वाराणसी के श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में गर्भगृह से लेकर बाहर परिसर में तैनात पुलिसकर्मियों को भगवा वेशभूषा काफी चर्चा में है। पुलिस कमिश्नर ने खाकी वर्दी पहनने वाले महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों को पूजारी रूप में भगवा वस्त्र पहना दिए हैं।
दरअसल पुलिस कमिश्नर के सुझाव पर अगले दिन पुलिसकर्मी भगवा ड्रेस में मंदिर पहुंचे। हालांकि अभी महज 5-6 पुलिसकर्मी ही कुर्ता-धोती में नजर आए। इनका तीन दिनी प्रशिक्षण हो गया या नहीं यह बात ऐलान के एक दिन बाद ही तैनाती से साफ नहीं हो सकी।
बुधवार को भक्तों के बीच भगवा वस्त्र पहने खड़े पुलिसकर्मी अलग ही नजर आए। बाद में जब उनकी तस्वीरें सामने आईं तो इनपर चर्चाएं भी बढ़ गई। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अर्चक के लिए भगवा रंग की ड्रेस पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।
सपा के पूर्व मंत्री ने मंदिर न्यास और पुलिस प्रशासन पर निशाना साधा है। यह धर्म के साथ खिलवाड़ है। इस तरह के प्रोपेगेंडा से धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। हर वस्त्र की एक मर्यादा होती है, भगवा वस्त्र साधु संतों की पहचान है।
उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन को खुद इस मामले को देखना चाहिए। चुनाव के दौरान इस तरह का प्रयोग कतई नहीं होना चाहिए। चुनाव आयोग को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए। पुलिस कमिश्नर से भी सवाल कर दिया की आखिर किसको खुश करने और नंबर बढ़वाने के लिए यह सब किया जा रहा है।
पुलिस कमिश्नर के सुझाव पर बदली वेशभूषा:
मंगलवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों को नियंत्रित करने के लिए कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बैठक की थी। इसमें सीपी ने कहा था कि अर्चकों की वेशभूषा में काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में पुलिसकर्मियों की तैनाती की तैयारी है।
इन सभी पुलिसकर्मी का काम श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित करने का होगा। श्रद्धालुओं से अच्छा व्यवहार उनकी तैनाती की कसौटी में होगा। तैनाती के पहले तीन दिनों का उन्हें धार्मिक पुलिसिंग प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा। इनमें पुरुष कर्मी धोती और अंगवस्त्रम जबकि महिला पुलिसकर्मी सलवार-कमीज में रहेंगी।
यह भी कहा कि इनकी सहायता के लिए दो पुरुष और महिला पुलिसकर्मी सादे वेश में ही गर्भगृह के ठीक बाहर रहेंगे। मीटिंग के अगले दिन सीपी के निर्देशों को अमल में भी ला दिया गया लेकिन व्यवहारिक प्रशिक्षण बिना पुलिसकर्मी भी हैरान हैं।
धर्म के साथ हुई खिलवाड़:
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि इस तरह के प्रोपेगेंडा से केवल धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। पुलिस वालों को वर्दी की जगह भगवा वस्त्र पहनाना धर्म के साथ खिलवाड़ है। विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन को इसे देखना चाहिए।
प्रदेश प्रवक्ता ने यह भी कहा कि चुनाव के दौरान इस तरह का प्रयोग कतई नहीं होना चाहिए। चुनाव आयोग को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए। सपा की ओर से इसकी शिकायत चुनाव आयोग को करने की कवायद की जाएगी।
आखिर आचार संहिता लगी होने पर इस तरह का फैसला किसे खुश करने के लिए किया जा रहा है, ऐसा कहते हुए आरोप भी लगाया गया है। पुलिस वालों की वर्दी न सिर्फ उनके सम्मान का प्रतीक होती है बल्कि वर्दी देखकर ही कोई भी अराजकता करने की कोशिश नहीं करता है। वर्दी को लेकर सबके मन में एक डर भी बना रहता है। ऐसे में पुलिस वालों को वर्दी की जगह भगवा वस्त्र पहनाना कहीं से भी ठीक नहीं कहा जा सकता है।