यूपी: मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी को भी जान का खतरा सता रहा है। कासगंज जेल में अब्बास को डर है कि वहां उसकी जान को खतरा है। अब्बास ने सीजेएम गाजीपुर की कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया है। 6 अप्रैल अब्बास द्वारा कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर हत्या की आशंका जताई गयी थी। जमीन हड़पने के मामले में सीजेएम कोर्ट में अब्ब्बास के खिलाफ केस चल रहा है। अब्बास अंसारी के वक़ील लियाकत अली के जरिये सुरक्षा के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया है।
खाने मे जहर डालकर मारने का किया जा सकता है प्रयास
अब्बास अंसारी ने वकील लियाकत अली ने बताया, ‘थाना कोतवाली गाजीपुर में अब्बास अंसारी के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज हुआ था। सीजेएम कोर्ट में वर्चुअल पेशी में अब्बास अंसारी पेश हुए थे। पेशी के दौरान अब्बास अंसारी ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया और मौखिक रूप से सीजीएम को बताया कि जेल में उनकी जान को खतरा है। उनके विरोधी कासगंज जेल प्रशासन से मिलकर जेल के अंदर उनकी हत्या करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। डॉक्टर द्वारा कैमरे की निगरानी में कोई भी जांच नहीं की जाती है। अब्बास अंसारी को डर है कि कहीं उसके खाने में जहर ना मिला दिया जाए।’
कैमरे कि निगरानी मे रखने का कोर्ट ने दिया आदेश
लियाकत अली ने आगे बताया कि ‘सीजेएम की ओर से कासगंज जिला प्रशासन को आदेश दिया है कि कैमरे की निगरानी में अब्बास अंसारी के खाने की जांच कराई जाए और उनकी प्रत्येक गतिविधि को सीसीटीवी की निगरानी में रखा जाए। अब्बास अंसारी की सुरक्षा का पूरा प्रबंध किया जाए।’
जेल में परिजनों ने की मुलाकात
अब्बास अंसारी के परिजनों ने आज उससे जेल में मुलाकात की है। अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत अंसारी और उसके भाई उमर अंसारी ने गाजीपुर जेल पहुंचकर अब्बास अंसारी से मुलाकात की है। अब्बास अंसारी इन दिनों गाजीपुर जेल में है। सुप्रीम कोर्ट से अब्बास अंसारी को उसके पिता मुख्तार अंसारी की मौत के बाद फतिहा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 3 दिनों की कस्टडी पैरोल मिली है, जिसके चलते उसे 10 अप्रैल को कासगंज जेल से गाजीपुर जेल लाया गया था, तब से वह गाजीपुर जेल में है। कस्टडी में ही अब्बास 10 अप्रैल को मुहम्मदाबाद के काली बाग कब्रिस्तान ले जाया गया था, जहां उसने अपने पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ा।
मनी लॉड्रिंग मामले में अब्बास को किया था गिरफ्तार
सुभासपा विधायक अब्बास, प्रयागराज में मनी लॉड्रिंग केस में 18 नवंबर 2022 से चित्रकूट जेल में बंद है। अब्बास को ED ने 4 नवंबर, 2022 को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। इस दौरान पूछताछ में सहयोग न करने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद 14 तक कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। 18 दिसंबर को उसे पहले नैनी और फिर चित्रकूट जेल भेज दिया गया था।
जेल में चोरी-छुपे पत्नी से मिलता था अब्बास
10 फरवरी, 2023 को चित्रकूट जेल में अब्बास से मिलने के लिए उसकी बीवी निकहत अंसारी चोरी-छिपे पहुंची थी। इस बात का इनपुट पहले से ही अधिकारियों को मिल गया था। जेल में डीएम अभिषेक आनंद और एसपी वृंदा शुक्ला ने छापा मारकर दोनों को पकड़ा था। निखत के पास से विदेशी करेंसी और मोबाइल बरामद किया गया था। मामले ने तूल पकड़ा तो जांच के लिए SIT बनाई गई थी।
जेल प्रशासन ने की थी मदद
जांच में सामने आया कि जेल मैन्युअल के खिलाफ निकहत को अब्बास से मिलाने में जेल प्रशासन से लेकर कई लोग शामिल हैं। इसके बाद अब्बास समेत 5 आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई। आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। इनमें निकहत का ड्राइवर नियाज, सहयोगी शहबाज आलम के अलावा चित्रकूट निवासी सपा नेता फराज खान और कैंटीन के सप्लायर नवनीत सचान आरोपी हैं।
अब तक 7 लोगों की हुई गिरफ्तारी
SIT ने जांच के दौरान जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर, जेलर संतोष कुमार और वार्डर जगमोहन को भी मामले में दोषी पाया गया। इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया। मामले में अब तक 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
इस समय निकहत जमानत पर हैं। वहीं मामले में अन्य आरोपी जेल में बंद हैं। अब्बास को 15 फरवरी 2023 को चित्रकूट जेल से कासगंज जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। यहाँ अब्बास को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है।