नए सिम कार्ड को लेकर ट्राई के नए दिशानिर्देश 1 जुलाई से होगे देशभर में लागू: तुरंत पोर्ट करने पर लगाई रोक और भी बहुत कुछ?
नए सिम कार्ड को लेकर ट्राई के नए दिशानिर्देश 1 जुलाई से होगे देशभर में लागू

नई दिल्ली: मोबाइल सिम कार्ड को लेकर कुछ नए नियम जारी कर दिए गए हैं। टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की तरफ से बीते 15 मार्च 2024 को इस नए नियम को जारी कर दिया गया है, जो कि आने वाली 1 जुलाई 2024 से देशभर में लागू हो जाएंगे। ट्राई का कहना है कि इन नियमों में बदलाव करने से फ्रॉड की घटनाओं पर काफी रोक लगाई जा सकती है। हालांकि इससे जो आम यूजर्स हैं उन को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

जानिए क्या हुआ नियमों में बदलाव

बता दें कि नए नियमों के तहत, जिस भी मोबाइल यूजर्स ने हाल ही में अपने सिम कार्ड को स्वैप किया है, तो वो अपना मोबाइल नंबर पोर्ट नहीं कर पाएंगे। वहीं पर आपको बता दें कि सिम की अदला-बदली को सिम स्वैपिंग कहा जाता है और यह सिम स्वैपिंग सिम कार्ड के खो जाने पर होती है या फिर उनकी सिम के टूट जाने के बाद होती है और ऐसा होने के बाद आप सभी अपने टेलीकॉम ऑपरेटर के पास जाते हैं और अपने इस पुराना सिम को बदलकर नया सिम लेने को कहते हैं।

आइए जानते है इससे क्या होगा फायदा?

ट्राई का मानना है कि इस तरह का कदम फ्रॉड की घटनाओं को रोकने के मद्देनजर उठाया गया है। इस नए नियम को अलग अलग फ्रॉड करने वालों को सिम स्वैपिंग या फिर रिप्लेसमेंट के एकदम तुरंत बाद मोबाइल कनेक्शन को पोर्ट करने से रोकने के लिए उठाया गया है।

आखिर क्या है ये सिम स्वैपिंग?

आज के इस दौर में सिम स्वैपिंग फ्रॉड बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं, जिसमें कोई भी फ्रॉड करने वाले आपके पैन कार्ड और आधार कार्ड की फोटो को बहुत ही ज्यादा आसान तरीके से हालिस कर लेते हैं। वहीं पर इसके बाद मोबाइल के खो जाने का बहाना बनाते है और वो नया सिम कार्ड जारी करा लेते हैं। जिसके बाद आपके नंबर पर कोई भी किसी तरह का ओटीपी आता है तो फ्रॉड करने वालों के पास वो तुरंत और  आसानी से पहुंच जाता है।

ट्राई ने नई सर्विस शुरू करने की करी है शिफारिश

ट्राई ने दूरसंचार विभाग (DoT) को एक नई सर्विस शुरु करने की शिफारिश करी है, जिसमें किसी भी मोबाइल यूजर के हैंडसेट पर आने वाली हर कॉल का नाम डिस्प्ले हो, फिर चाहे वो नाम उनके कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव हो या फिर नहीं। इससे ज़रिए से फ्रॉड की घटनाओं पर लगाम लगाया जा सकता है। लेकिन इससे प्राइवेसी को लेकर काफी सवाल उठाए गए हैं।

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