राजधानी दिल्ली में पर्यटन को पंख लगने जा रहे हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि दिल्ली के 5 बड़े स्मारकों को एक साथ कॉरपोरेट घरानों ने गोद लिया है। इससे यहां आने वाले पर्यटकों को लाभ होगा। स्मारक परिसरों में सुविधाओं को बेहतर किया जा सकेगा। पर्यटकों को स्वच्छ पेय जल, कैफेटेरिया और वाई-फाई की सुविधा मिल सकेगी। स्मारकों में लाइट और साउंड शो स्थापित किये जा सकेंगे। पर्यटकों के आवागमन की सुविधा के लिए बैटरी रिक्शा आदि दिए जा सकेंगे।
दिल्ली के जिन 5 स्मारकों पर निजी कंपनियां सुविधाएं देंगी, उनके साथ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग ने एमओयू साइन किया है। इस योजना के प्रथम चरण के तहत लाल किला में डालमिया कंपनी सुविधाएं प्रदान कर रही है। स्मारकों पर पैसा लगाने वाली कंपनियां अब लाइट एंड साउंड शो जैसे प्रोग्राम स्थापित कर सकेंगी। इसके लिए वह टिकट भी लगा सकेंगी। मगर इससे अर्जित आय को दूसरे कार्य के लिए नहीं खर्च किया जा सकेगा। इस आय को किसी न किसी तरह से स्मारक पर ही खर्च करना होगा।
अब स्मारक को गोद लेने वाली कंपनियां स्मारक के टिकट स्थल या पीने के पानी की व्यवस्था वाले स्थान तथा टॉयलेट आदि के पास अपना नाम प्रदर्शित कर सकेंगी। प्रारंभ में नियुक्ति की अवधि 5 साल की अवधि के लिए होगी, जिसे 5 साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।
गोद लिए गए स्मारकों में पर्यटकों के लिए विकसित की जाएंगी ये सुविधाएं-
•स्वच्छता,सुरक्षा,आवागमन,सांस्कृतिक लाइट एंड साउंड शो और इन्क्वायरी काउंटर।
•शौचालय,पेय जल,बेबी केयर रूम और कचरे का प्रबंधन।
•पाथवे,इलेक्ट्रिक रिक्शा साइनेज,पार्किंग और वाई-फाई की सुविधा।
•प्राथमिक उपचार की सुविधा,सीसीटीवी कैमरे,लाइटिंग और क्लॉक रूम की सुविधा।
•इंटरप्रिटेशन सेंटर,पब्लिकेशन कियोस्क,कैफेटेरिया आदि।
कॉरपोरेट घरानों ने दिल्ली के 5 प्रसिद्ध पुरातत्विक स्थल कुतुबमीनार,अग्रसेन की बावली,पुराना किला,सफदरगंज मकबरा और हुमायूं के मकबरे को गोद लिया है। कुतुबमीनार को इजी माई ट्रिप फाउंडेशन, उग्रसेन की बावली को जी-आकाश न्यूज प्राइवेट लिमिटेड, पुराना किला को सभ्यता फाउंडेशन, सफदरगंज मकबरा को सभ्यता फाउंडेशन और हुमायूं के मकबरे को भी सभ्यता फाउंडेशन ने गोद लिया है।