लखनऊ : यूपी, जो कभी बिजली-कटौती के लिए जाना जाता था, अब देश के बिजली-विभाग का नया पावर-किंग बन गया है। 9-जून-2025 की रात, जब देश की आधी से ज्यादा जनता उमस और गर्मी से परेशान थी, तब उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग 31,104 मेगावाट तक जा पहुंची, जो भारत के इतिहास में किसी एक राज्य द्वारा सबसे अधिक बिजली-आपूर्ति का रिकॉर्ड है। गर्मी ने ऐसा कहर बरपाया कि हर पंखा, एसी, कूलर, फ्रिज अपनी पूरी ताकत से चल पड़े। इसका नतीजा यह हुआ कि पिछले चार दिन में हर दिन एक नया रिकॉर्ड टूटा।
बिजली मांग का चौंकाने वाला चार्ट :
आपको बता दें कि पिछले 4 दिन बिजली की अधिकतम मांग (मेगावाट) निम्नलिखित तरीके से रही। 9 जून को तो सभी रिकार्ड टूट गए।
●6 जून - 28,581
●7 जून - 29,502
●8 जून - 30,161
●9 जून -31,104
भारत का नया 'बिजली सुपरपावर': उत्तर प्रदेश -
गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने गर्व से ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश लगातार तीसरे वर्ष देश में सबसे ज्यादा बिजली आपूर्ति करने वाला राज्य बन चुका है। गुजरात (25,230 मेगावाट), महाराष्ट्र (25,191), तमिलनाडु (17,867), राजस्थान (16,562), पंजाब (15,508) — सभी पीछे छूट गए। ऊर्जा मंत्री AK शर्मा ने कहा कि : यह महज़ आंकड़ा नहीं, यह उत्तर प्रदेश की ताकत और तैयारी का सबूत है।
आखिर क्यों बढ़ गई बिजली की डिमांड? :
आपको बता दें कि बिजली की डिमांड भरने का कारण यह है कि यूपी के अधिकतर जिलों में तापमान 45 डिग्री के पार जा चुका है, उमस का सीधा असर एसी-कूलर की मांग पर पड़ा है।ग्रामीण इलाकों में भी अब हाई कंजम्प्शन हो गया है, गांवों में पंखा, कूलर, सबका उपयोग बढ़ा है। बढ़ता शहरीकरण और 24x7 बिजली की आदत माँग बढ़ने के प्रमुख कारणों में एक रहा।
ट्रांसफॉर्मर-लाइन अपग्रेड से बदली तस्वीर :
आपको बता दें कि तीन सालों से यूपी में ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को अपग्रेड किया जा रहा था, इससे ट्रांसफार्मर क्षमता में इजाफा हुआ है, पुरानी तारों और पोलों की हालत बदली गयी है। इससे लो वोल्टेज और ट्रिपिंग की घटनाओं में भारी कमी आयी है, इसका नतीजा यह हुआ कि इतिहास की सबसे ज्यादा खपत के बावजूद बिजली आपूर्ति बिना डगमगाए हुए चलती रही।
ऊर्जा मंत्री का सख्त अल्टीमेटम: कटौती बर्दाश्त नहीं! -
गौरतलब है कि एके शर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिया कि शहर और गांव सभी को पर्याप्त बिजली मिले। शेड्यूल्ड कटौती या फालतू शटडाउन नहीं होंगे। ट्रांसफॉर्मर जले तो तय समय पर बदले जाएं। रियल टाइम मॉनिटरिंग हो और हर शिकायत का तुरंत समाधान हो।
मौजूदा हालात को देखकर साफ है कि प्रदेश में बिजली की मांग जल्द ही 32,000 मेगावाट के पार जा सकती है। ऐसे में यह सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि भविष्य की एक झलक है जिसमें यूपी को न
सिर्फ बिजली उत्पादन और आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनना है, बल्कि राष्ट्रीय ऊर्जा नीति का मॉडल स्टेट भी बनना है। ऊर्जा के इस युद्ध में उत्तर प्रदेश अब सिर्फ एक उपभोक्ता नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता बनकर उभरा है।