बांदा: मुख्तार अंसारी को दफनाए जाने के साथ ही उसकी मौत की न्यायिक व मजिस्ट्रेटी जांच भी शुरू हो गई है। जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल, जिला जज डॉ. बब्लू सारंग, अपर मुख्य न्यायाधीश गरिमा सिंह, एसपी अंकुर अग्रवाल और एडीएम राजेश कुमार भी टीम के साथ दोपहर करीब एक बजे मंडलीय कारागार पहुंचे। एक घंटे की जांच के दौरान टीम ने मुख्तार की बैरक, वहां लगे आठ सीसीटीवी कैमरे व उसकी दवाओं के पर्चों की जांच की।
बता दें कि मुख्तार की मौत के बाद ही दो तरह की जांच के आदेश जारी किए गए थे। मुख्तार को शनिवार को दफनाए जाने के तुरंत बाद अधिकारियों का काफिला मंडलीय कारागार पहुंच गया। सूत्रों के अनुसार जेल के भीतर जांच टीम ने जेल अधीक्षक, जेलर व कर्मचारियों से पूछताछ की। मुख्तार की बैरक देखी और वहां लगे आठों सीसीटीवी कैमरों से तकरीबन एक माह के फुटेज भी निकलवाए। हाल में कितने लोग, कब-कब मुख्तार से मिलने पहुंचे, मुख्तार ने सप्ताह भीतर क्या खाया और पिया सभी तहर की जानकारी ली। हालांकि जांच के बारे में अधिकारियों ने किसी से कुछ भी बताने से साफ इन्कार कर दिया।
रसोइये के गले में लटकता था कैमरा
जेल सूत्रों की मानें तो जो रसोइया मुख्तार को खाना बनाकर देने जाता था। उसके भी गले में एक कैमरा लटका रहता था। ताकि उसकी एक-एक हरकत पर नजर रखी जा सके। इस हालात में कहीं पर भी गड़बड़ी की आशंका बहुत ही कम मानी जा रही है।
पेट की तकलीफ से था परेशान
मुख्तार को पेट की तकलीफ रहती थी। सूत्रों के अनुसार इसका पता इस बात से भी चलता है कि जब भी कोई डॉक्टर उसे देखने जेल जाता था तो वह अपने दोनों हाथ पेट पर रखकर कहता था, इसका कुछ करो डॉक्टर साहब, यह पेट तो लगता है कि जान ही लेकर छोड़ेगा।
मुस्लिम बंदियों ने की सुपुर्द-ए-खाक के समय की मगफिरत की दुआ
बांदा व चित्रकूट जेल में भी मुख्तार के सुपुर्द-ए-खाक होने के वक्त मुस्लिम बंदियों ने मगफिरत की अल्लाह से दुआ की। बांदा जेल में मुख्तार अंसारी लंबे समय तक रहा। वर्ष 2016 में बांदा के बाद कुछ दिनों के लिए पंजाब गया और फिर वापस बांदा जेल आ गया। जेल के बंदी उसे बेहद पसंद करते थे। वजह थी कि वह रमजान जैसे त्योहार पर गरीब बंदियों की मदद करता था।
अभी हमारा वक्त खराब चल रहा है:अब्बास
कासगंज जेल में बंद अब्बास अंसारी शनिवार को उच्च न्यायालय से पेरोल नहीं मिल पाने के कारण वह अब्बू के जनाजे में शामिल नहीं हो पाया। इसे लेकर वह रात भर बेहद परेशान रहा। हाई सिक्योरिटी बैरक में वह पूरी रात ढंग से सो भी नहीं पाया। अब्बास के अधिवक्ता केशव मिश्रा ने दोपहर के समय जेल में उससे मुलाकात की। मामले की जांच के सवाल पर भी अब्बास के मन में निराशा थी। उन्होंने कहा कि यह जांच सही नहीं हो सकती, क्योंकि जांच करने वाले ही आरोपों के घेरे में है। अब्बास ने अपने अधिवक्ता से कहा कि अभी हमारा समय खराब है। खुदा जो करेगा वो मंजूर है।
जेल में पिस्तौल जाती है तो जहर भी दिया जा सकता है:सुलखान सिंह
मुख्तार की मौत पर पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कई सवाल खड़े कर दिए। पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए उन्होंने कहा कि जब जेल में पिस्तौल जा सकती है तो जहर भी दिया जा सकता है। सरकार को चाहिए कि अभिरक्षा में हुई इस मौत पर वो अपना रुख स्पष्ट करे। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की सीबीआई या एसआईटी से जांच कराई जानी चाहिए। एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए पूर्व डीजीपी रहे सुलखान सिंह ने पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी की जेल में रहते हुई मौत को लेकर कहा है कि पुलिस अभिरक्षा में किसी की मौत हो जाना बहुत ही गंभीर बात है। प्रदेश में जब फर्जी मुठभेड़ हो सकती हैं तो फिर जेल में जहर भी दिया जा सकता है। एक दिन पहले डॉक्टर सब कुछ ठीक-ठाक बता रहे थे और दूसरे दिन मौत हो जाना डॉक्टरों की जांच पर भी सवाल खड़े करता है।
जो दुनिया से विदा हो गया उस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा:अजय राय
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने मुख्तार की मौत पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। अजय ने कहा कि जिसकी मौत हो जाए, उस पर कुछ कहना हिंदू सनातन धर्म के खिलाफ है। वो बोले कि जो चला गया उसके बारे में मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है। आज जो व्यक्ति दुनिया से विदा हो गया, सुपुर्दे खाक हो गया, उसके बारे में मैं, कुछ नहीं कहना चाहूंगा। हमारी सनातनी संस्कृति में इसे अनुचित माना जाता है। मुख्तार अंसारी से हमारी जो लड़ाई थी, उस मामले में न्यायपालिका से हमें न्याय मिला है। मैं, न्यायपालिका का आभारी हूं, जिन्होंने हमारे भाई की हत्या में मुख्तार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट सोशल मीडिया पर हुई वायरल
सोशल मीडिया पर मुख्तार अंसारी के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के कुछ अंश वायरल हुए हैं। वायरल रिपोर्ट में मृत्यु का कारण शॉक और मायोकारडेल इंफेक्शन दर्शाया गया है। मेडिकल में शॉक का मतलब ब्लड प्रेशर का कम हो जाना है। एमआई का मतलब हार्ट का एक हिस्सा पीला पड़ जाना। सूत्रों के मुताबिक मुख्तार अंसारी के हार्ट का लगभग 2x1.5 सेंटीमीटर हिस्सा पीला पड़ गया था। उस पीले हिस्से में ब्लड के क्लॉट पाए गए थे। इसी से मौत की वजह मायोकारडेल इंफेक्शन दिखाई गई है। इसके अलावा अंसारी की आंतें भी फूली मिली और बाएं कान से खून आना भी दिखाया गया है।