चुनाव आयुक्तों के खाली पदों को भरने के बाद ही होगी लोकसभा चुनाव की घोषणा: नियुक्ति रोकने के लिए विपक्षी पार्टी पहुंची सुप्रीम कोर्ट
चुनाव आयुक्तों के खाली पदों को भरने के बाद ही होगी लोकसभा चुनाव की घोषणा

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के ऐलान से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का अचानक इस्तीफा देने से सियासत गरमाई हुई हैं लेकिन इससे चुनावी तैयारियों या कार्यक्रमों पर कोई असर नहीं है ऐसा बताया भी जा रहा है। 

चुनाव की घोषणा से पहले ही दो नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने पर सरकार जल्दी ही मीटिंग करने वाली है। सरकार तैयारियों में तेजी से काम कर रही है और नए आयुक्तों की नियुक्ति संभवत: 15 मार्च तक हो सकती है। इसके बाद चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी। वैसे भी चुनाव कार्यक्रमों के ऐलान को लेकर जो अटकलें लगाई जा रही हैं, उसके मुताबिक इस हफ्ते कभी भी ऐलान हो सकता है।

चुनाव के ऐलान के लिए आयोग का पूरा होना जरूरी नहीं 

चुनाव आयोग से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, चुनाव के ऐलान के लिए पूरे आयोग का होना जरूरी नहीं है, इसकी घोषणा अकेले मुख्य चुनाव आयुक्त भी कर सकते हैं।
1989 से पहले चुनाव आयोग एक सदस्यीय होता था। जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त ही अकेले चुनाव का ऐलान करते थे। इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ दो अन्य चुनाव आयुक्तों को नियुक्त किए जाने के बाद अधिकतर पूरा आयोग ही चुनाव का ऐलान करता आ रहा है। भले
ही मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ चुनाव आयुक्त एक ही रहा हो। इस बीच, चुनाव आयुक्त के चयन को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन हो गया है। जिसमें पीएम के अतिरिक्त दो सदस्यों में लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और पीएम की और से सहयोगी मंत्री के तौर पर अर्जुन राम मेघवाल को रखा गया है। 


14 मार्च को होनी है बैठक

कानून मंत्रालय की और से कमेटी के सदस्यों को भेजे गए संशोधित पत्र के मुताबिक बैठक 14 मार्च को दोपहर 12 बजे होगी। पहले यह 15 मार्च को शाम छह बजे होनी थी। गौरतलब है कि मौजूदा समय में दोनों चुनाव आयुक्तों के पद खाली है। एक पद हाल ही में अरुण गोयल के इस्तीफा देने से खाली हुआ है, वही दूसरा पद फरवरी में अनूप चंद्र पांडेय की सेवानिवृत्ति के बाद से रिक्त है।


चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह केंद्र सरकार को 2023 के कानून के अनुसार नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने से रोकने का अनुरोध करने वाली याचिका को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा। इस कानून के प्रविधान को पहले ही न्यायालय में चुनौती दी जा चुकी है।

निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे और अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति के बाद निर्वाचन आयुक्तों के दो पद खाली हो गए हैं। निर्वाचन आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार अब इकलौते सदस्य रह गए हैं। देश के चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा- 'एक ईमेल भेजिए। हम देखेंगे।' कांग्रेस नेता जया ठाकुर की और से अधिवक्ता विकास सिंह और अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए लगाया। कांग्रेस नेता ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा अन्य निर्वाचन आयुक्त अधिनियम, 2023 के प्रविधानों को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया कि उनकी याचिका पर सुनवाई लंबित रहने के दौरान निर्वाचन आयोग के एक सदस्य अरुण गोयल ने बीते नौ मार्च को इस्तीफा दे दिया।

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