर का तापमान और बढ़ा देते हैं। वहीं टाइट कपड़े पसीना सुखने नहीं देते और त्वचा को हवा नहीं मिलती, जिससे घबराहट, चक्कर और हीट एग्जॉर्शन का खतरा रहता है। ऐसे में हल्के रंग के, ढीले और सूती कपड़े ही पहनने चाहिए।
3. दोपहर में बेवजह बाहर टहलना :
आपको बता दें कि दोपहर 12 से 3 बजे तक सूरज की किरणें सबसे ज्यादा तीव्र और खतरनाक होती हैं। ऐसे में बाहर निकलना हीटस्ट्रोक और बेहोशी का सीधा खतरा बनता है। कई मामले रिपोर्ट हुए हैं जहां लोग धूप में गिर पड़े। ऐसे में इस समय बाहर जाने से बचें। अगर जरूरी हो तो छाता, टोपी और सनस्क्रीन का उपयोग करें।
तला-भुना और मसालेदार खाना :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गर्मी में स्पाइसी और हेवी फूड पचने में समय लेता है और शरीर की गर्मी और बढ़ाता है। इससे पेट में जलन, गैस और अपच होती है। ऐसे में खीरा, दही, तरबूज, सलाद और जूस जैसे ठंडे और पानीदार खाद्य पदार्थ खाएं।
हीटवेव कोई सामान्य गर्मी नहीं है। यह एक स्वास्थ्य आपातकाल है। ऐसे में उपरोक्त चार गलतियों से बचना सिर्फ सतर्कता नहीं, जीवन रक्षा का उपाय है। खुद भी बचें, और दूसरों को भी जागरूक करें। थोड़ी सी समझदारी आपके और आपके अपनों की जान बचा सकती है।
डिस्क्लेमर : यह रिपोर्ट स्वास्थ्य विशेषज्ञों, मौसम विभाग और मेडिकल जर्नल्स के तथ्यों पर आधारित है। किसी भी लक्षण पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।