पुलिस जांच में आरोपी जावेद ने साजिद को लेकर किए अहम खुलासे: क्या बताई हत्या की संभावित वजह, जावेद की जुबानी
पुलिस जांच में आरोपी जावेद ने साजिद को लेकर किए अहम खुलासे

बदायूं हत्याकांड: बदायूं हत्याकांड पिछले 3 दिन से सुर्खियों में है। दो सगे भाइयों ने 2 मासूम भाइयों का बेरहमी से कत्ल किया। 13 साल के आयुष का गला काटने के साथ शरीर पर चाकू के 8 जख्म पाए गए। वहीं आयुष के छोटे भाई 8 साल के आहन उर्फ अनु के शरीर पर भी चाकू के 6 निशान थे।

इस सनीसनीखेज हत्याकांड का मुख्य आरोपी मोहम्मद साजिद वारदात के 3 घंटे बाद ही पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। जबकि दूसरे आरोपी जावेद ने गुरुवार को बरेली में वीडियो वायरल कर पुलिस के सामने सरेंडर किया। 2 दिनों से फरार चल रहे जावेद ने पुलिस को पूछताछ में कई अहम जानकारी दी।

जावेद की जुबानी हत्याकांड की पूरी कहानी

बदायूं शहर से करीब 14 किमी दूर सखानू कस्बा है। यहां का रहने वाला मोहम्मद साजिद अपने छोटे भाई जावेद के साथ मिलकर सिविल लाइन क्षेत्र के बाबा कॉलोनी में मुख्य रोड पर किराए पर हेयर सैलून चलाता था। इसी के सामने ठेकेदार विनोद सिंह का 3 मंजिला मकान है।

जावेद ने पुलिस को बताया, मंगलवार यानी 19 मार्च की सुबह मैं अपने बड़े भाई साजिद के साथ घर से सैलून आया था। मंगलवार में बाल कटिंग का कम काम रहता है। दिन में हम लोगों कटिंग का काम करते रहे। आज कल रमजान चल रहे हैं तो शाम को घर जल्दी जाना पड़ता था।

दिन के काम के दौरान मैंने साजिद के पास एक नया उस्तरा देखा। इसके बाद साजिद एक बड़ा चाकू भी खरीद लाया। मैंने जब पूछा तो उसने कहा कि इसका कुछ काम है। इसकी जरुरत पड़ेगी। जावेद ने कहा कि साजिद कई बार तमंचा भी रखता था। जब घर जाने में रात हो जाती है तो सुरक्षा के लिए जरूरत पड़ती रहती है।

भाभी से पैसे लेने चलते हैं......

जावेद ने बताया, साजिद ने मंगलवार शाम को कहा कि आज दुकान पर काम ही नहीं है। इसके बाद कहा कि शाम को कुछ काम है दुकान का ध्यान रखना। ऐसा लग रहा था कि साजिद शाम होने का इंतजार कर रहा है। लेकिन शाम के जब 7 बजे का वक्त हो गया तो अंधेरा होने लगा था। अब हमने दुकान बंद कर दी तो अचानक साजिद ने कहा कि जावेद तू बाइक स्टार्ट कर। मैं संगीता भाभी के यहां से पैसे लेकर आता हूं।

जावेद ने बताया, इसके बाद मैं बाइक लेकर विनोद सिंह के घर के बाहर खड़ा हो गया। अंदर जाने से पहले साजिद ने कहा था कि बाइक लेकर कहीं जाना मत। मैं बस पैसे लेकर आया। इसके बाद कुछ देर हो गई साजिश घर से नहीं निकला। मैं बाइक लेकर बाहर वेट करता रहा।

साजिद के कपड़े खून से सने थे......

करीब 15 मिनट बाद ऊपर से किसी के चीखने की आवाज आई। तीन मंजिला मकान था तो मैं समझ नहीं पाया। इतने में भाभी के चिल्लाने की आवाज आई कि तूने क्या कर दिया साजिद, मेरे बच्चों को मार दिया।

देखा तो आसपास के लोग भी बाहर आए गए। इसके बाद भी साजिद घर से बाहर नहीं आया। मैं घबरा गया कि पता नहीं क्या हो गया। मैं अंदर गेट तक पहुंच गया, लेकिन रोने बिलखने की आवाज आ रही थी। बाहर लोग जमा हो गए। इतने में सीढियों की तरफ से साजिद आता दिखा। उसके हाथ में चाकू था, सारे कपड़े खून में सने हुए थे।

जावेद ने कहा कि यह देखते ही मैं मौके से भाग गया, मैं समझ गया कि भाई साजिद ने किसी को चाकू या उस्तरे से मार दिया। मैं डर गया कि भीड़ मार देगी, एक तो मुस्लिम ऊपर से पुलिस का डर। मैं रात में भागकर बस से दिल्ली पहुंचा। कुछ देर बाद पता चला कि साजिद ने विनोद भैया के दोनों बेटों आयुष और आहन का कत्ल कर दिया। भीड़ ने हमारे सैलून में तोड़फोड़ कर आग लगा दी। यह पता चलते ही मैंने मोबाइल बंद कर लिया।

दिल्ली पहुंचा तो पता चला कि साजिद को मार दिया

जावेद ने बताया कि घटना के बाद रात में ही मैं दिल्ली पहुंच गया। बीच में डर के मारे मोबाइल बंद रखा। मोबाइल खोला तो कई मैसेज व्हाट्सए पर देखे। कई न्यूज लोगों ने भेजी। जिसमें रात के 3 बजे पता चला कि पुलिस ने साजिद को एनकाउंटर में मार दिया।

आरोपी ने बताया, रात में मैं डर गया, उसके बाद बरेली आया। मैं घर भी कॉल नहीं कर सका। गांव के एक युवक को व्हाट्सएप कॉल कर पूछा। पुलिस का डर था कि पुलिस पीछा कर रही है। लेकिन डर था कि पुलिस मुझे भी एनकाउंटर में मार देगी। फिर पीलीभीत के रास्ते नेपाल भागने का मन बयाया, लेकिन घबरा था।

रात में बरेली के सेटेलाइट के पास कुछ पुलिसकर्मी थे। मैंने हाथ जोड़कर कहा कि मैं जावेद हूं, पुलिस मेरा पीछा कर रही है। मेरे भाई साजिद को एनकाउंटर में मार दिया। इतने में पुलिसवाले आ गए। लोगों ने मुझे गालियां भी दीं। मैं कत्ल में नहीं था, बाइक लिए बाहर खड़ा था। चाहे मुझे जान से मार दो या पीट लो। या जेल भेज दो। लेकिन अल्लाह की कसम मैं बच्चों को मारने में नहीं था।

हमारा पहले से था घर में आना जाना

जावेद ने बताया कि विनोद भैया के तीनों बेटे आयुष, पीयूष और आहन का हमारे यहां आना जाना था। वह दिन में भी सैलून पर आ जाते थे। हमारे विनोद भैया, उनकी पत्नी संगीता भाभी और उनकी मां मुन्नी देवी से अच्छे तालुक्कात थे। साजिद भी कई बार इनके घर चला जाता था। साजिद ने पता नहीं किस रंजिश में मारा।

मानसिक रूप से परेशान था साजिद

जावेद ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि मेरा भाई साजिद मानसिक रूप से अपसेट था। वह कई बार मुझे भी गालियां दे देता था। साजिद ने शादी से पहले भी एक बार सुसाइड का प्रयास किया।

वह चूहे मारने वाली दवा भी खा चुका था। अपने मोबाइल को किसी को नहीं दिखाता था। घर में बड़ा होने के चलते हम दोनों भाई और अब्बा भी कुछ नहीं कहते थे। तीनों बच्चे हम दोनों भाइयों में घुल मिलकर रहते थे।

1-11 साल के पीयूष की आपबीती

आयुष और आहन की हत्या में इनका 11 साल का भाई पीयूष चश्मदीद है। पीयूष ने बताया कि जावेद और साजिद को मैं जानता हूं। हम बाल कटवाने उनकी दुकान पर चलते थे। साजिद कई बार घर पर आ जाता था। मम्मी किचन में चाय बना रहीं थी, दादी मां ड्यूटी से आईं थीं वह कमरे में थी।

इसी बीच साजिद आया और मम्मी व मां जी से पैसे मांगे। मैंने ध्यान नहीं दिया, मैने सोचा कि साजिद चला गया। ऊपर से रोने की बुरी तरह आई तो मैं जीने पर गया। वहां दरवाजे के पास छोटा भाई आहन खून सना हुआ था, वह मर चुका था। इतने में साजिद ने मेरा मूंह दबायाकर गिरा दिया। मैने कहा कि अंकल क्या कर रहे, तो कहा कि तुझे भी मरना है उन्होंने मेरी तरफ चाकू दिखाया और दरवाजा बंद कर लिया।

2-58 साल की मुन्नी देवी की आपबीती

मारे गए दोनों भाई आयुष और आहन की दादी मुन्नी देवी पुलिस में होमगार्ड हैं। मंगलवार शाम को ही ड्यूटी से लौटी थीं। मुन्नी देवी ने बताया कि करीब शाम के 7 बजे साजिद आया था, मुझे कहा कि मेरी पत्नी की डिलीवरी है मुझे अर्जेंट में 5 हजार रुपे दिलवा दो। यह कहकर मैने बेटे विनोद की बहु संगीता से कहा कि विनोद से फोन पर बात कर ले। उसके बाद मैं ड्यूटी से आई थी तो बहु संगीता चाय बनाने लगी।

उसने 5 हजार रुपये साजिद को दे भी दिए। कहा कि मै छत पर घूम आओ। जब रोने बिलखने की आवाज आई तो मैं बाहर की तरफ आई, कि पड़ोस में क्या हो गया। तो देखा कि साजिद चाकू लेकर खून से सने कपड़ों से भागने लगा, मैने कहा कहा कि इसने तो मेरा घर ही उजाड़ दिया।

36 साल की संगीता तीसरी चश्मदीद

दोनों बच्चों की हत्या में तीसरी चश्मदीद बच्चों की मां संगीता है। संगीता ने कहा कि कई बार हमारे बच्चों के साथ साजिद आ जाता था। सामने दुकान करता था तो वह बच्चों से बात कर लेता था। शाम को अचानक से आया कि भाभी मुझे पांच हजार रुपये चाहिए, मम्मी ड्यूटी से आईं तो मैं चाय बनाने रसोई में चली। जीने की तरफ से रोते हुए बीच वाला बेटा पीयूष आया कि मम्मी साजिद अंकल ने भैया को मार दिया। मैं दौड़कर बाहर निकली तो साजिद चाकू लेकर भागने लगा, उसके सारे कपड़े खून में सने थे। बस इतना सुना कि आज बदला ले लिया। दोनों बेटों के शव देखे तो मेरी आंखों के सामने अंधेरा आ गया।

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