50 हजार की घूसखोरी के चलते थाना प्रभारी और एएसआई गिरफ़्तार: सट्टे की मंथली लेने के आरोप में विजिलेंस के हत्थे चढ़े
50 हजार की घूसखोरी के चलते थाना प्रभारी और एएसआई गिरफ़्तार

रेवाड़ी: दरअसल हरियाणा के रेवाड़ी में एंटी करप्शन ब्यूरो  (ACB) गुरुग्राम की टीम ने सदर पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी सुनील दत्त और (ASI) एएसआई कमल कुमार को रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

 मौके से रिश्वत के 50 हजार रुपये भी बरामद कर लिए गए हैं। बताया जा रहा है कि सुनील दत्त की पैसे मांगते हुए रिकॉर्डिंग भी साक्ष्य के रुप में उपलब्ध हैं।

दरअसल गोकलगढ़ निवासी सुनील की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई है। गोकलगढ़ गांव का यह युवक सट्टेबाजी का काम करता है और हर महीने सदर थाने को 25 हजार रुपये मासिक (मंथली) देता था। पिछले दो महीने से उसने पुलिस को मंथली के रुपये नहीं दिए। आरोपी एएसआई कमल कुमार ने उसे फोन कर दो महीने के 50 हजार रुपये मांगे और कहा कि पैसे तुरंत थाना प्रभारी को दे दो। युवक ने इसे रिकॉर्ड कर लिया।

इसकी शिकायत गुरुग्राम एसीबी से की। सोमवार को आरोपी एएसआई कमल ने उसे पैसे देने के लिए सदर थाने के पास पुलिस क्वार्टर में बुलाया जहां एसएचओ सुनील दत्त भी उपस्थित थे। पुलिसकर्मियों ने जैसे ही पैसे लिए, एसीबी (ACB) की टीम ने दोनों को 50 हजार रुपये के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। रेवाड़ी एसीबी थाने में दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है।

 SHO समेत चार पुलिसकर्मियों पर मुकदमा

 दो वर्ष पहले दहेज उत्पीड़न के मामले को रफादफा करने के एवज में दो लाख रिश्वत मांगने के आरोप में तत्कालीन एसएचओ समेत चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुरादनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता रघुपाल सिंह के अनुसार उनके खिलाफ मुरादनगर थाने में दहेज उत्पीड़न की धाराओं में केस दर्ज हुआ था। मुकदमा खत्म कराने के नाम पर उनसे दो लाख रुपये रिश्वत मांगी। मना करने पर पुलिसकर्मियों ने उन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। आए दिन दबिश दी जाने लगी।

परेशान आकर पीड़ित ने डीसीपी ग्रामीण से शिकायत की। उन्होंने एसीपी से जांच कराई तो पुष्टि हुई। मामले में अब सोमवार को चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मुजफ्फरनगर की इंदिरा कालोनी निवासी रघुपाल सिंह व्यवसाय करते हैं। रघुपाल सिंह के पुत्र भारतीय नौसेना में कार्यरत हैं। रघुपाल सिंह के अनुसार वर्ष 2022 में एक परिचित के कहने पर उन्होंने अपने पुत्र का रिश्ता के रेलवे रोड निवासी एक युवती के साथ तय किया था, जिसमें अंगूठी पहनाने आदि की रस्म पूरी हो चुकी थी। बाद में किसी कारण के चलते रिश्ता टूट गया।

 कन्या पक्ष ने वर, उनके पिता व अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ दहेज मांगने आदि की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट दर्ज होने पर विकास नामक हेड कांस्टेबल ने उनसे फोन से संपर्क किया और केस को रफदफा कराने के संबंध में तत्कालीन एसएचओ से बात कराई। एसएचओ ने पीड़ित को उनके बेटे की नौकरी खोने के नाम पर डराया और उनसे रिश्वत के तौर दो लाख की मांग की थी।

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