गौरतलब हैं कि इस बार यूपी पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के एग्जाम में करीब 48 लाख अभ्यर्थी बैठे थे लेकिन पेपर लीक के कई मामले उजागर होने तदनुसार साक्ष्य मिलने और बाद में युवाओं के बढ़ते आन्दोलन को देखते हुए एग्जाम को रद्द कर दिया गया। यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में यूपी पुलिस ने दिल्ली पुलिस के एक हेडकांस्टेबल के सहयोगी को भी गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में आरोपी और उसके सहियोगी को भी पुलिस ढूंढ़ रही है। आरोपी सहयोगी की पहचान हरियाणा के जींद निवासी महेंद्र शर्मा के रूप में हुई है।
उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द होने के बाद एसटीएफ का एक्शन जारी है। कई जिलों से यूपी पुलिस की परीक्षा में सेंध लगानेवालों को धर दबोचा जा रहा है। वहीं बुधवार को यूपी एसटीएफ (UP STF) ने पेपर लीक करने वाले नेटवर्क की एक अहम कड़ी को धर दबोचा है। एसटीएफ ने हरियाणा के जींद जिले से महेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया है जिसके खिलाफ मेरठ के कंकरखेड़ा थाने में केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। वहीं महेंद्र शर्मा ने पूछताछ में बड़ा खुलासा भी किया है।
लीक हुए एग्जाम पेपर और अंसर-की प्रयागराज के अभिषेक शुक्ला और ग्रेटर नोएडा के रवि अत्तरी से खरीदे गए थे। ये दोनों ही साल 2015 में AIPMT पेपर लीक मामले में भी शामिल थे।
एसटीएफ के पूछताछ में महेंद्र शर्मा ने बताया कि पिछली 15 फरवरी को दिल्ली पुलिस के विक्रम पहल उन्हें गुरुग्राम के मानेसर स्थित रिजॉर्ट पर लेकर आया था। गुरुग्राम के इस रिजॉर्ट में पहले से 400 परीक्षारथी उपस्थित थे। 10 से 12 बसों में परीक्षार्थियों को लेकर गौरव चौधरी नामक युवक रिजॉर्ट लेकर आया था। उनके मुत्कबिक विक्रम पहल ने मदद करने पर लिए उन्हें 2 लाख देने का वादा किया था।
विक्रम पहल ने रिजॉर्ट में इकट्ठा हुए करीब 1000 परीक्षार्थियों को बुलाकर मीटिंग की। 16 फरवरी को दिन में 11 बजे विक्रम अपने साथियों के साथ 18 फरवरी की दूसरी पाली का प्रश्न पत्र और आनंसर की लेकर रिजॉर्ट में पहुंच गया था। इस के बाद अभ्यर्थियों से उनके मोबाइल फोन और गैजेट्स रखवा लिया गए थे और कहा गया कि वो लोग इन्हें रट लें। तस्वीरों में साफ रिजॉर्ट के लोन में बैठकर दर्जनों अभ्यर्थिय क्वेश्चन पेपर और अंसर-की को याद करते हुऐ देखे जा सकते हैं।
महेन्द्र ने आगे इसराजकोभीखोला है कि अभिषेक शुक्ला, विक्रम पहल, और रवि नामक व्यक्ति के साथ मिलकर परीक्षा से पहले ही दिल्ली में यूपी पुलिस भर्ती का पेपर आउट करने और ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थियों को गुरुग्राम के रिजॉर्ट में इकट्ठा कर पेपर देने की प्लानिंग हो गई थी। विक्रम पहल दिल्ली पुलिस में हवलदार हैं। विक्रम पहल को पुलिस भर्ती का पेपर फरार रवि अत्री ने दिया था जो नोएडा का रहने वाला है। नीट परीक्षा का पेपर लीक कराने में भी वह जेल जा चुका है।
पेपर लीक के लिए अभ्यर्थियों सेलिए थे 7 लाख रुपए:
जानकारी के मुताबिक विक्रम पहल ने हर परीक्षार्थी से 7 लाख में पेपर का सौदा किया था। पेपर होने के बाद ये रकम अभ्यर्थियों से मिलनी थी। महेन्द्र के खुलासे के बाद UPSTF की टीमें विक्रम पहल, रवि अत्री और अभिषेक शुक्ला को गिरफ्तार करने में जुट गई है। सूत्रों के अनुसार गारंटी के तौर पर आरोपियों ने अभ्यर्थियों की ऑरिजिनल मार्कशीट अपने पास रख ली थी ताकि वे पैसा देने से बाद में मुकर ना जाएं।
महेंद्र ने बताया कि कैंडिडेट्स को मानेसर लाने वालों में पूरा गैंग शामिल था। ये लोग प्रयागराज, मथुरा, नोएडा, वाराणसी से लेकर दूसरे जिलों से कैंडिडेट लाए थे। विक्रम पहल ने पेपर लीक कराने के लिए यूपी से हरियाणा तक कई शहरों में सिंडिकेट बनाया था।
इसमें प्रयागराज के अभिषेक, नोएडा के रवि अत्री, मथुरा के गौरव और हरियाणा सोनीपत के विक्रम दहिया का नाम सामने आया है। ये लोग उस दिन मानेसर के रिसॉर्ट में अभ्यर्थियों को लेकर पहुंचे थे।
इन चारों में से मथुरा के गौरव को एसटीएफ नोएडा से अरेस्ट कर चुकी है। जबकि अभिषेक, रवि और विक्रम दहिया फरार हैं। अभिषेक एमबीबीएस डॉक्टर है। रवि और गौरव इंजीनियरिंग प्रोफेशनल्स हैं। विक्रम दहिया भी निजी कंपनी में जॉब करता था।