अभी कुछ और हाईप्रोफाइल लोग हो सकते हैं गिरफ़्तार ...सीबीआई: क्या शराब नीति घोटाले में केजरीवाल भी किए जा सकते है गिरफ्तार ?
अभी कुछ और हाईप्रोफाइल लोग हो सकते हैं गिरफ़्तार ...सीबीआई

दिल्ली की एक अदालत में सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति (जिसे कि लोकप्रिय रूप में शराब घोटाला मामला के नाम से जाना जाता है)के संबंध में और अधिक हाई प्रोफाइल व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा सकता है। 

   गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय एवम् सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कई मौकों पर जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद मनीष सिसोदिया ने मार्च महीने के शुरुआत में ही राउज़ एवेन्यू अदालत में पुनः नियमित जमानत के लिए आवेदन किया था। सिसोदिया के वकील का आरोप है कि केंद्रीय जांच एजेंसी मुकदमे में देरी कर रही है क्योंकि आरोप पत्र पर अभी तक बहस पूरी नहीं हो सकी है। हालांकि इसके जवाब में सीबीआई का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। यदि जमानत दी गई तो साजिश के मुख्य आरोपी सिसोदिया अपने प्रभाव के आधार पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। 

 क्या केजरीवाल हो सकते है इस मामले में गिरफ्तार ? 

दरअसल पिछले सप्ताह में ईडी ने इसी मामले में भारत राष्ट्र समिति की विधायक कविता को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि उन्होंने दिल्ली में शराब निर्माताओं के साउथ ग्रुप को लाइसेंस दिलाने में अवैध रूप से पैरवी की थी। इस मामले में ईडी का कहना है कि नई आबकारी नीति का फायदा उठाने के लिए कविता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवम् मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर साजिश की थी। साथ ही कल के सीबीआई के बयान के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि क्या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी इस मामले में गिरफ्तारी हो सकती है।

क्या है पूरा मामला ? 

दरअसल दिल्ली सरकार में आबकारी विभाग के प्रमुख के रूप में मनीष सिसोदिया ने मार्च 2021 में दिल्ली की नई उत्पाद शुल्क नीति (एक्साइज पॉलिसी) की घोषणा की थी। इस नीति के तहत उन्होंने घोषित किया था कि शराब की बिक्री में सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी तथा शराब को सिर्फ निजी दुकानों को ही बेचने की अनुमति होगी। साथ ही इस नीति के माध्यम से राजस्व में भी वृद्धि को बात की गई थी। 

नवंबर 2021 में नई शराब नीति को प्रभावी बनाया गया। हालांकि यह नीति लागू होने के बाद से ही चर्चा में आ गई।

दरअसल दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में गड़बड़ी का अंदेशा जताया। साथ ही जुलाई 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर मनीष सिसोदिया पर शराब के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ प्रदान करने का आरोप लगाते हुए, उप राज्यपाल ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिया। जिसके बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की तथा उत्पाद नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोप में सीबीआई ने फरवरी 2023 में मनीष सिसोदिया (दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री) को गिरफ्तार किया था।

सीबीआई केस के बाद ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002  के तहत केस दर्ज किया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि उत्पाद शुल्क नीति के माध्यम से अर्जित धन को "हवाला" चैनलों के माध्यम से भेजा गया और आप के चुनाव अभियाओं पर खर्च किया गया।

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