महिलाओ को शादी के नाम पर ठगते थे, आरोपी हुए गिरफ्तार: एक ने 50 तो दूसरे ने 20 को बनाया शिकार, रुपये ऐंठने के लिए बनाते थे एक ही बहाना
महिलाओ को शादी के नाम पर ठगते थे, आरोपी हुए गिरफ्तार

पकड़े गए आरोपियों की पहचान सागरपुर, दिल्ली निवासी रंजीत रंजन ठाकुर (40) और सीतापुरा, द्वारका दिल्ली निवासी प्रशांत के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी रंजीत के पास से एक और प्रशांत के पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। 

खुद को डॉक्टर, इंजीनियर और ऊंचे-ऊंचे पदों पर तैनात अधिकारी बताकर मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए शादी का झांसा देकर महिलाओं से ठगी करने वाले दो युवकों को शाहदरा जिला के साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनकी गिरफ्तारी अलग-अलग मामलों में हुई है। दोनों आरोपियों ने 70 से ज्यादा महिलाओं के साथ ठगी की है।

पकड़े गए आरोपियों की पहचान सागरपुर, दिल्ली निवासी रंजीत रंजन ठाकुर (40) और सीतापुरा, द्वारका दिल्ली निवासी प्रशांत के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी रंजीत के पास से एक और प्रशांत के पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। आरोपी रंजीत ग्रेजुएट है और दो बच्चों का पिता भी है, इसके बावजूद वह वारदात को अंजाम दे रहा था।

केस नंबर-1

शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि साइबर थाना पुलिस को 29 मार्च 2024 को एक शिकायत मिली थी। उसमें पीड़िता ने बताया कि शादी के लिए उसने खुद को sathi.com पर रजिस्टर कराया हुआ है। इस बीच किसी डॉक्टर अमन शर्मा ने उसे संपर्क किया और शादी की इच्छा जाहिर की। पीड़िता का विश्वास जीतकर आरोपी ने इमरजेंसी की बात कर उससे 1.13 लाख रुपये ठग लिए।

ठगी का अहसास होने पर मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। एसआई रिंकी व अन्यों की टीम ने सीडीआर के अलावा टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आरोपी की पहचान का प्रयास किया गया। बाद में आरोपी रंजीत रंजन को सागरपुर से दबोच लिया गया। 

पूछताछ में आरोपी ने ठगी की बात स्वीकार कर ली।
आरोपी ने बताया कि वह अब तक मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए शादी का झांसा देकर 50 से ज्यादा महिलाओं व युवतियों को ठग चुका है। वह खुद को डॉक्टर बताकर अपने जान में फंसाता था। बाद में इमरजेंसी होने की बात कर पीड़िता से रुपये लेकर आरोपी गायब हो जाता था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है।

केस नंबर-2

शाहदरा की एक और युवती ने खुद को jeewansathi.com पर रजिस्टर कराया हुआ था। पिछले दिनों राजबीर शर्मा नामक एक युवक ने खुद को बड़ा अधिकारी बताकर उससे संपर्क किया। आरोपी ने पीड़िता से शादी की इच्छा जाहिर की। बातचीत के बाद दोनों शादी के लिए तैयार हो गए। एक दिन आरोपी ने इमरजेंसी की बात कर पीड़िता से 2.17 लाख रुपये ले लिए।

इसके बाद पीड़िता को पता चला कि आरोपी फर्जी है। 28 मार्च 2024 को पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस से की। इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार और अन्यों की टीम ने मामले की पड़ताल की। बैंक डिटेल और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आरोपी की पहचान कर प्रशांत को द्वारका के सीतापुरी से दबोच लिया गया।

पुलिस की पूछताछ में प्रशांत ने बताया कि मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए आरोपी अब तक 20 से ज्यादा लड़कियों से लाखों रुपये वसूल चुका है। पुलिस बाकी शिकायतकर्ताओं की पहचान कर उनसे शिकायत लेने की तैयारी कर रही है। आरोपी से पूछताछ कर पता लगाया जा रहा है कि वारदात में और कितने लोग शामिल थे।

साइबर क्राइम क्या है?

साइबर अपराध एक इस प्रकार का अपराध है जिस में कंप्यूटर और नेटवर्क शामिल होता है। किसी भी कंप्यूटर का अपराधिक स्थान पर मिलना या कंप्यूटर से कोई भी अपराध करना ही कंप्यूटर अपराध कहलाता है। कंप्यूटर अपराध मे नेटवर्क शामिल नही होता है। किसी कि निजी जानकारी को प्राप्त करना और उसका गलत इस्तेमाल करना। किसी की भी निजी जानकारी कंप्यूटर से निकाल लेना या किसी भी प्रकार की चोरी करना भी साइबर अपराध है।

कंप्यूटर अपराध के कई प्रकार होते है जैसे कि जानकारी चोरी करना,जानकारी मे फेर बदल करना, जानकारी मिटाना, किसी कि जानकारी को किसी और को देना या कंप्यूटर के भागो को चोरी करना या नष्ट कर देना। साइबर अपराध भी कई प्रकार के है जैसे कि स्पैम ईमेल, हैकिंग, वायरस को डालना, फिशिंग, किसी की जानकारी को ऑनलाइन प्राप्त करना या किसी पर हर समय नजर रखना।

कंप्यूटर अपराध के प्रकार

जानकारी की चोरी करना- किसी भी कंप्यूटर से उसकी निजी(persnol) जानकारी निकालना जेसे की उपयोगकर्ता नाम या पासवर्ड।

जानकारी को मिटाना- किसी के कंप्यूटर से जानकारी मिटाना जिससे उसे नुकसान हो या कोई आवश्यक जानकारी को मिटाना।

फेर बदल कर देना- जानकारी मे कुछ भी हटाना या जोड़ना या उस जानकारी को बदल देना।

बाहरी नुकसान- भागो को नष्ट कर देना, उसे तोड देना या भागो की चोरी करना भी कंप्यूटर अपराध मे ही आता है।

साइबर अपराध के प्रकार

स्पैम ईमेल- अनेक प्रकार के ईमेल आते है जिसमें एसे ईमेल भी होते है जो सिर्फ कंप्यूटर को नुकसान पहुचाते है। उन ईमेल से सारे कंप्यूटर में खराबी आ जाती हैं।

हैकिंग- किसी की भी पर्सनल जानकारी को हैक करना जैसे की उपयोगकर्ता नाम या पासवर्ड और उसमे फेर बदल कर देना।

साइबरफिशिंग-  किसी के पास स्पैम(spam) ईमेल भेजना ताकी वो अपनी पर्सनल जानकारी दे और उस जानकारी से उसका नुकसान हो जाए। यह इमेल आकर्षित होते है।

सॉफ्टवेयर पाइरेसी- सॉफ्टवेयर की नकल को तैयार कर सस्‍ते दामों में बेच देना भी साइबर क्राइम के अन्‍तर्गत ही आता है, इससे साफ्टवेयर कम्पनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है साथ ही आपके कीमती उपकरण भी ठीक से काम नहीं करते हैं। 

फर्जी बैंक कॉल- आपको जाली ईमेल, मैसेज या फोन कॉल प्राप्‍त हो जो आपकी बैंक जैसा लगे जिसमें आपसे पूछा जाये कि आपके एटीएम नंबर और पासवर्ड की आवश्यकता है और यदि आपके द्वारा यह जानकारी नहीं दी गयी तो आपको खाता बन्‍द कर दिया जायेगा या इस लिंक पर सूचना दें। याद रखें किसी भी बैंक द्वारा ऐसी जानकारी कभी भी इस तरह से नहीं मॉगी जाती और न ही भूलकर भी अपनी किसी भी इस प्रकार की जानकारी को इन्‍टरनेट, कॉल या मैसेज के माध्‍यम से बताये। 

सोशल नेटवर्किग साइटों पर अफवाह फैलाना- बहुत से लोग सोशल नेटवर्किग साइटों पर सामाजिक, धार्मिक वैचारिक और राजनैतिक अफवाह फैलाने का काम करते हैं, लेकिन यूजर्स उनके इरादें समझ ही नहीं पाते हैं और जाने-अनजाने में ऐसे लिंक्‍स(links) को शेयर करते रहते हैं, लेकिन यह भी साइबर अपराध और साइबर-आतंकवाद के ही श्रेणी में आता है। 

साइबर बुलिंग- फेसबुक(facebook) जैसी सोशल नेटवर्किंग पर अशोभनीय कमेंट करना, इंटरनेट पर धमकियां देना किसी का भी इस स्‍तर तक मजाक बनाना कि तंग हो जाये, इंटरनेट पर दूसरों के सामने शर्मिंदा करना, इसे साइबर बुलिंग कहते हैं। अक्‍सर बच्‍चे इसका शिकार हाेते हैं। इससे इनके सेहत पर भी असर पडता है

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