उत्तराखंड लोक सभा चुनाव 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया गया है। वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड में 5 लोकसभा सीटें हैं। वहींं अब उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है।
बता दें कि 2019 में भी उत्तराखंड में पहले चरण में ही अर्थात् 11 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। तब कुल 61.50 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। यह आंकड़ा वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव की तुलना में कम था। नैनीताल संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक 66.39 प्रतिशत और पौड़ी में सबसे कम 48.78 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि 2014 में 62.15 प्रतिशत मतदान हुआ था।
आज शनिवार को लोकतंत्र के महासमर लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया गया है। निर्वाचन आयोग (ईसी) ने शनिवार दोपहर को लोकसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित किया। पूरे देश में लोकसभा चुनाव में मतदान सात चरणों में होगा। उत्तराखंड में सभी पांच संसदीय सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल 2024 को मतदान होगा। वहीं चार जून को मतगणना होगी। इसे देखते हुए उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है।
20 मार्च को अधिसूचना जारी होगी
27-28 मार्च को नामांकन
28-30 मार्च नामांकन पत्रों की जांच
30 मार्च से दो अप्रैल- नाम वापसी
19 अप्रैल को मतदान
आदर्श आचार संहिता लागू होते ही अनुपालन में करवाई शुरू हो गई है। गढ़वाल से कुमाऊं तक पोस्टर बैनर हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।
कुल मतदाता- 83, 21,207 लाख
पुरुष मतदाता- 43.08 लाख
महिला मतदाता- 40.12 लाख
थर्ड जेंडर - 297
85 साल से ऊपर मतदाता - 65177
युवा मतदाता- 145202
दिव्यांग मतदाता- 79965
11729 पोलिंग स्टेशन
93357 कुल सर्विस मतदाता
लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान होेने के बाद उत्तराखंड के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम प्रेसवार्ता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पारदर्शिता से चुनाव कराए जाएंगे।
पांचों सीटों पर प्रचंड बहुमत के साथ जीतेंगे- सीएम धामी
चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद cm
पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर लिखा कि 'चुनाव आयोग द्वारा देश में होने वाले लोकसभा चुनाव की तिथियां निर्धारित कर दी गई हैं। पूर्ण विश्वास है कि उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता आदरणीय प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में संचालित कल्याणकारी नीतियों पर मुहर लगाते हुए राज्य की सभी सीटें जीत कर प्रचंड बहुमत के साथ BJP सरकार बनाने में अपना योगदान देगी।'
लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई है। राज्य में पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। इसमें तीन सीटें गढ़वाल और 2 सीट कुमाऊं मंडल में हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी(BVRC) पुरुषोत्तम शाम 5 बजे पत्रकार वार्ता कर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर सूचना देंगे।
उत्तराखंड में पहले चरण में मतदान होंगे 19 अप्रैल को प्रदेश की पांचों सीटों पर मतदान होगा। उम्मीदवारों को आपराधिक रिकॉर्ड की देनी होगी जानकार मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि किसी भी उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड है तो उसे तीन बार अखबार और टीवी पर बताना पड़ेगा। राजनीतिक पार्टी को भी बताना पड़ेगा कि वो उसे टिकट क्यों दे रही है। वहीं उन्होंने मतदाताओं को फर्जी खबरें और असत्यापित जानकारी आगे न बढ़ाने की सलाह दी गई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि वोटरों की सुविधा के लिए पीने का पानी, टॉयलेट जरूर होगा। साथ ही दिव्यांग वोटरों के लिए रैंप भी बनाया जाएगा।
निर्वाचन आयोग की पत्रकार वार्ता शुरू हो गई है। कुछ ही देर में चुनाव की तारीखों का एलान होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा "यह हम लोगों के लिए ऐतिहासिक पल है। दुनिया के लिए भी 2024 चुनावों का साल है। भारत पर दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र के रूप में सभी का ध्यान केंद्रित रहता है। लोकतंत्र के रंग यहां उभरते हैं और सभी हिस्सों का इसमें समावेश होता है। हमारा वादा है कि हम चुनाव इस तरह कराएंगे जो देश की चमक को बढ़ाएगा।
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रताप सिंह शाह ने बताया कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए सचिवालय में राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिसमें हेल्पलाइन और टेलीफोन नंबर स्थापित किए गए हैं
1800-1300-1950 (टोल फ्री नम्बर)
0135-2664302
0135-2664303
0135-2664304
0135-2664305
0135-2664306
टिहरी- 12,876
गढ़वाल- 34,963
अल्मोड़ा- 29,157
नैनीताल- 10,616
हरिद्वार- 5,745
किसी भी रैली या जनसभा में उम्मीदवार द्वारा टोपी, स्कार्फ, मुखौटा आदि बांटा जा सकता है, जिसको उम्मीदवार के खर्चे में जोड़ा जायेगा लेकीन धोती, साड़ी, शर्ट आदि नहीं बांटे जा सकते। इसी प्रकार देवी, देवताओं के फोटो वाले स्टीकर, कैलेंडर, डायरी आदि बांटा जाना प्रतिबंधित है। ऐसा किया जाना धारा-171B आईपीसी(IPC) के तहत मतदाता को रिश्वत देने की श्रेणी में आता है।
16 जून को मौजूदा 17वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। नई लोकसभा का गठन इससे पहले करना अनिवार्य है। ओडिशा, आंध्र प्रदेश सिक्किम व अरुणाचल प्रदेश की विधानसभाओं का कार्यकाल भी जून में समाप्त हो रहा है। इन राज्यों में चुनाव की तारीखों की भी घोषणा हो जायेगी। अधिकारियों के मुताबिक़ बोर्ड परीक्षा, सुरक्षाकर्मियों व त्योहार की उपलब्धता को देखते हुए तारीखें तय की जाएंगी।
मतदान वाले दिन मतदाता अपने पोलिंग बूथ से 200 मीटर दूरी तक वाहन ले जा सकते हैं। पोलिंग बूथ के 100 मीटर की दूरी में निर्वाचन संबंधी अधिकारी, कर्मचारियों को छोड़कर अन्य सभी व्यक्तियों का मोबाइल फोन का इस्तेमाल निषिद्ध है।
दुपहिया वाहन से प्रचार के लिए RO से अनुमति जरूरी होगी, जिस पर एक झंडा लगाने की छूट होगी। तिपहिया वाहन, ई-रिक्शा, एवं चौपहिया वाहन पर भी कोई बैनर की अनुमति नहीं है। यदि ऐसा वाहन वैध प्रचार वाहन है तो उस पर केवल एक झण्डा (1×0.5 फीट) की अनुमति है। वाणिज्यिक वाहनों पर प्रचार सामग्री की अनुमति नहीं है।
-ऐसे काम, जिनका टेंडर निकलने के बाद वर्कऑर्डर हो चुका है लेकिन मौके पर भौतिक रूप से काम शुरू न हुआ हो, वह इस दौरान शुरू नहीं किए जा सकते।
-ऐसे काम जो मौके पर भौतिक रूप से शुरू हो चुके हैं, वह जारी रहेंगे।
-निजी वाहन पर बिना किसी दबाव झंडा, स्टीकर लगाया जा सकेगा, बशर्ते वह मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन न हो।
अपने निजी भवन पर बैनर, झंडा, कटआउट आदि प्रतिबंधित नहीं है लेकिन भवन स्वामी ने ये काम अपनी इच्छा से किया हो। अधिकतम 3 झंडे लगा सकते हैं। प्रत्याशी भवन स्वामी की लिखित परमिशन के बाद ही निजी भवन पर अपनी प्रचार सामग्री लगा सकता है, जिसकी अफसर को जानकारी देनी होगी। नहीं तो 500 रुपये जुर्माना लगेगा।
-सभी सरकारी संपत्तियों से 24 घंटे के अंदर समस्त प्रचार सामग्री पोस्टर, बैनर, पंफ्लेट हटाए जाएंगे। सरकारी कार्यालयों, अधिकारियों, सभागारों के कक्षों में लगी सभी जीवित राजनैतिक महानुभावों की फोटो भी हटेगी। केवल राज्यपाल, राष्ट्रपति की फोटो लगी रह सकती है।
-लोक संपत्तियों बस स्टैंड,सार्वजनिक चौराहों, सड़क, बिजली के खम्बे, अंडरपास इत्यादि से 48 घंटे के अंदर समस्त प्रचार सामग्री बैनर, पोस्टर,पंफ्लेट हटाए जाएंगे।