कुछ बड़ा होने वाला हैं! दिल्ली में बढ़ी हलचल: : रक्षामंत्री-विदेशमंत्री-NSA व CDS समेत तीनों सेनाओं के प्रमुखों की पीएम मोदी के साथ हाई लेवल मीटिंग?
कुछ बड़ा होने वाला हैं! दिल्ली में बढ़ी हलचल:

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए नरसंहार ने पूरे हिंदुस्तान को हिला दिया है। लश्कर के आतंकी संगठन TRF द्वारा किए गए इस बर्बर हमले में 28 निर्दोषों की जान गई, जिनमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक शामिल हैं। और अब केंद्र की मोदी सरकार ने आतंक के पालक—पाकिस्तान के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का बिगुल फूंक दिया है। जो संकेत सामने आ रहे हैं, वो यही चीख रहे हैं—यह सिर्फ बदला नहीं, इतिहास में दर्ज की जाने वाली जवाबी कार्रवाई होगी! इसी सिलसिले में लगातार हाई लेवल मीटिंग का दौर जारी है।

PMO में बैठकों का दौर, सेना हाई अलर्ट पर—'कुछ बड़ा' तय है!

आपको बता दे कि 12 घंटे में पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार दो बैठकों ने साफ कर दिया है—सरकार अब सिर्फ बैठकर रोने वालों में से नहीं है। यह चौथी बार है जब पहलगाम हमले के बाद राजनाथ सिंह पीएम से मिले हैं। CDS, थलसेनाध्यक्ष, नेवी और एयरफोर्स चीफ्स भी पीएम से लगातार फीडबैक ले रहे हैं। सेना को ऑपरेशनल रेडीनेस पर रखा गया है, LOC और LAC पर सर्च ऑपरेशन तेज़ कर दिए गए हैं। NSA डोभाल के नेतृत्व में एक ‘गोपनीय एक्शन प्लान’ पर तेजी से काम चल रहा है।

ग्लोबल डिप्लोमेसी में भी वार, पाकिस्तान को घेरने की रणनीति

गौरतलब है कि भारत ने न सिर्फ सैन्य मोर्चे पर, बल्कि वैश्विक मंचों पर भी पाकिस्तान के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने अमेरिका, फ्रांस, नीदरलैंड और अन्य मित्र देशों से संपर्क कर पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डालने की मांग उठाई है। नीदरलैंड और अन्य यूरोपीय देशों ने हमले की निंदा करते हुए भारत को समर्थन दिया है। ये कदम पाकिस्तान की कूटनीतिक ‘नरभक्षण’ की शुरुआत माने जा रहे हैं।

सुरक्षा नहीं, युद्ध की हो सकती योजना!

आपको बता दे कि दिल्ली में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर हुई हाई लेवल मीटिंग हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजीत डोभाल, CDS जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की मौजूदगी में अगले एक्शन का प्लान किया गया। सूत्रों की मानें तो थल, जल, वायु—तीनों मोर्चों पर सैन्य कार्रवाई के विकल्पों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

बॉर्डर सील, सिंधु संधि सस्पेंड, वीजा कैंसिल—से हुई थी शुरुआत

आपको बता दे कि पिछली CCS बैठक (23 अप्रैल) में लिए गए पांच ‘ऐतिहासिक फैसले’ ने पाकिस्तान की नींव हिला दी है। भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। अटारी-वाघा बॉर्डर बंद कर दिया गया है। पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द, राजनयिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश, और इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास को बंद करने का फैसला—ये सारे कदम युद्ध से पहले की कूटनीतिक तैयारी जैसे हैं। अब बारी है—मिलिट्री स्ट्राइक की!

NIA की टीम एक्टिव, TRF के पाकिस्तान कनेक्शन की पुष्टि

NIA की विशेष टीम ने TRF के तार सीधे पाकिस्तान में बैठे ISI और लश्कर कमांडरों से जुड़े होने के पक्के सबूत इकट्ठा कर लिए हैं। बैसरन घाटी में हुई इस बर्बरता को सीमा पार से मॉड्यूल के जरिए अंजाम दिया गया। इसका सीधा मतलब है—अब बारी है उन अड्डों को नेस्तनाबूद करने की, जो आतंक को पालते हैं।

क्या आएगा Surgical Strike 2.0 या Air Strike 2.0?

विशेषज्ञों की मानें तो भारत इस बार सिर्फ ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ या ‘बालाकोट’ जैसी प्रतीकात्मक कार्रवाई से आगे जाने को तैयार है। संभावना है कि मल्टी-लेवल कॉम्बैट ऑपरेशन की रूपरेखा तैयार हो चुकी है, जिसमें सीमापार आतंकी ठिकानों पर सटीक और व्यापक हमला किया जाएगा—वो भी इस बार खुले तौर पर  ।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी चेतावनी—"पर्दे के पीछे की ताकतें नहीं बचेंगी!"

लगातार बैठकों की झड़ी—12 घंटे में दो बार मोदी-राजनाथ की बैठक, गृह मंत्रालय में CRPF से लेकर BSF तक की चुपचाप तैयारियां, और पाकिस्तान में भी हलचल—इमरजेंसी एनएससी बैठक बुला ली गई है।

अन्य खबरे