कानपुर आग, दर्दनाक हादसा!: कितने तड़पें होंगे बच्चें...खबर सुनकर हर कोई रोया, 9 घंटे तक जलती रही बिल्डिंग लेकिन…
कानपुर आग, दर्दनाक हादसा!

कानपुर भीषण अग्निकांड: उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के चमनगंज के प्रेमनगर में स्थित 6 मंजिला भवन में हुए भीषण अग्निकांड के कारण कारोबारी मोहम्मद दानिश तथा उसके परिवार की मौत हो गई, जिसकी खबर सुनकर पूरा मोहल्ला रोया। जिसने भी इस हादसे की खबर सुनी बस दौड़ता हुआ चला आया। किसी के आंसू थम नहीं रहे थे। 

भाई कासिफ लगातार चीख-चीख कर रो रहा था तथा कह रहा था कि मेरे बच्चे, मेरे भाई-भाभी चले गए। वहीं दानिश के मामू इशरत का भी रो-रोकर बुरा हाल हो रखा था। हालांकि 9 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दमकल की गाड़ियों ने आग को काबू पाया। वहीं मृतकों के परिजनों को आपदा कोष से 4-4 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया जाएगा।

आइए जानते हैं क्या है पूरी घटना:

आपको बता दें कि कानपुर के प्रेमनगर में कारोबारी दानिश की 5 मंजिला इमारत के भूतल में जूता कारखाना मौजूद था। उसके ऊपर की 2 मंजिल पर गोदाम बना हुआ था। जबकि बाकी की मंजिल पर दानिश तथा उसके भाई कासिफ का परिवार रहता था। वहीं हादसे से करीब आधा घंटे पहले ही कासिफ अपने परिवार समेत रिश्तेदारी में गए थे। 

लेकिन उसी दिन यानि रविवार की रात करीब 8:25 बजे वहां जूता कारखाने में बिजली के मीटर की चिंगारी से आग भड़क उठी। आग का कहर इतना ज्यादा था कि इस पर काबू पाने में दमकल कर्मियों को करीब 9 घंटे का समय लगा। तक जाकर आग को शांत किया जा सका।

बचाव कार्य में लगे थे 75 से ज्यादा दमकलकर्मी:

इमारत में लगी भीषण आग को बुझाने के लिए 9 फायर टेंडर को करीब 77 चक्कर लगाने पड़े, तब जाकर सोमवार सुबह करीब 5:35 बजे आग बुझ पाई। वहीं आग बुझाने में 5 लाख लीटर से अधिक पानी की बौछार की गई। साथ ही बचाव कार्य में करीब 75 से ज्यादा कर्मी लगे हुए थे। साथ ही हाइड्रोलिक प्लेटफार्म एवं एक रेस्क्यू वाहन का भी इस्तेमाल किया गया था। 

वहीं बचाव कार्य में लगे कर्मियों को कारोबारी मोहम्मद दानिश (45) तथा उनकी पत्नी नाजली सबा (40) का शव बिल्डिंग की चौथी मंजिल की सीढ़ियों पर मिला, जबकि तीनों बेटियों सारा (15), सिमरा (12) तथा इनाया (07) के शव तीसरी मंजिल पर सीढ़ी के नीचे मिले। ऐसा लगता है कि शायद यह लोग छत पर जाने की कोशिश कर रहे होंगे, लेकिन दरवाजे पर ताला लगा होने तथा अंदर आग एवं धुएं की वजह से खुद को नहीं बचा सके।

दीवार तोड़कर शवों को बाहर निकाला गया:

वहीं देर रात करीब 3:30 बजे दानिश तथा उनकी पत्नी नाजली सबा के शव बाहर निकाले गए। वहीं, रेस्क्यू टीम के द्वारा 5:34 बजे सारा, सिमरा तथा इनाया के शव को मकान के दाहिनी तरफ स्थित दीवार तोड़कर निकाला गया। तीनों ही बेटियां बचने के लिए जीने के नीचे छिप गई थीं, लेकिन इस आग में खुद को बचा नहीं सकी। दानिश, पिता अकील को सुरक्षित निकालने के पश्चात अपनी पत्नी तथा बेटियों को बचाने के लिए अंदर गए थे। 

लेकिन इसके बाद वह भी बाहर नहीं निकल पाए। एसडीआरएफ की टीम के द्वारा भी दंपती एवं बेटियों के अलग-अलग शवों को देखकर भागमभाग के समय एक दूसरे का साथ छूटने की आशंका जताई गई है। पोस्टमार्टम प्रभारी डॉक्टर नवनीत चौधरी के अनुसार, इन पांचों के शव 100 प्रतिशत तक जले हुए थे। वहीं दानिश का दाहिना हाथ भी आधा जल गया था। वहीं बेटी इनाया की शरीर की हड्डी तक दिखने लगी थी। सभी के मुंह तथा नाक में कार्बन मिला है। 

दानिश के मामू का रो-रो कर बुरा हाल

दरअसल घटना के बाद उन्होंने रोते हुए कहा कि मैं अब क्या देखूं? इतनी छोटी छोटी मेरी बच्चियां, उनका सिर जल गया। न जानें कितना तड़पी होंगी मेरी बच्चियां? भांजा लेने गया था और परिवार को बच्चियां नहीं मिल पाई। मिली भी तो तीनों एक साथ सिर्फ हड्डी के रूप में। हाय मेरी बच्चियां कैसे इस आग में तड़पी होंगी। आग से बचने के लिए न जानें कहां-कहां भागी होंगी। 

तलाशा होगा अपने अब्बू और अम्मी को, जो बेचारे बस अपने बच्चों को ढूंढ़ते रह गए तथा इस दुनिया से चले गए। मेरा सब कुछ उजड़ गया। सब बर्बाद हो गया। यह बातें कैसे बताऊं मैं दानिश के अब्बू को... यह कहकर मामू इशरत तथा पूरा परिवार एक दूसरे के गले लगकर बहुत देर तक रोया। पूरा मोहल्ला जो वहां पर मौजूद था, वह सभी रो रहे थे। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं तथा रिश्तेदार सब जोर जोर रोए। हर किसी की आंख से आंसू निकल रहा था। 

स्कूल में मैम ने बताया कि अब कभी नहीं आएगी इनाया: बच्ची शिजा

वहीं नन्हीं शिजा ने कहा कि इनाया मेरी अच्छी दोस्त थी। पूरे असेंबली, मैं तथा मेरी मैम रोती रहीं। हम हर स्कूल फंक्शन में एक साथ में ही रहते थे। बीते सोमवार को असेंबली में उसकी फोटो पर फूल चढ़ाए गाए तो मैम के द्वारा यह बताया कि अब वह हमारे साथ कभी नहीं आएगी। शिजा के द्वारा कहा गया कि अगर वह कभी नहीं आएगी तो मैं भी अब स्कूल नहीं जाऊंगी। 

गौरतलब है कि यह बातें कहते हुए शिजा के द्वारा अपनी दोस्त इनाया को याद किया गया। शिजा ने बताया कि बीते सोमवार को यूनिफॉर्म पर काला कपड़ा भी लगाया गया था। मां साजादा के द्वार बताया गया कि शिजा स्कूल से घर आ जाती थी, लेकिन फिर भी वह बातें सिर्फ और सिर्फ इनाया की ही करती थी। अब मुझे भी डर लग रहा है कि मैं इस मासूम को कैसे समझाऊं?

बहुत ही खुशमिजाज वाले थे पति और पत्नी: दोस्त रुमाना:

आपको बात दें कि दानिश की पत्नी नाजली सबा की दोस्त रुमाना के द्वारा यह बताया गया कि दोनों पति-पत्नी बहुत ही खुश मिजाज तथा अच्छे दिल के इंसान थे। पिछले वर्ष उनके साथ में हज करने के लिए गए थे। उनसे वहीं पर दोस्ती हुई। दरअसल रुमाना प्रेम नगर में रहती हैं। उन्होंने बताया कि सऊदी अरब में हमने एक साथ में इबादत की थी और साथ में खाना खाया और घूमने भी गए थे। दोनों पति-पत्नी कम बल्कि दोस्त ज्यादा लगते थे।

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