नोएडा/बुलंदशहर : दिल्ली-NCR की तस्वीर बदलने वाला ‘नया नोएडा’ (DNGIR – दादरी-नोएडा-गाज़ियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन) अब हकीकत बनने के कगार पर है। सरकार ने 80 गांवों को अधिसूचित कर दिया है और नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है। यानि अब यहां कोई भी निर्माण सिर्फ नोएडा प्राधिकरण की अनुमति से ही हो सकेगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि किसानों को कितने मुआवज़े पर उनकी ज़मीन मिलेगी? इसी पर अगले हफ्ते गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर के जिलाधिकारियों की अहम बैठक होगी।
‘नया नोएडा’ कहां और कैसे बनेगा? :
आपको बता दें कि नया नोएडा 209.11 वर्ग किमी (20,911 हेक्टेयर) में बसाया जाएगा। इसे चार फेज़ में पूरा करने की योजना है। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और जीटी रोड के जंक्शन से शुरुआत होगी। पहले चरण में 15 गांवों की जमीन ली जाएगी, जिनमें जोखाबाद और सांवली जैसे गांव प्रमुख हैं। इन दोनों गांवों में ही अस्थायी कार्यालय भी बनाया जाएगा।
चरणबद्ध विकास योजना :
वर्ष - अधिग्रहित भूमि (हेक्टेयर)
2023 – 2027 -3,165
2027 – 2032 -3,798
2032 – 2037 -5,908
2037 – 2041 -8,230
कुल मिलाकर 20,911 हेक्टेयर में नया नोएडा पूरी तरह खड़ा होगा।
किसान और मुआवज़े का सवाल :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रत्येक गांव में लगभग 200 किसान परिवार हैं। यानी कुल 16,000 किसान परिवार सीधे प्रभावित होंगे। जमीन का अधिग्रहण आपसी सहमति से किया जाएगा। मुआवज़े की दर तय करने के लिए सर्किल रेट, जेवर एयरपोर्ट से दूरी, और जमीन की उपयोगिता जैसे पहलुओं को देखा जाएगा। बुलंदशहर और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के अलग-अलग गांवों का रेट अलग होगा।
निवेश और रोज़गार :
गौरतलब है कि पहले फेज़ में ही अनुमानित 50,000 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है। 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत सिर्फ बुनियादी ढांचे पर खर्च होगी। प्राधिकरण ने पहले ही 1,000 करोड़ रुपये का बजट आरक्षित कर लिया है। यहां से 1 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। भविष्य में कुल आबादी 6 लाख तक पहुंचने का अनुमान, जिनमें 3.5 लाख लोग बाहर से माइग्रेट होंगे।
अर्ली बर्ड प्रोजेक्ट्स :
इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप (ग्रेटर नोएडा)
मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (बोड़ाकी)
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब (दादरी)
क्यों खास है नया नोएडा?
गौरतलब है कि यह नया नोएडा दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) का हिस्सा होगा। जेवर एयरपोर्ट, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। IT, इंडस्ट्री, लॉजिस्टिक्स, और रेजिडेंशियल सभी सेक्टर को एक ही छतरी के नीचे विकसित करने का ब्लूप्रिंट तैयार है।
‘नया नोएडा’ सिर्फ एक नया शहर नहीं, बल्कि NCR की अगली विकासगाथा है। यहां किसान, उद्योगपति और आम नागरिक सभी की नई किस्मत लिखी जाएगी। अब नज़रें टिकी हैं उस अहम बैठक पर, जहां किसानों के लिए मुआवज़े की दर तय होगी। क्योंकि असली सवाल यही है क्या किसानों को उनकी जमीन का सही दाम मिलेगा?